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Exam से पहले वाट्सएप पर पेपर कैसे? : छात्र बोले- 'CBI जांच कराएं.. रद्द हो तीनों पाली की परीक्षा'

बिहार कर्मचारी चयन आयोग की तीन पालियों में हुई परीक्षा को रद्द करने की मांग उठने लगी है. अभ्यर्थी छात्रों ने इसको लेकर मुहिम छेड़ दी है. उनका कहना है कि जो पेपर उन्हें एग्जामिनेशन सेंटर में मिला उसकी हू-ब-हू कॉपी सोशल मीडिया में कैसे वायरल हो रही है? ऐसे में एक नहीं बल्कि तीनों पालियों की परीक्षा रद्द होनी चाहिए. पढ़ें

बीएसएससी पेपर लीक
बीएसएससी पेपर लीक
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Published : Dec 27, 2022, 9:56 PM IST

बीएसएससी के अभ्यर्थी छात्रों की डिमांड, रद्द हो तीनों पाली की परीक्षा

पटना: बिहार कर्मचारी चयन आयोग के अभ्यर्थी पेपर लीक कांड से तीनों पाली की परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं. हालांकि, बीएसएससी परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने के मामले में आर्थिक अपराध इकाई काफी सक्रियता से जांच कर रही है. 4 लोगों की गिरफ्तारी होने के साथ-साथ कई माफियाओं को तलाशा जा रहा है. पेपर लीक के पूरे प्रकरण का सुराग लगाने में EoU जुटी है. परीक्षा के दौरान फर्स्ट शिफ्ट का पेपर लीक हुआ था और इसकी पुष्टि भी हो गई. ऐसे में फर्स्ट शिफ्ट की परीक्षा भी बीएसएससी ने रद्द कर दी. बावजूद इसके छात्र शेष दोनों पालियों में हुई परीक्षा पर भी सवाल उठा रहे हैं.

ये भी पढ़ें- बीएसएससी पेपर लीक मामले में बड़ा फैसला, BSSC ने रद्द की पहली पाली की प्रारंभिक परीक्षा

'तीनों पालियों के वायरल हुए पेपर': बीएसएससी द्वारा तृतीय स्नातक स्तरीय संयुक्त परीक्षा का आयोजन प्रदेश के 38 जिले के 528 परीक्षा केंद्रों पर 23 दिसंबर और 24 दिसंबर को कुल तीन पालियों में किया गया था. 2187 पदों के लिए होने वाली इस परीक्षा में नौ लाख के करीब अभ्यर्थी शामिल हुए. प्रत्येक शिफ्ट की परीक्षा में करीब तीन लाख के करीब अभ्यर्थी सम्मिलित हुए. इसी में पहले दिन प्रथम पाली की परीक्षा के दौरान जब परीक्षा चल रही थी, कई व्हाट्सएप ग्रुप पर क्वेश्चन वायरल होकर आने लगे. जब परीक्षा देकर छात्र निकले तो छात्रों ने बताया कि यह प्रश्न हूबहू वही था जो वायरल हो रहा था.


तीनों पाली की परीक्षा हो रद्द: इस पूरे मामले में प्रथम पाली की परीक्षा को बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने रद्द कर दिया है. लेकिन, तमाम अभ्यर्थियों का कहना है कि पूरी परीक्षा को आयोग रद्द करे. क्योंकि, तीनों शिफ्ट की परीक्षा के क्वेश्चन सोशल मीडिया साइट पर मौजूद है. अभ्यर्थियों का कहना है कि जब कोई छात्र मोबाइल लेकर जा नहीं सकता है, क्वेश्चन पेपर बाहर लेकर आने की अनुमति नहीं है ऐसे में तीनों शिफ्ट के क्वेश्चन कैसे सोशल मीडिया पर घूम रहे हैं. यह अपने आप में संदेह पैदा कर रहा है.


छात्र नेता दिलीप कुमार ने EOU को भेजा था वायरल पेपर: छात्र नेता दिलीप कुमार ने बताया कि पहले दिन पहली पाली की परीक्षा के दौरान उनके पास क्वेश्चन पेपर वायरल होकर पहुंचे तो उन्होंने आर्थिक अपराध इकाई को भेजा. जिसके बाद सोमवार को आर्थिक अपराध इकाई उन्हें पूछताछ के लिए कार्यालय में बुलाकर पूछताछ की. दिलीप ने बताया कि उन्होंने अधिकारियों के सभी सवालों के जवाब दिए और अधिकारियों ने उनसे जाना कि उन्हें क्वेश्चन पेपर कब और कैसे मिले, अधिकारियों के मन में जो भी शंकाएं थीं, उसको लेकर उनसे सवाल पूछा गया और उन्होंने सभी का जवाब दिया.


