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गुरुवार को मेष संक्रांति के साथ ही खत्म होगा खरमास, भगवान सूर्यदेव की पूजा करने से नौकरी में मिलेगा प्रमोशन

14 अप्रैल को सूर्य मीन राशि से मेष राशि में प्रवेश करने वाले हैं. इसके साथ ही खरमास खत्म हो जाएगा और शादी ब्याह, गृह प्रवेश आदि शुभ कामों की शुरुआत हो जाएगी. इस दिन सूर्य देवता की पूजा अर्चना करने से रोगों से मुक्ति मिलने के साथ ही और भी कई फायदे होते हैं. आइये जानते हैं भगवान भास्कर की पूजा की विधि.

surya dev puja vidhi on Mesh Sankranti 2022
surya dev puja vidhi on Mesh Sankranti 2022
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Published : Apr 13, 2022, 6:24 PM IST

Updated : Apr 13, 2022, 10:53 PM IST

पटना: जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो उस स्थिति को संक्रांति कहा जाता है. सूर्य 14 अप्रैल को मेष राशि में गोचर करेगा, ऐसे में मेष संक्रांति का योग बनेगा. इस योग में कैसे और कब करें पूजा जानने के लिए ईटीवी भारत ने आचार्य मनोज कुमार मिश्रा से खास बातचीत की. आचार्य ने बताया कि एक राशि से दूसरे राशि में गोचर करने को संक्रांति कहते हैं. सूर्य प्रत्येक माह दूसरी राशि में गोचर करते हैं. इस तरह वर्ष में 12 संक्रातियां होती हैं. सूर्य मेष राशि से अंतिम राशि मीन तक भ्रमण करते है. सूर्य को मीन राशि में प्रवेश करने को मेष संक्रांति (Mesh Sankranti 2022) कहा जाता है. आचार्य ने कहा कि 14 अप्रैल को सुबह 9 बजे सूर्य मेष राशि में प्रवेश करेंगे.

पढ़ें- खरमास खत्म, शुरू हुए मांगलिक कार्य, जानिए अगले दो महीने विवाह के शुभ मुहूर्त कब-कब ?

ऐसे करें सूर्य देव की पूजा: आचार्य ने बताया कि मेष संक्रांति पर खासकर सूर्य देवता की विधि विधान से पूजा अर्चना (surya dev puja vidhi ) की जाती है. जो लोग कल सूर्य देवता को जल देंगे, विधि विधान से पूजा करेंगे, उन्हें मनवांछित फल की प्राप्ति होगी. साथ ही नौकरी में पदोन्नति भी होती है. मेष संक्रांति पर सुबह स्नान कर सूर्य देवता को अर्घ दें और अर्घ देने के बाद दान पुण्य करें. इस दिन सूर्य देव की पूजा करें. उनको लाल फूल, लाल चंदन, अक्षत और शक्कर पानी में मिलाकर अर्पित करें. गरीब या ब्राह्मण को भोजन करा कर दान करें . सूर्य देव की कृपा से आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी.

कल से होंगे शुभ कार्य: हिंदू पंचांग के अनुसार सूर्य का मीन राशि से मेष राशि में प्रवेश 14 अप्रैल 2022 दिन गुरुवार को होगा. सूर्यदेव मेष राशि में प्रवेश करेंगे, उस समय मेष संक्रांति होगी. 14 अप्रैल 2022 को सुबह 8 बजकर 41 मिनट पर सूर्य मेष राशि में प्रवेश करेंगे. इस दिन मेष संक्रांति का पुण्य काल 7 घंटे और 15 मिनट का होगा. पुण्य काल सुबह 05:57 मिनट से दोपहर 1:12 बजे तक रहेगा. इसके साथ इस दिन महा पुण्य काल 4 घंटे 16 मिनट तक का होने वाला है. यह सुबह 06:48 से 11:04 बजे तक रहेगा.

खत्म होगा खरमास: मीन संक्रांति से खरमास होने के कारण मांगलिक कामों पर रोक लग जाती है. इसलिए जब सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता है, तो खरमास खत्म हो जाता है. यानी कल से खरमाष माह खत्म हो रहा है. जिससे कल से शुभ कामों की शुरुआत हो जाएगी. इस दौरान विवाह, नामकरण, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य किए जा सकते हैं.

सूर्य को अर्घ्य देते वक्त रखें इन बातों का खास ध्यान: मेष संक्रांति के दिन नित्य क्रियाओं से निवृत्त होने के बाद किसी पवित्र नदी में स्नान करें या पानी में थोड़ा गंगाजल मिलाकर स्नान करें. स्नान के उपरांत वस्त्र धारण कर तांबे के लोटे में जल भरकर इसमें लाल चंदन, थोड़ा कुमकुम और लाल फूलों को मिलाकर लोटे में जल भरकर पूरब दिशा की ओर मुंह कर के दोनों हाथों से लोटे को अपने सर से ऊपर की ओर उठा कर धीरे धीरे जल की धारा बना कर अर्घ्य दें. उस जल से सूर्य को 7 बार धार गिराएं. मेष संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूजा करने से सभी प्रकार के दुख रोग दूर हो जाते हैं.

