नवादा: जिले में गरीब और असहाय बच्चों के लिए सामुदायिक पाठशाला वरदान साबित हो रहा है. पुलिस पाठशाला के तर्ज पर नवादा में चलनेवाली निशुल्क सामुदायिक पाठशाला से जुड़कर अधिकारी बनने के सपने देखने वाले सैकड़ों छात्र अपने भविष्य संवारने में लगे हुए हैं. हालांकि, नवादा में तो खुले हुए कुछ ही महीने हुए थे कि कोरोना महामारी ने देश दस्तक दे दी.
पूरे देश में लॉकडाउन लग गए और बच्चों को एक स्थान पर बैठकर शिक्षा देना इस संस्थान के लिए चुनौती बन गई. लेकिन कहते हैं ना कि हर समस्या से कुछ नया सीखने को मिलता है और कोरोना के वजह से इस संस्थान ने कक्षा को ऑनलाइन में तब्दील कर दिया.
देश के तेज-तर्रार आईपीएस ऑफिसर मनोज कुमार के सफल मार्गदर्शन और मैडम चेतना त्रिपाठी ने समुदायिक पाठशाला को ऑनलाइन में तब्दील कर दिया, जिससे न पढ़ने वाले बच्चों को घर से बाहर न निकलने की जरूरत पड़े और ना ही पढ़ाई में कोई बाधाएं आएं. उन्हें घर बैठे एक से बढ़कर एक देशभर के आईएएस, आईपीएस और जाने-माने शिक्षक छात्र को शिक्षा दे रहे हैं, जिसका स्टूडेंट भरपूर लाभ उठा रहे हैं.
'नवादा के बच्चे होते हैं मेहनती'
भागलपुर में शुरू होनेवाले पुलिस पाठशाला मुजफ्फरपुर होते हुए नवादा में बदलकर सामुदायिक पाठशाला बन गए हों लेकिन काम व मकसद वहीं है. पुलिस पाठशाला शुरू कर रातों-रात सुर्खियां बटोरनेवाले नवादा के लाल तत्कालीन भागलपुर के एसएसपी व वर्तमान में सुपौल जिले के एसपी मनोज कुमार बताते हैं कि नवादा के बच्चे काफी मेहनती है यहां सेल्फ स्टडी का कल्चर है. बस थोड़ा सा यहां के शिक्षक सपोर्ट कर दे तो वो नौकरी हांसिल कर सकते हैं. इन्हीं सारी चीजों को ध्यान में रखते हुए. यहां चेतना सर्विंग ह्यूमैनिटी ने सामुदायिक पाठशाला की शुरुआत की है.
इन जिलों में चल रही है निशुल्क सामुदायिक पाठशाला
गौरतलब है कि, नवादा जिले के अकबरपुर प्रखंड के पतरंग गांव में स्थित चेतना सर्विस ह्यूमैनिटी संस्थान के तत्वावधान में सचिव चेतना के पहल पर नवादा में निशुल्क सामुदायिक पाठशाला की शुरुआत किया गया है. इस व्यवस्था को सबसे पहले भागलपुर में शुरू किया गया, जो पुलिस पाठशाला के नाम से आज भी गरीब छात्रों का भविष्य बनाने में जुटा है. दूसरी, सामुदायिक पाठशाला मुजफ्फरपुर में कार्यरत है और छात्रों के बीच में एक सकारात्मक पहल के रूप में चर्चा का विषय बना हुआ है. दोनों सामुदायिक पाठशाला में अनेक छात्रों को सशक्त बनाने का कार्य किया गया है. इससे जुड़कर आज सैकड़ों विद्यार्थी सरकारी नौकरी प्राप्त कर चुके हैं. इस पाठशाला के द्वारा छात्रों को अनुशासन और आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ाया जा रहा है.