छात्र अभ्यर्थियों ने बनाई रणनीति: छात्र नेता दिलीप कुमार ने बताया कि सोमवार को बीएसएससी सीजीएल 3 के अभ्यर्थियों के साथ उनकी बैठक हुई. अभ्यर्थियों ने निर्णय लिया है कि पूरी परीक्षा को रद्द करके पारदर्शी तरीके से परीक्षा कराने की मांग की जाए. दिलीप कुमार ने बताया कि अभ्यर्थियों की मांग पर तय हुआ है कि पूरी परीक्षा को रद्द कराने के लिए 29 दिसंबर को ट्विटर ट्रेंड कराया जाएगा. उसके बाद भी सरकार ने संज्ञान नहीं लिया तो 4 जनवरी को अभ्यर्थी पटना की सड़कों पर आंदोलन करेंगे.

''परीक्षा केंद्र पर जैमर लगा था. मोबाइल लेकर कोई जा नहीं सकता है, तो तीनों शिफ्ट के क्वेश्चन पेपर सोशल मीडिया में कैसे वायरल हुए? यह अपने आप में सवाल है. छात्रों की मांग है कि पूरी परीक्षा को रद्द करके नई परीक्षा आयोजित की जाए. इस परीक्षा में अभ्यर्थियों को ओएमआर शीट भी दिया जाए, क्वेश्चन पेपर भी साथ लेकर जाने की अनुमति दी जाए. इसके साथ ही परीक्षा को पारदर्शी तरीके से कराने के साथ-साथ यह भी सुनिश्चित किया जाए कि क्वेश्चन पेपर वायरल ना हो.''- दिलीप कुमार, छात्र नेता


प्रश्न पत्र जमा कर लिया तो बाहर कैसे वायरल हुआ पेपर : छात्र नेता दिलीप के साथ मौजूद बीएसएससी सीजीएल-3 के अभ्यर्थी दीपक कुमार ने बताया कि उनकी परीक्षा 24 दिसंबर को तीसरे शिफ्ट में आयोजित की गई. वह जब परीक्षा देकर घर पहुंच कर मोबाइल देखना शुरू किए तो कई सोशल मीडिया साइट पर क्वेश्चन पेपर उनकी परीक्षा के वायरल हो रहे थे. यह हूबहू वही प्रश्न थे जो उनकी परीक्षा में पूछे गए थे.

''जब परीक्षा हॉल के अंदर जाने के पहले जूता मोजा तक उतरवा लिया जाता है, क्वेश्चन पेपर को भी एग्जामिनेशन हॉल से बाहर नहीं ले जाने दिया जाता है. तो परीक्षा का क्वेश्चन कैसे बाहर सोशल मीडिया पर दिख रहा है? यह अपने आप में संदेह पैदा कर रहा है. हमारी मांग है कि पूरी परीक्षा रद्द की जाए और फिर से पारदर्शी तरीके से साफ और स्वच्छ माहौल में परीक्षा ली जाए. जिसमें क्वेश्चन पेपर लीक की कोई गुंजाइश ना हो.''- दीपक कुमार, बीएसएससी अभ्यर्थी

बीएसएससी के अभ्यर्थी छात्रों की डिमांड, रद्द हो तीनों पाली की परीक्षा

पटना: बिहार कर्मचारी चयन आयोग के अभ्यर्थी पेपर लीक कांड से तीनों पाली की परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं. हालांकि, बीएसएससी परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने के मामले में आर्थिक अपराध इकाई काफी सक्रियता से जांच कर रही है. 4 लोगों की गिरफ्तारी होने के साथ-साथ कई माफियाओं को तलाशा जा रहा है. पेपर लीक के पूरे प्रकरण का सुराग लगाने में EoU जुटी है. परीक्षा के दौरान फर्स्ट शिफ्ट का पेपर लीक हुआ था और इसकी पुष्टि भी हो गई. ऐसे में फर्स्ट शिफ्ट की परीक्षा भी बीएसएससी ने रद्द कर दी. बावजूद इसके छात्र शेष दोनों पालियों में हुई परीक्षा पर भी सवाल उठा रहे हैं.

ये भी पढ़ें- बीएसएससी पेपर लीक मामले में बड़ा फैसला, BSSC ने रद्द की पहली पाली की प्रारंभिक परीक्षा

'तीनों पालियों के वायरल हुए पेपर': बीएसएससी द्वारा तृतीय स्नातक स्तरीय संयुक्त परीक्षा का आयोजन प्रदेश के 38 जिले के 528 परीक्षा केंद्रों पर 23 दिसंबर और 24 दिसंबर को कुल तीन पालियों में किया गया था. 2187 पदों के लिए होने वाली इस परीक्षा में नौ लाख के करीब अभ्यर्थी शामिल हुए. प्रत्येक शिफ्ट की परीक्षा में करीब तीन लाख के करीब अभ्यर्थी सम्मिलित हुए. इसी में पहले दिन प्रथम पाली की परीक्षा के दौरान जब परीक्षा चल रही थी, कई व्हाट्सएप ग्रुप पर क्वेश्चन वायरल होकर आने लगे. जब परीक्षा देकर छात्र निकले तो छात्रों ने बताया कि यह प्रश्न हूबहू वही था जो वायरल हो रहा था.


