पटना: बिहार में जब से माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (STET) के नतीजे जारी हुए हैं, तब से हंगामा शुरू हो गया है. ऐसे में बुधवार को माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों ने सचिवालय और फिर सड़क पर भी जमकर हंगामा किया. शिक्षा विभाग के असमंजस में डालने वाले बयानों के विरोध में प्रदर्शन करने के बाद अभ्यर्थियों ने कहा है कि वे अब हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे.
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आदेश से नाराज हैं शिक्षक अभ्यर्थी
दरअसल, माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा के नतीजे जब घोषित हुए थे, उस दौरान बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की तरफ से यह कहा गया था कि जितने लोग इस परीक्षा में क्वालीफाई कर रहे हैं. उन सब की नौकरी पक्की है.
जब बाकी तीन विषयों के नतीजे जारी हुए तो रिजल्ट में गड़बड़ी को लेकर अभ्यर्थियों ने सवाल खड़ा कर दिया. वहीं, शिक्षा विभाग की ओर से कमेटी बनाए जाने के आदेश को लेकर भी शिक्षक अभ्यर्थी नाराज हैं.
हाईकोर्ट में लगाएंगे गुहार
एसटीईटी अभ्यर्थी कुमार मीणा ने कहा कि साल 2011 में माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों और 2019 की परीक्षा में क्वालीफाई नहीं करने वालों को लेकर जो कमेटी बनाई गई है, उस पर भी हमें आपत्ति है. इसलिए हम लोग अब हाईकोर्ट में गुहार लगाएंगे और वहां अपनी बात रखेंगे.
उन्होंने कहा कि 24,599 अभ्यर्थियों की नौकरी पक्की करने की बात सरकार ने कही थी, लेकिन अब 24,598 अभ्यर्थियों की मेरिट लिस्ट जारी की गई है. जबकि इनके अलावा हजारों अभ्यर्थी और हैं जो पास होने के बावजूद और अच्छे नंबर लाने के बावजूद मेरिट लिस्ट में जगह नहीं बना पाए हैं.
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सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी
बता दें कि जो माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ष 2019 में हुई है. उसमें पास करने वाले अभ्यर्थी सातवें चरण में होने वाले शिक्षक बहाली प्रक्रिया में भाग ले सकेंगे. इन सबके बीच शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार शाम तक ही शिक्षा विभाग इस पूरे मामले में स्थिति स्पष्ट कर सकता है.
जानकारी के मुताबिक बुधवार की सुबह सचिवायल गेट पर एसटीईटी अभ्यर्थियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान अभ्यर्थियों का कहना है कि वो क्वालिफाई तो कर गए हैं, लेकिन उन्हें मेरिट लिस्ट से बाहर कर दिया गया है. इन सभी मामलों को लेकर शिक्षा मंत्री ने 24 घंटे की मोहलत मांगी है.
एसटीईटी उम्मीदवार के आरोप, सवाल और मांग
- एसटीईटी अभ्यर्थियों का आरोप है कि बिहार बोर्ड ने रिजल्ट के समय ही कटऑफ नहीं निकाला.
- एसटीईटी अभ्यर्थियों का आरोप है कि महिला अभ्यर्थियों का 33 फीसदी आरक्षित है. जिसके अनुरूप रिजल्ट जारी नहीं किया गया.
- एसटीईटी अभ्यर्थियों ने बोर्ड से सवाल किया है कि किस विषय में कितनी रिक्तियां थी, कितना रिजल्ट जारी हुआ, बताया जाए.
- एसटीईटी अभ्यर्थियों ने बोर्ड से सवाल किया है कि जब तय सीटों से कम रिजल्ट हुआ तो अभ्यर्थी मेरिट से बाहर कैसे हुए.
- एसटीईटी अभ्यर्थियों ने इस मामले में अविलंब जांच करने की मांग की है.
- एसटीईटी अभ्यर्थियों ने विषयवार कटऑफ के आधार पर मेधा सूची जारी की जाएने की मांग की है.
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