पटना: बॉलीवुड के 'माही' यानी सुशांत सिंह राजपूत पंचतत्व में विलीन हो गए. उनकी मौत से फिल्मी हस्तियों से लेकर जहां उनके फैन को गहरा सदमा लगा है. वहीं पटना, पूर्णिया, खगड़िया और सहरसा सभी जगह उनकी जुड़ी यादों को लेकर बिहार भी दुखी है. पिछली बार जब सुशांत बिहार आए, तो उन्होंने इन सभी जिलों का रुख किया था.
अपने पिता, मौसी और चचेरे भाई के साथ वो अपनी मां की मन्नत पूरी करने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने कहा था, 'फिर आएंगे, तो अच्छे से बात करेंगे'. उनका किया गया ये वादा अब कभी पूरा नहीं होगा. अब पूरा नहीं होगा उनका वो एक सपना, जो उन्होंने बिहार के लिए देखा था. पिता केके सिंह उस समय बहुत खुश थे. उन्होंने बेटे के संघर्ष के बारे में बताया था. आज वो पिता भी बदहवास है.
बिहार की जनता के लिए करना चाहते थे काम
सुशांत सिंह राजपूत के पिता ने उस समय जानकारी देते हुए बताया था कि बेटा सुशांत बिहार की जनता के लिए भलाई का काम करना चाहता है. उसके आगे का प्लान यही है. उन्होंने कहा था कि सुशांत पढ़ाई में अव्वल रहा है.
सुशांत ने दी थी सीख
मीडिया से मुखातिब होते हुए सुशांत सिंह राजपूत ने कहा था कि संघर्ष इंसान के दिमाग में करता है. शहर छोटे-बड़े नहीं होते. अगर ऐसा होता, तो मैं भी संघर्ष करता रहता. उन्होंने कहा था कि सबसे पहले कलाकार को कला से प्रेम होना चाहिए. उसके बाद इंसानों से और फिर अपने सपनों से. इसे याद रखिए, निश्चित ही आप सफल होंगे.
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