पटना: बाहुबली आनंद मोहन और अन्य कैदियों की रिहाई पर बिहार में सियासत रुक नहीं रही है. सरकार पर लग रहे आरोपों के बचाव के लिए मुख्य सचिव को उतारना पड़ रहा है. भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि सरकार के पास स्पेशल रिमिशन का अधिकार है. पहले भी 26 जनवरी और 15 अगस्त को स्पेशल रिमिशन करती रही है. कहीं भी लोक सेवकों की हत्या से संबंधित जेल मैन्युअल में प्रावधान नहीं है, इसलिए बिहार में भी इसे हटाया गया है.
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"सुशील मोदी कभी छोड़ने के लिए बयान देते हैं और जाकर मिलते हैं. यह भी कहते हैं कि जब राजीव गांधी के हत्यारों को छोड़ा जा सकता है तो आनंद मोहन को क्यों नहीं और जब सरकार छोड़ देती है तब कहते हैं कि यह सही नहीं हुआ. दलित के विरोध में फैसला लिया गया है. बीजेपी के नेताओं का दोहरा चरित्र है."- अशोक चौधरी, भवन निर्माण मंत्री
सुविधा के अनुसार राजनीतिः मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि आनंद मोहन की जगह पर कोई एबीसीडी होता तो चिंता नहीं होती है. जिनकी रिहाई हुई है उसमें दलित, अति पिछड़ा और बैकवर्ड है उनकी चर्चा हो रही है क्या. बीजेपी के लोग अपनी सुविधा के अनुसार राजनीति कर रहे हैं. कभी छोड़ने के लिए बयान देते हैं और आनंद मोहन से जाकर मिलते हैं.जब सरकार छोड़ देती है तब कहते हैं कि यह सही नहीं हुआ.
हाय तौबा मचाया जा रहा: अशोक चौधरी ने कहा कि आनंद मोहन को लेकर इसलिए हाय तौबा मचाया जा रहा है क्योंकि पूर्व सांसद रह चुके हैं. उनके बेटे विधायक हैं. उनकी पार्टी भी रही है तो बड़े राजनेता हैं. यदि आनंद मोहन की जगह कोई और होता तो इसे नोटिस भी नहीं लेता कोई. क्या आनन्द मोहन जदयू में शामिल होंगे, इस पर अशोक चौधरी भड़कते हुए कहते हैं 26 अन्य लोग जो हैं उनके बारे में तो आप लोग नहीं कह रहे हैं कि किस पार्टी में शामिल होंगे.