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सीमित छूट के बावजूद घरों से नहीं निकले मजदूर, सरकारी कार्यालयों में काम शुरू

20 अप्रैल से कोरोना हॉट स्पॉट को छोड़कर अन्य जगहों पर सीमित छूट मिली है. ये छूट पीएम मोदी ने गरीब मजदूरों को ध्यान में रखकर देने की बात कही थी. ऐसे में बिहार में सीमित छूट पर ईटीवी भारत ने ग्राउंड जीरो पर जायजा लिया. पढ़ें ये रिपोर्ट...

बिहार की ताजा खबर
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Published : Apr 21, 2020, 4:44 PM IST

पटना: पीएम नरेंद्र मोदी ने देशभर में 3 मई तक लॉकडाउन जारी रखने का ऐलान किया था. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि हॉट स्पॉट को चिन्हित कर अन्य जगहों पर गरीब मजदूरों को ध्यान में रखते हुए 20 अप्रैल से सीमित छूट दी जाएगी. इस बाबत, ईटीवी भारत ने पटना में इस सीमित छूट का जायजा लिया.

केंद्र सरकार के दिशा निर्देश के बाद सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बिहार में 20 अप्रैल से सरकारी कामकाज शुरू किया गया. भवन विकास मंत्री अशोक चौधरी अपने कार्यालय पहुंचे. कार्यालय पहुंचते ही उन्होंने बताया कि कोरोना से बचाव को लेकर मास्क, हैंड सैनीटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है. कार्यालय आने से पहले स्क्रीनिंग करवायी जा रही है.

पटना से अरविंद और प्रणव की खास रिपोर्ट

फैक्ट्रियों पर सीमित छूट का असर
वहीं, पाटलिपुत्र स्थित इंड्रस्टियल एरिया में लॉकडाउन का प्रभाव अभी भी देखने को मिल रहा है. कुछ फैक्ट्रियों ने सरकार से परमिशन लेकर अपना ताला खोलना तो चाहा लेकिन मजदूरों वहां नहीं पहुंचे. इस कारण फैक्ट्रियां बंद रहीं. शाम को फैक्ट्रियों में ताला लटकता मिला.

गेट नंबर वन पर ताला
गेट नंबर वन पर ताला
  • बिहार में 20 अप्रैल से सशर्त फैक्ट्रियों के खोलने को लेकर राज्य सरकार ने आवेदन की मांग की थी.
  • पटना में तीन सीमेंट फैक्ट्री, बिटुमिंस (आयरन और स्टील) समेत अन्य फैक्ट्रियां हैं.
  • पटना में 200 खाद्य प्रोसेसिंग यूनिट हैं. इनमें 18 आटा मिल, 11 चावल मिल और 20 ब्रेड बेकरी समेत अन्य खाद्य यूनिट हैं. कुल 60 चल भी रहे हैं

राज्य सरकार के मांगे गये आवेदन के बाद उद्योगपति आवेदन कर रहे हैं लेकिन उनमें चिंता इस बात की है कि मजदूर वापस काम पर लौटेंगे भी या नहीं. तैयार किया गया प्रोडक्ट बिकेगा भी या नहीं.

बंद पड़े कारखाने
बंद पड़े कारखाने

नगर विकास विभाग
प्रदेश के विकास को फिर से पटरी पर दौड़ाने के लिए नगर विकास विभाग के कार्यालय में काम सुचारू रूप से किया गया. यहां आये कर्मचारियों ने बताया कि कोरोना से डर तो नहीं लग रहा है. लेकिन सावधानी बरती जा रही है. उन्होंने कहा कि काम करना बेहद जरूरी है. सभी काम कर रहे हैं.

सरकारी कार्यालयों में सोशल डिस्टेंसिंग
सोशल डिस्टेंसिंग का रखा जा रहा ध्यान

सरकारी काम को छोड़ दिया जाए, तो आंशिक छूट के बाद कुछ एक चालू हुई फैक्ट्रियों के मजदूर काम पर नहीं आये. मजदूरों के न लौटने की वजह यातायात का बंद होना भी बताया जा रहा है क्योंकि मजदूरों के पास स्वयं का वाहन नहीं होता. दूसरी ओर लॉकडाउन अभी भी लागू है. ऐसे में जो मजदूर अपने घरों में हैं, वो बाहर निकलने से कतरा रहे हैं.