तीनों पाली की परीक्षा हो रद्द: इस पूरे मामले में प्रथम पाली की परीक्षा को बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने रद्द कर दिया है. लेकिन, तमाम अभ्यर्थियों का कहना है कि पूरी परीक्षा को आयोग रद्द करे. क्योंकि, तीनों शिफ्ट की परीक्षा के क्वेश्चन सोशल मीडिया साइट पर मौजूद है. अभ्यर्थियों का कहना है कि जब कोई छात्र मोबाइल लेकर जा नहीं सकता है, क्वेश्चन पेपर बाहर लेकर आने की अनुमति नहीं है ऐसे में तीनों शिफ्ट के क्वेश्चन कैसे सोशल मीडिया पर घूम रहे हैं. यह अपने आप में संदेह पैदा कर रहा है.


छात्र नेता दिलीप कुमार ने EOU को भेजा था वायरल पेपर: छात्र नेता दिलीप कुमार ने बताया कि पहले दिन पहली पाली की परीक्षा के दौरान उनके पास क्वेश्चन पेपर वायरल होकर पहुंचे तो उन्होंने आर्थिक अपराध इकाई को भेजा. जिसके बाद सोमवार को आर्थिक अपराध इकाई उन्हें पूछताछ के लिए कार्यालय में बुलाकर पूछताछ की. दिलीप ने बताया कि उन्होंने अधिकारियों के सभी सवालों के जवाब दिए और अधिकारियों ने उनसे जाना कि उन्हें क्वेश्चन पेपर कब और कैसे मिले, अधिकारियों के मन में जो भी शंकाएं थीं, उसको लेकर उनसे सवाल पूछा गया और उन्होंने सभी का जवाब दिया.


छात्र अभ्यर्थियों ने बनाई रणनीति: छात्र नेता दिलीप कुमार ने बताया कि सोमवार को बीएसएससी सीजीएल 3 के अभ्यर्थियों के साथ उनकी बैठक हुई. अभ्यर्थियों ने निर्णय लिया है कि पूरी परीक्षा को रद्द करके पारदर्शी तरीके से परीक्षा कराने की मांग की जाए. दिलीप कुमार ने बताया कि अभ्यर्थियों की मांग पर तय हुआ है कि पूरी परीक्षा को रद्द कराने के लिए 29 दिसंबर को ट्विटर ट्रेंड कराया जाएगा. उसके बाद भी सरकार ने संज्ञान नहीं लिया तो 4 जनवरी को अभ्यर्थी पटना की सड़कों पर आंदोलन करेंगे.

''परीक्षा केंद्र पर जैमर लगा था. मोबाइल लेकर कोई जा नहीं सकता है, तो तीनों शिफ्ट के क्वेश्चन पेपर सोशल मीडिया में कैसे वायरल हुए? यह अपने आप में सवाल है. छात्रों की मांग है कि पूरी परीक्षा को रद्द करके नई परीक्षा आयोजित की जाए. इस परीक्षा में अभ्यर्थियों को ओएमआर शीट भी दिया जाए, क्वेश्चन पेपर भी साथ लेकर जाने की अनुमति दी जाए. इसके साथ ही परीक्षा को पारदर्शी तरीके से कराने के साथ-साथ यह भी सुनिश्चित किया जाए कि क्वेश्चन पेपर वायरल ना हो.''- दिलीप कुमार, छात्र नेता


प्रश्न पत्र जमा कर लिया तो बाहर कैसे वायरल हुआ पेपर : छात्र नेता दिलीप के साथ मौजूद बीएसएससी सीजीएल-3 के अभ्यर्थी दीपक कुमार ने बताया कि उनकी परीक्षा 24 दिसंबर को तीसरे शिफ्ट में आयोजित की गई. वह जब परीक्षा देकर घर पहुंच कर मोबाइल देखना शुरू किए तो कई सोशल मीडिया साइट पर क्वेश्चन पेपर उनकी परीक्षा के वायरल हो रहे थे. यह हूबहू वही प्रश्न थे जो उनकी परीक्षा में पूछे गए थे.

''जब परीक्षा हॉल के अंदर जाने के पहले जूता मोजा तक उतरवा लिया जाता है, क्वेश्चन पेपर को भी एग्जामिनेशन हॉल से बाहर नहीं ले जाने दिया जाता है. तो परीक्षा का क्वेश्चन कैसे बाहर सोशल मीडिया पर दिख रहा है? यह अपने आप में संदेह पैदा कर रहा है. हमारी मांग है कि पूरी परीक्षा रद्द की जाए और फिर से पारदर्शी तरीके से साफ और स्वच्छ माहौल में परीक्षा ली जाए. जिसमें क्वेश्चन पेपर लीक की कोई गुंजाइश ना हो.''- दीपक कुमार, बीएसएससी अभ्यर्थी

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