पढ़ें- प्रदोष व्रत से दूर होगा कुंडली में मंगल दोष, आज शाम को करें भोलेनाथ की पूजा

पढ़ें- कल है गुरु प्रदोष व्रत, मनोकामना पूर्ति के लिए इस मुहूर्त में करें भोलेनाथ की आराधना

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पटना: जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो उस स्थिति को संक्रांति कहा जाता है. सूर्य 14 अप्रैल को मेष राशि में गोचर करेगा, ऐसे में मेष संक्रांति का योग बनेगा. इस योग में कैसे और कब करें पूजा जानने के लिए ईटीवी भारत ने आचार्य मनोज कुमार मिश्रा से खास बातचीत की. आचार्य ने बताया कि एक राशि से दूसरे राशि में गोचर करने को संक्रांति कहते हैं. सूर्य प्रत्येक माह दूसरी राशि में गोचर करते हैं. इस तरह वर्ष में 12 संक्रातियां होती हैं. सूर्य मेष राशि से अंतिम राशि मीन तक भ्रमण करते है. सूर्य को मीन राशि में प्रवेश करने को मेष संक्रांति (Mesh Sankranti 2022) कहा जाता है. आचार्य ने कहा कि 14 अप्रैल को सुबह 9 बजे सूर्य मेष राशि में प्रवेश करेंगे.

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ऐसे करें सूर्य देव की पूजा: आचार्य ने बताया कि मेष संक्रांति पर खासकर सूर्य देवता की विधि विधान से पूजा अर्चना (surya dev puja vidhi ) की जाती है. जो लोग कल सूर्य देवता को जल देंगे, विधि विधान से पूजा करेंगे, उन्हें मनवांछित फल की प्राप्ति होगी. साथ ही नौकरी में पदोन्नति भी होती है. मेष संक्रांति पर सुबह स्नान कर सूर्य देवता को अर्घ दें और अर्घ देने के बाद दान पुण्य करें. इस दिन सूर्य देव की पूजा करें. उनको लाल फूल, लाल चंदन, अक्षत और शक्कर पानी में मिलाकर अर्पित करें. गरीब या ब्राह्मण को भोजन करा कर दान करें . सूर्य देव की कृपा से आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी.

कल से होंगे शुभ कार्य: हिंदू पंचांग के अनुसार सूर्य का मीन राशि से मेष राशि में प्रवेश 14 अप्रैल 2022 दिन गुरुवार को होगा. सूर्यदेव मेष राशि में प्रवेश करेंगे, उस समय मेष संक्रांति होगी. 14 अप्रैल 2022 को सुबह 8 बजकर 41 मिनट पर सूर्य मेष राशि में प्रवेश करेंगे. इस दिन मेष संक्रांति का पुण्य काल 7 घंटे और 15 मिनट का होगा. पुण्य काल सुबह 05:57 मिनट से दोपहर 1:12 बजे तक रहेगा. इसके साथ इस दिन महा पुण्य काल 4 घंटे 16 मिनट तक का होने वाला है. यह सुबह 06:48 से 11:04 बजे तक रहेगा.

खत्म होगा खरमास: मीन संक्रांति से खरमास होने के कारण मांगलिक कामों पर रोक लग जाती है. इसलिए जब सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता है, तो खरमास खत्म हो जाता है. यानी कल से खरमाष माह खत्म हो रहा है. जिससे कल से शुभ कामों की शुरुआत हो जाएगी. इस दौरान विवाह, नामकरण, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य किए जा सकते हैं.

सूर्य को अर्घ्य देते वक्त रखें इन बातों का खास ध्यान: मेष संक्रांति के दिन नित्य क्रियाओं से निवृत्त होने के बाद किसी पवित्र नदी में स्नान करें या पानी में थोड़ा गंगाजल मिलाकर स्नान करें. स्नान के उपरांत वस्त्र धारण कर तांबे के लोटे में जल भरकर इसमें लाल चंदन, थोड़ा कुमकुम और लाल फूलों को मिलाकर लोटे में जल भरकर पूरब दिशा की ओर मुंह कर के दोनों हाथों से लोटे को अपने सर से ऊपर की ओर उठा कर धीरे धीरे जल की धारा बना कर अर्घ्य दें. उस जल से सूर्य को 7 बार धार गिराएं. मेष संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूजा करने से सभी प्रकार के दुख रोग दूर हो जाते हैं.

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Last Updated : Apr 13, 2022, 10:53 PM IST
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