पटना: उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) का विलय आज जनता दल यूनाइटेड (जदयू) में विलय हो गया. काफी समय से इसकी चर्चा होती रही है. कभी उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी में विधायक रहे सुधांशु शेखर ने रालोसपा छोड़ जदयू का दामन थाम लिया था. इस विलय पर जदयू कोटे से विधायक सुधांशु शेखर ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा हमारे नेता रहे हैं और उनके आने से जदयू मजबूत होगी.
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बता दें कि 2015 के विधानसभा चुनाव में रालोसपा से दो विधायकों ने चुनाव जीता था. बाद में दोनों विधायक जदयू में शामिल हो गए. इसमें से एक सुधांशु शेखर इस बार विधानसभा चुनाव में जदयू कोटे से चुनाव जीते हैं. सुधांशु शेखर ने जदयू कार्यालय पहुंचकर कहा कि उपेंद्र कुशवाहा के जदयू में आने से पार्टी का पुराना समीकरण मजबूत होगा. सुधांशु शेखर ने यह भी कहा कि उपेंद्र कुशवाहा तो हमारे नेता रहे हैं और पार्टी ने यह बड़ा फैसला लिया है.
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दो दिन पहले दो दर्जन से अधिक नेताओं ने थामा राजद का दामन
बता दें कि मार्च 2013 में गठन के बाद से ही रालोसपा लगातार टूट का शिकार होती रही है. लोकसभा चुनाव 2019 और विधानसभा चुनाव 2020 में करारी हार के बाद पार्टी लगातार संकट के दौर जो जूझ रही है. पार्टी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने पिछले दिनों जदयू में शामिल होने का संकेत दिया तो पार्टी ही टूट गई. बीते शुक्रवार को रालोसपा के दो दर्जन से अधिक नेताओं ने राजद का दामन थाम लिया था. वहीं दो दिन बाद उपेंद्र कुशवाहा की मौजूदगी में रालोसपा का राजद में विलय हो गया.