पटना: 14 जून यानी आज विश्व रक्तदान दिवस है. ऐसा कहा जाता है रक्तदान महादान है और दुनिया में इससे बड़ा दान नहीं हो सकता है. लोग दूसरे को रक्तदान करके खून का रिश्ता बना लेते हैं. पटना के कृष्णानगर में रहने वाले गौरव सिन्हा की कुछ ऐसी ही कहानी है. गौरव पिछले 18 साल की उम्र से ही ब्लड डोनेट करते आ रहे हैं. अभी तक 86 बार ब्लड डोनेट कर चुके हैं.
गौरव ही नहीं बल्कि उनकी पत्नी भी समय आने पर रक्तदान करने से पीछे नहीं हटती हैं. गौरव सिन्हा कहते हैं कि सबसे पहले उन्होंने 18 साल की उम्र में अपने दोस्त के लिए पटना के कुर्जी अस्पताल में रक्तदान किया था. उसके बाद से ये सिलसिला चल पड़ा. उन्होंने आगे बताया कि लगातार हर तीन महीने पर वो रक्तदान करते हैं.
रक्तदान से बनी पहचान
गौरव ने बताया कि रक्तदान की वजह से सैकड़ों लोगों से उनकी पहचान बन चुकी है. जिनके परिवार के लोग उन्हें काफी इज्जत भी करते हैं. उन्होंने कहा कि वे लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित भी करते हैं और 40 से ज्यादा उम्र के 300 से ज्यादा लोगों को उन्होंने रक्तदान कराया है.
कोरोना काल में भी किया ब्लड डोनेट
ब्लड डोनर गौरव सिन्हा ने बताया कि हमारी इच्छा है कि 100 बार अपनी जिंदगी में रक्तदान करूं. उन्होंने कहा कि 100 लोगों का समूह बनाकर रखूं कि कभी भी किसी जरूरतमंद को ब्लड दिया जा सके. बता दें कि फिलहाल अभी वो इस प्रयास में जुटे हैं. उनका कहना है कि लोगों को आगे आकर रक्तदान करना चाहिए. जिससे जरुरतमंद लोगों को ब्लड देकर बचाया जा सके. मालूम हो कि कोरोना संक्रमण काल मे भी गौरव ने पारस अस्पताल में जाकर 30 मई को रक्तदान किया है. विश्व रक्तदाता दिवस पर ईटीवी भारत इनके जज्बे को सलाम करता है.