पटना: शहरी विकास मंत्रालय ने स्मार्ट सिटी को लेकर वार्षिक रिपोर्ट जारी कर दिया है, जिसमें एक बार फिर से पटना फिसड्डी साबित हुआ है. एक रिपोर्ट के अनुसार पटना स्मार्ट सिटी को 100 शहरों में 33वां रैंक मिला है. स्मार्ट सिटी को लेकर पटना में कितना काम हुआ, इस रिपोर्ट में सरकार की पोल खुल गई है.
केंद्र सरकार ने 2017 में देश भर के 100 शहरों को स्मार्ट बनाने के लिए चयनित किया था. जिसमें बिहार के भी चार शहर स्मार्ट सिटी के रूप में डेवलप होने हैं. स्मार्ट सिटी शहर में कितना काम होता है. इसको लेकर केंद्र सरकार हर साल रैंक जारी करती है और बताती है किस शहर का विकास कितना हुआ है.
'स्मार्ट सिटी पर नहीं हुआ काम'
बिहार के चार शहर एक बार फिर से फिसड्डी साबित हुए हैं. इसको लेकर हमने नगर विकास मंत्री से सवाल किया तो उनका साफ तौर पर माना कि पटना में कुछ काम स्मार्ट सिटी के रूप में हुआ है और कुछ काम रुका हुआ है. उन्होंने कहा कि जो एबीडी एरिया हैं, जिसका प्रॉपर प्रमोशन नहीं हुआ था. उसको हम रेगुलर कर रहे हैं. मंत्री सुरेश सर्मा ने बताया कि कुछ एरिया पर कोर्ट में केस होने के कारण काम पेंडिग है. उस एरिया में काम नहीं हो पाया है.
'बाधा के कारण रुका काम'
नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा ने कहा कि जब स्मार्ट सिटी एरिया में काम ही नहीं हो रहा है तो रैंक कहां से सुधर सकता है. उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी एरिया में जो काम हो रहे थे, उसमें बाधा आ गई है. इसलिए काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है. हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि काम में बाधा क्यों आई है. नगर विकास मंत्री का साफ तौर पर कहना था कि कोरोना वायरस की वजह से कुछ काम धीमी हो गई है. लेकिन 31 मार्च के बाद से तेजी से काम की शुरुआत की जाएगी.
नगर विकास मंत्री के बयान पर विपक्ष का हमला
मंत्री सुरेश शर्मा के इस बयान पर विपक्ष ने जमकर हमला बोला है. हम पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता विजय यादव ने कहा कि स्मार्ट सिटी शहर के नाम पर सरकार लोगों को गुमराह कर रही है. उन्होंने कहा कि बिहार में स्मार्ट सिटी के नाम पर सरकार कुछ काम नहीं कर रही है. हम प्रदेश प्रवक्ता ने ये भी कहा कि अब तक जो भी स्मार्ट सिटी के रूप में काम हुए हैं, उसमें बहुत बड़ा घोटाला हुआ है.