पटना: कोरोना महामारी में सभी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. इसके लिए सरकार आवश्यक कदम उठा रही है. लोग घरों में हैं, तो रसोई गैस की खपत भी ज्यादा हो गई है. रुपयों की कमी न हो. इसके लिए सरकार ने सभी गैस उपभोक्ताओं को एक श्रेणी में शामिल कर दिया है. मानें, अब रसोई गैस में मिलने वाली सब्सिडी लोगों के खाते में नहीं आएगी.
सरकार ने सब्सिडी बंद करने के साथ ही गैस के दामों में करीब 200 से 250 रुपये प्रति सिलिंडर की कटौती कर दी है. सरकार ने उतने ही दामों को घटाया है, जितनी सब्सिडी लोगों के बैंक खातों में जाती थी. बात करें बिहार में गैस के दामों की, तो वर्तमान में गैस सिलेंडर 621 रुपये में मिल रहा है. ग्राहकों की मानें, तो 23 रुपये सब्सिडी मिल रही है.
उपभोक्ता लगा रहे हिसाब
इससे पहले सिलेंडर के दाम 843 रुपये थे. जिसपर 245 रुपये सब्सिडी मिलती थी. ऐसे में उपभोक्ताओं का कहना है ये दाम बहुत ज्यादा हैं. देखा जाए तो सब्सिडी हटाने के बाद सिलेंडर के दाम 598 रुपये होने चाहिए थे. लेकिन ये दाम तो बढ़कर 621 रुपये हैं. वहीं, 20 रुपये वेंडर को देने पड़ते हैं. तो दाम घटे कहां से...?
बिहार में गैस आपूर्ति
- बिहार में तकरीबन 5 हजार 800 गैस एजेंसी हैं.
- 1 करोड़ 75 लाख 87 हजार 3 गैस कनेक्शन हैं.
- इनमें 85 लाख 37 हजार 168 उज्जवला योजना गैस कनेक्शन हैं
- वहीं अकेले पटना में 100 से ज्यादा गैस एजेंसी हैं.
- जिनमें 73 इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन एजेंसी है.
- पटना जिला में 13 लाख 69 हजार 393 गैस कनेक्शन हैं.
- इनमें से उज्जवला 2 लाख 39 हजार 965 गैस कनेक्शन हैं.
उज्जवला योजना ने बढ़ा दी डिमांड
गैस यूनियन के पूर्व अध्यक्ष अभिजीत कश्यप ने आंकड़ें देते हुए बताया कि उज्जवला जैसी योजनाओं के बाद गैस की मांग और खपत ज्यादा हो गई है. गैस के दाम के तुलना में सब्सिडी ग्राहकों को दी जा रही है. कुल मिलाकर, कोरोना काल के दौरान आर्थिक तंगी से जूझ रहे उपभोक्ताओं ने गैस की कीमतों में और कमी लाने की मांग की है.