पटना: पीएम नरेंद्र मोदी ने देशभर में 3 मई तक लॉकडाउन जारी रखने का ऐलान किया था. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि हॉट स्पॉट को चिन्हित कर अन्य जगहों पर गरीब मजदूरों को ध्यान में रखते हुए 20 अप्रैल से सीमित छूट दी जाएगी. इस बाबत, ईटीवी भारत ने पटना में इस सीमित छूट का जायजा लिया.

केंद्र सरकार के दिशा निर्देश के बाद सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बिहार में 20 अप्रैल से सरकारी कामकाज शुरू किया गया. भवन विकास मंत्री अशोक चौधरी अपने कार्यालय पहुंचे. कार्यालय पहुंचते ही उन्होंने बताया कि कोरोना से बचाव को लेकर मास्क, हैंड सैनीटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है. कार्यालय आने से पहले स्क्रीनिंग करवायी जा रही है.

पटना से अरविंद और प्रणव की खास रिपोर्ट

फैक्ट्रियों पर सीमित छूट का असर
वहीं, पाटलिपुत्र स्थित इंड्रस्टियल एरिया में लॉकडाउन का प्रभाव अभी भी देखने को मिल रहा है. कुछ फैक्ट्रियों ने सरकार से परमिशन लेकर अपना ताला खोलना तो चाहा लेकिन मजदूरों वहां नहीं पहुंचे. इस कारण फैक्ट्रियां बंद रहीं. शाम को फैक्ट्रियों में ताला लटकता मिला.

गेट नंबर वन पर ताला
गेट नंबर वन पर ताला
  • बिहार में 20 अप्रैल से सशर्त फैक्ट्रियों के खोलने को लेकर राज्य सरकार ने आवेदन की मांग की थी.
  • पटना में तीन सीमेंट फैक्ट्री, बिटुमिंस (आयरन और स्टील) समेत अन्य फैक्ट्रियां हैं.
  • पटना में 200 खाद्य प्रोसेसिंग यूनिट हैं. इनमें 18 आटा मिल, 11 चावल मिल और 20 ब्रेड बेकरी समेत अन्य खाद्य यूनिट हैं. कुल 60 चल भी रहे हैं

राज्य सरकार के मांगे गये आवेदन के बाद उद्योगपति आवेदन कर रहे हैं लेकिन उनमें चिंता इस बात की है कि मजदूर वापस काम पर लौटेंगे भी या नहीं. तैयार किया गया प्रोडक्ट बिकेगा भी या नहीं.

बंद पड़े कारखाने
बंद पड़े कारखाने

नगर विकास विभाग
प्रदेश के विकास को फिर से पटरी पर दौड़ाने के लिए नगर विकास विभाग के कार्यालय में काम सुचारू रूप से किया गया. यहां आये कर्मचारियों ने बताया कि कोरोना से डर तो नहीं लग रहा है. लेकिन सावधानी बरती जा रही है. उन्होंने कहा कि काम करना बेहद जरूरी है. सभी काम कर रहे हैं.

सरकारी कार्यालयों में सोशल डिस्टेंसिंग
सोशल डिस्टेंसिंग का रखा जा रहा ध्यान

सरकारी काम को छोड़ दिया जाए, तो आंशिक छूट के बाद कुछ एक चालू हुई फैक्ट्रियों के मजदूर काम पर नहीं आये. मजदूरों के न लौटने की वजह यातायात का बंद होना भी बताया जा रहा है क्योंकि मजदूरों के पास स्वयं का वाहन नहीं होता. दूसरी ओर लॉकडाउन अभी भी लागू है. ऐसे में जो मजदूर अपने घरों में हैं, वो बाहर निकलने से कतरा रहे हैं.

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