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DGP संजीव सिंघल की मुश्किलें बढ़ीं, नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को जारी किया नोटिस - etv bharat bihar

डीजीपी संजीव कुमार सिंघल (DGP Sanjeev Kumar Singhal) की नियुक्ति के खिलाफ दायर अर्जी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को नोटिस जारी किया (Supreme Court Issues Notice to Bihar Government) है. पूछा गया है कि आखिर कर क्यों नहीं डीजीपी की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया गया.

डीजीपी की नियुक्ति को चुनौती
डीजीपी की नियुक्ति को चुनौती
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Published : Mar 7, 2022, 4:47 PM IST

Updated : Mar 7, 2022, 8:45 PM IST

पटना: बिहार के डीजीपी संजीव कुमार सिंघल (DGP Sanjeev Kumar Singhal) की मुश्किलें बढ़ने वाली है. दरअसल डीजीपी की नियुक्ति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर हुई थी, जिस पर सोमवार को सुनवाई हुई है. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को नोटिस जारी किया (Supreme Court Issues Notice to Bihar Government) है. याचिकाकर्ता की ओर से बहस करते हुए अधिवक्ता ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने कई बार राज्य के डीजीपी की नियुक्ति में अपने आदेश का पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है लेकिन बिहार में कोर्ट के आदेश को ताक पर रखकर डीजीपी की नियुक्ति की गई है.

ये भी पढ़ें: VIDEO: जब 50 मीटर की रेस के दौरान लड़खड़ाकर मुंह के बल गिर पड़े डीजीपी एसके सिंघल

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं हुआ: मिल रही जानकारी के अनुसार कोर्ट के द्वारा बिहार सरकार से पूछा गया है कि आखिर कर क्यों नहीं डीजीपी की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया गया है. यही नहीं यह भी पूछा गया है कि इस मामले को हाईकोर्ट में क्यों नहीं लाया गया. हालांकि बताया गया है कि हाई कोर्ट में पहले से दो मामले लंबित हैं और उस पर सुनवाई नहीं हो रही है. जिस वजह से सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में सुनवाई करनी चाहिए.

नियुक्ति पर सवाल: दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आदेश दिया है कि वह किसी भी पुलिस अधिकारी को कार्यवाहक डीजीपी के तौर पर नियुक्त नहीं करें. यही नहीं राज्य सरकार डीजीपी और पुलिस कमिश्नर के पद पर नियुक्ति के लिए जिन पुलिस अधिकारियों के नाम पर विचार कर रही होगी, उनके नाम यूपीएससी को भेजा जाएगा और फिर यूपीएससी उसे शॉर्टलिस्ट कर सबसे करीब उपयुक्त अधिकारी की सूची को भेजा जाएगा. उनमें से एक को चुनना होता है.

सरकार ने आदेश को ताक पर रखा: इसी के साथ यह भी नियम है कि पुलिस प्रमुख के रिटायरमेंट के 3 महीने पहले यह सिफारिश भी उसी को भेजी जाए. इसके साथ ही सरकार को यह भी कोशिश करनी चाहिए कि डीजीपी बनने वाले अधिकारी का पर्याप्त सेवाकाल कम से कम 2 साल बचा होना चाहिए. बिहार सरकार ने कोर्ट के इस आदेश को ताक पर रखकर कहीं ना कहीं डीजीपी के पद पर इसकी नियुक्ति की थी.

ये भी पढ़ें: बिहार के DGP एसके सिंघल का 2 सालों के लिए बढ़ा कार्यकाल, गृह विभाग ने जारी की अधिसूचना

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पटना: बिहार के डीजीपी संजीव कुमार सिंघल (DGP Sanjeev Kumar Singhal) की मुश्किलें बढ़ने वाली है. दरअसल डीजीपी की नियुक्ति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर हुई थी, जिस पर सोमवार को सुनवाई हुई है. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को नोटिस जारी किया (Supreme Court Issues Notice to Bihar Government) है. याचिकाकर्ता की ओर से बहस करते हुए अधिवक्ता ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने कई बार राज्य के डीजीपी की नियुक्ति में अपने आदेश का पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है लेकिन बिहार में कोर्ट के आदेश को ताक पर रखकर डीजीपी की नियुक्ति की गई है.

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सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं हुआ: मिल रही जानकारी के अनुसार कोर्ट के द्वारा बिहार सरकार से पूछा गया है कि आखिर कर क्यों नहीं डीजीपी की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया गया है. यही नहीं यह भी पूछा गया है कि इस मामले को हाईकोर्ट में क्यों नहीं लाया गया. हालांकि बताया गया है कि हाई कोर्ट में पहले से दो मामले लंबित हैं और उस पर सुनवाई नहीं हो रही है. जिस वजह से सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में सुनवाई करनी चाहिए.

नियुक्ति पर सवाल: दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आदेश दिया है कि वह किसी भी पुलिस अधिकारी को कार्यवाहक डीजीपी के तौर पर नियुक्त नहीं करें. यही नहीं राज्य सरकार डीजीपी और पुलिस कमिश्नर के पद पर नियुक्ति के लिए जिन पुलिस अधिकारियों के नाम पर विचार कर रही होगी, उनके नाम यूपीएससी को भेजा जाएगा और फिर यूपीएससी उसे शॉर्टलिस्ट कर सबसे करीब उपयुक्त अधिकारी की सूची को भेजा जाएगा. उनमें से एक को चुनना होता है.

सरकार ने आदेश को ताक पर रखा: इसी के साथ यह भी नियम है कि पुलिस प्रमुख के रिटायरमेंट के 3 महीने पहले यह सिफारिश भी उसी को भेजी जाए. इसके साथ ही सरकार को यह भी कोशिश करनी चाहिए कि डीजीपी बनने वाले अधिकारी का पर्याप्त सेवाकाल कम से कम 2 साल बचा होना चाहिए. बिहार सरकार ने कोर्ट के इस आदेश को ताक पर रखकर कहीं ना कहीं डीजीपी के पद पर इसकी नियुक्ति की थी.

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Last Updated : Mar 7, 2022, 8:45 PM IST
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