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BPSC Teacher Recruitment 2023 : सुप्रीम कोर्ट से B.Ed पास अभ्यर्थियों को राहत नहीं, मामला दूसरे बेंच में ट्रांसफर

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 9, 2023, 11:31 AM IST

Updated : Oct 9, 2023, 12:57 PM IST

बिहार के बीएड पास अभ्यर्थियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में हुई आज की सुनवाई में शिक्षक अभ्यर्थियों को कोई राहत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने अब इस मामले को दूसरी बेंच को ट्रांसफर कर दिया है. पढ़ें पूरी खबर..

सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट

पटना: सुप्रीम कोर्ट में आज बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के एसएलपी याचिका पर सुनवाई हुई. इस सुनवाई में बीएड पास अभ्यर्थियों को कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है. अदालत ने बिहार के 1.70 लाख बीएड योग्यताधारी शिक्षक अभ्यर्थियों के मामले को दूसरी बेंच में ट्रांसफर कर दिया है. इस मामले में जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस एमएम सुंदरेश की बेंच में सुनवाई की. इधर बिहार सरकार ने भी एसएलपी वापस ले ली है और बदलाव के साथ दूसरी याचिका दायर की जाएगी.

ये भी पढ़ेंः BPSC डायरेक्टर के ट्वीट के बावजूद ऊहापोह की स्थिति में BEd शिक्षक अभ्यर्थी, सरकार से हस्तक्षेप की मांग

सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी याचिका पर सुनवाईः बिहार सरकार ने याचिका इसलिए दायर किया है कि इस वैकेंसी के नोटिफिकेशन आने से लेकर एग्जाम की प्रक्रिया शुरू होने तक सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट नहीं आया था और ऐसे में इस जजमेंट को अगले बहाली से बिहार के लिए लागू किया जाए. गौरतलब है कि बिहार सरकार ने 1.70 लाख शिक्षकों के पदों पर वैकेंसी निकली थी और प्राइमरी में लगभग 80 हजार सीटें थीं.

राजस्थान सरकार के मामले में आया था ये फैसलाः बिहार में प्राइमरी टीचर के लिए डीएलएड और बीएड योग्यताधारी सभी अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. लेकिन इसी बीच भर्ती परीक्षा के दो सप्ताह पहले सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार के एक मामले पर फैसला सुनाते हुए निर्णय दिया कि अब बीएड योग्यताधारी कक्षा 1 से 5 के लिए प्राइमरी शिक्षक नहीं बन पाएंगे और सिर्फ डीएलएड योगिता वाले ही कक्षा 1 से 5 में प्राइमरी शिक्षक बन पाएंगे. इस नियम को बीपीएससी ने भी प्रदेश में लागू करने का फैसला किया है, जिस कारण कई अभ्यर्थियों के रिजल्ट पर रोक लग गई है.


सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी नजरः राजस्थान सरकार पर दिए गए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद बिहार सरकार की शिक्षक बहाली वैकेंसी भी फंस गई है. सरकार इस असमंजस में है कि बीएड अभ्यर्थियों का प्राइमरी के लिए रिजल्ट जारी किया जाएगा अथवा नहीं. सुप्रीम कोर्ट में बीएड अभ्यर्थियों के तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने दलील पेश की.

पटना: सुप्रीम कोर्ट में आज बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के एसएलपी याचिका पर सुनवाई हुई. इस सुनवाई में बीएड पास अभ्यर्थियों को कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है. अदालत ने बिहार के 1.70 लाख बीएड योग्यताधारी शिक्षक अभ्यर्थियों के मामले को दूसरी बेंच में ट्रांसफर कर दिया है. इस मामले में जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस एमएम सुंदरेश की बेंच में सुनवाई की. इधर बिहार सरकार ने भी एसएलपी वापस ले ली है और बदलाव के साथ दूसरी याचिका दायर की जाएगी.

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सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी याचिका पर सुनवाईः बिहार सरकार ने याचिका इसलिए दायर किया है कि इस वैकेंसी के नोटिफिकेशन आने से लेकर एग्जाम की प्रक्रिया शुरू होने तक सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट नहीं आया था और ऐसे में इस जजमेंट को अगले बहाली से बिहार के लिए लागू किया जाए. गौरतलब है कि बिहार सरकार ने 1.70 लाख शिक्षकों के पदों पर वैकेंसी निकली थी और प्राइमरी में लगभग 80 हजार सीटें थीं.

राजस्थान सरकार के मामले में आया था ये फैसलाः बिहार में प्राइमरी टीचर के लिए डीएलएड और बीएड योग्यताधारी सभी अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. लेकिन इसी बीच भर्ती परीक्षा के दो सप्ताह पहले सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार के एक मामले पर फैसला सुनाते हुए निर्णय दिया कि अब बीएड योग्यताधारी कक्षा 1 से 5 के लिए प्राइमरी शिक्षक नहीं बन पाएंगे और सिर्फ डीएलएड योगिता वाले ही कक्षा 1 से 5 में प्राइमरी शिक्षक बन पाएंगे. इस नियम को बीपीएससी ने भी प्रदेश में लागू करने का फैसला किया है, जिस कारण कई अभ्यर्थियों के रिजल्ट पर रोक लग गई है.


सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी नजरः राजस्थान सरकार पर दिए गए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद बिहार सरकार की शिक्षक बहाली वैकेंसी भी फंस गई है. सरकार इस असमंजस में है कि बीएड अभ्यर्थियों का प्राइमरी के लिए रिजल्ट जारी किया जाएगा अथवा नहीं. सुप्रीम कोर्ट में बीएड अभ्यर्थियों के तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने दलील पेश की.

Last Updated : Oct 9, 2023, 12:57 PM IST
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