पटनाः बिहार में छात्र नेता दिलीप कुमार ने शिक्षा सुधार रोजगार अभियान की शुरुआत की है. रविवार को पटना के फ्रेजर रोड स्थित यूथ हॉस्टल से इस अभियान की शुरुआत की गई. इसके तहत बिहार के विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता लाने की मांग को लेकर युवाओं का हस्ताक्षर लिया जाएगा. दिलीप ने बताया कि पहले पटना में 3 दिनों तक यह अभियान चलेगा उसके बाद वह नालंदा में जाएंगे, धीरे-धीरे इस कड़ी को आगे बढ़ाते हुए वह प्रदेश के 38 जिला का दौरा करेंगे.
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3 महीने चलेगा अभियानः लगभग 3 महीने में यह हस्ताक्षर अभियान पूरा करेंगे. उन्होंने बताया कि इसमें 10 सूत्री मांगों को लेकर युवाओं का हस्ताक्षर लिया जाएगा. ये सरकार से नौकरी नहीं मांग रहे हैं, बल्कि विभिन्न नौकरियों के लिए होने वाली प्रतियोगी परीक्षा में पारदर्शिता लाने की मांग कर रहे हैं. पारदर्शिता कैसे लाई जा सकती है, इसका प्रस्ताव उनके पास है. इस पर प्रदेश के 5 लाख युवाओं और शिक्षकों का हस्ताक्षर कराएंगे.
'धांधली व सेटिंग बंद हो': छात्र नेता दिलीप ने कहा कि विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता कैसे लाई जा सकती है, इसका उदाहरण बीपीएससी है. हाल के दिनों में बीपीएससी ने अपनी प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता लाई है. धांधली व सेटिंग के रास्ते को बंद कर दिए गए. छात्र नेता दिलीप के अनुसार बिहार दारोगा-सिपाही बहाली, BSSC, शिक्षक बहाली सहित सभी प्रतियोगी परीक्षाओं मे पारदर्शिता लाने तथा धांधली-सेटिंग रोकने के लिए सरकार को प्रस्ताव दिए गए हैं.
6 लाख वैंकेसी निकालने की मांगः BSSC द्वितीय इंटर स्तरीय (लगभग 40 हजार पद खाली), लाइब्रेरियन, अमीन, JE, नर्स, डॉक्टर, इंजीनियर, कृषि विभाग से संबंधित एवं अन्य पदों सहित लगभग 6 लाख खाली सरकारी पदों पर वैकेंसी निकाली जाए. सिविल कोर्ट की बहाली को जल्द पूरा किया जाए और 2500 से अधिक दारोगा की वैकेंसी जल्द निकाली जाए. बिहार में पलायन गंभीर समस्या है. बेरोजगारी दूर करने तथा पलायन रोकने के लिए बिहार मे फैक्ट्रियां लगाई जानी चाहिए. बिहार और केंद्र सरकार दोनों को इस ओर पहल करनी चाहिए.
'BPSC से हो बीईओ की बहाली': प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की बहाली BPSC से होनी चाहिए. अब तक मनोनयन के आधार पर हो रहा है, जिसे तीन से चार प्रखंड का जिम्मा दिया गया है. इसमें घोर अनियमितता है और पैसे का बड़ा खेल है, जिसे रोका जाना चाहिए. इसके अलावा उनकी मांग यह भी है कि 35% महिला आरक्षण का लाभ सिर्फ बिहार की बेटियों को ही मिलना चाहिए, क्योंकि किसी भी राज्य में आरक्षण का लाभ उस राज्य के मूल निवासी को ही मिलता है.
"युवाओं के मामले पर पूरे प्रदेश से हस्ताक्षर अभियान पूरा करने के बाद पटना के गांधी मैदान में एक सभा करेंगे. जिसमें युवाओं की सहभागिता होगी. बिहार में परीक्षाओं के प्रश्नपत्र वायरल होते हैं, अथवा नौकरियों में धांधली सेटिंग की खबरें आती है. इससे बिहार की छवि धूमिल होती है. इसलिए चाहते हैं कि बिहार में नौकरी के लिए ली जा रही परीक्षा में पार्दर्शिता लाई जाए. सरकार अगर मांग नहीं मानती है तो हमलोग अनशन करने के लिए बाध्य हो जाएंगे." -दिलीप कुमार, छात्र नेता