ETV Bharat / state

NMC बिल को लेकर डॉक्टरों की हड़ताल जारी, इलाज के लिए दर-दर भटक रहे मरीज

जेडीए अध्यक्ष ने कहा कि इस बिल के माध्यम से सरकार ने 50% सीटों की फीस तय करने का अधिकार खुले बाजार को दे दिया है. इससे न केवल चिकित्सा और शिक्षा महंगी होगी, बल्कि गरीब मेधावी छात्र इन सीटों पर प्रवेश लेने की कल्पना भी नहीं कर सकेंगे.

परेशान मरीज
author img

By

Published : Jul 31, 2019, 1:12 PM IST

पटना: बिहार में एनएमसी बिल के विरोध में सभी डॉक्टर 24 घंटे की हड़ताल पर हैं. सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ निजी अस्पतालों में भी इसका असर देखने को मिल रहा है. जिस वजह से इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. मरीज अस्पताल में इलाज के लिए भटक रहे हैं. लेकिन, इलाज करने वाला कोई डॉक्टर मौजूद नहीं है.

राजधानी पटना के साथ-साथ अन्य जिलों में भी हड़ताल का असर दिख रहा है. बेगूसराय के सदर अस्पताल में यही आलम है. पटना के पीएमसीएच, आईजीआईएमएस, एम्स में सुबह में डॉकटर सुबह से अपना काम ठप कर बैठे हैं.

patna
डॉक्टरों की राह देखते मरीज

'बिल में है बहुत सारी त्रुटी'
आंदोलन कर रहे डॉक्टरों का मानना है कि एनएमसी बिल डॉक्टरों के खिलाफ लाया गया है. इससे आम जनता भी प्रभावित होगा. साथ-साथ गरीब और मेधावी छात्रों को इससे नुकसान होगा. इसीलिए सरकार के खिलाफ अपनी मांग लेकर उतरे हैं. जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष शंकर भारती ने कहा कि इस बिल में बहुत सारी त्रुटिया हैं. उन्होंने कहा कि अगली परीक्षा में नंबर के आधार पर पीजी में दाखिला मिलेगा. लेकिन, इसके प्रारुपों की जानकारी नहीं दी गई है.

पेश है रिपोर्ट

'आंदोलन जारी रखने की दी धमकी'
जेडीए अध्यक्ष ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी प्राइवेट कॉलेजों में सीट के अनुसार फीस निर्धारित करने का निर्देश केंद्र को दिया था. इस बिल के माध्यम से सरकार ने 50% सीटों की फीस तय करने का अधिकार खुले बाजार को दे दिया है. इससे न केवल चिकित्सा और शिक्षा महंगी होगी, बल्कि गरीब मेधावी छात्र इन सीटों पर प्रवेश लेने की कल्पना भी नहीं कर सकेंगे. उन्होंने कहा है कि वह इस बिल का विरोध तब तक जारी रखेंगे, जब तक इस पर कोई संशोधन नहीं होता है.

पटना: बिहार में एनएमसी बिल के विरोध में सभी डॉक्टर 24 घंटे की हड़ताल पर हैं. सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ निजी अस्पतालों में भी इसका असर देखने को मिल रहा है. जिस वजह से इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. मरीज अस्पताल में इलाज के लिए भटक रहे हैं. लेकिन, इलाज करने वाला कोई डॉक्टर मौजूद नहीं है.

राजधानी पटना के साथ-साथ अन्य जिलों में भी हड़ताल का असर दिख रहा है. बेगूसराय के सदर अस्पताल में यही आलम है. पटना के पीएमसीएच, आईजीआईएमएस, एम्स में सुबह में डॉकटर सुबह से अपना काम ठप कर बैठे हैं.

patna
डॉक्टरों की राह देखते मरीज

'बिल में है बहुत सारी त्रुटी'
आंदोलन कर रहे डॉक्टरों का मानना है कि एनएमसी बिल डॉक्टरों के खिलाफ लाया गया है. इससे आम जनता भी प्रभावित होगा. साथ-साथ गरीब और मेधावी छात्रों को इससे नुकसान होगा. इसीलिए सरकार के खिलाफ अपनी मांग लेकर उतरे हैं. जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष शंकर भारती ने कहा कि इस बिल में बहुत सारी त्रुटिया हैं. उन्होंने कहा कि अगली परीक्षा में नंबर के आधार पर पीजी में दाखिला मिलेगा. लेकिन, इसके प्रारुपों की जानकारी नहीं दी गई है.

पेश है रिपोर्ट

'आंदोलन जारी रखने की दी धमकी'
जेडीए अध्यक्ष ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी प्राइवेट कॉलेजों में सीट के अनुसार फीस निर्धारित करने का निर्देश केंद्र को दिया था. इस बिल के माध्यम से सरकार ने 50% सीटों की फीस तय करने का अधिकार खुले बाजार को दे दिया है. इससे न केवल चिकित्सा और शिक्षा महंगी होगी, बल्कि गरीब मेधावी छात्र इन सीटों पर प्रवेश लेने की कल्पना भी नहीं कर सकेंगे. उन्होंने कहा है कि वह इस बिल का विरोध तब तक जारी रखेंगे, जब तक इस पर कोई संशोधन नहीं होता है.

Intro:बिहार के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एनएमसी बिल के खिलाफ चौबीस घंटे का हडताल, मरीज परेशान


Body:बिहार के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सभी डॉक्टर और मेडिकल छात्र आज हडताल पर है,चौबीस घंटे का हडताल आईएमए ने आह्वान किया है,राजधानी पटना के पीएमसीएच, एवं आईजीआईएमएस,एम्स में सुबह से ही हडताल का असर देखने को मिल रहा है,राज्य के विभिन्न जिलो से आये मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड रहा है,
गौरतलब है कि आंदोलन कर रहे डॉक्टरों का मानना है कि एनएमसी बिल डॉक्टरों के खिलाफ हैं, और आम जनता भी इससे प्रभावित होगी, गरीब एवं मेधावी छात्र इससे प्रभावित होंगे, नॉनक्लिनिकल को डॉक्टर बनाने जा रहा है एनएमसी बिल, जिसे खिलाफ में आज देशभर में उसका विरोध हो रहा


Conclusion:आईएमए की माने तो इस व्यवस्था का सबसे ज्यादा नुकसान गरीबों को उठाना होगा, संगठन के इन पदाधिकारियों ने मेडिकल आयोग बिल को पूरी तरह से गरीब विरोधी बताया है, सुप्रीम कोर्ट के सभी प्राइवेट कॉलेजों को में सीट के अनुसार फीस निर्धारित करने का निर्देश केंद्र को दिया गया था, इस बिल के माध्यम से सरकार ने 50% सीटों की फीस तय करने का अधिकार खुले बाजार को दे दिया है, इससे न केवल चिकित्सा शिक्षा महंगी होगी बल्कि गरीब मेधावी छात्र इन सीटों पर प्रवेश की कल्पना भी नहीं कर सकेंगे एसोसिएशन ने कहा है कि वह इस बिल का विरोध तब तक जारी रखेंगे जब तक इस पर कोई संशोधित नहीं होता है 24 घंटे की हड़ताल में मरीज है कि सरकारी अस्पतालों में मरीजों के पास कोई विकल्प नहीं है सुबह से ही परेशान दिख रहे हैं



बाईट:-शंकर भारती,अध्यक्ष,जूनियर डॉ एसोसिएशन
बाईट-पीजी मेडिकल छात्र
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.