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'55 से ज्यादा शिक्षकों की मौत के बाद भी नहीं जागी सरकार, अपील करने से पहले इसपर दें ध्यान'

ईटीवी भारत के माध्यम से शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने अपील करते हुए शिक्षकों से हड़ताल वापस लेने की अपील की थी. इस बाबत शिक्षक संघ के प्रवक्ता ने कहा कि सरकार पहले अपनी कार्रवाई को वापस ले.

पटना से अमित वर्मा की रिपोर्ट
पटना से अमित वर्मा की रिपोर्ट
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Published : Apr 21, 2020, 10:43 PM IST

पटना: बिहारभर में 17 फरवरी से नियोजित शिक्षक हड़ताल पर हैं. पटना में करीब साढ़े तीन लाख नियोजित शिक्षक स्ट्राइक पर हैं. कोरोना संक्रमण के कारण हुए लॉक डाउन से शिक्षकों की हड़ताल का बिहार सरकार पर कोई खास फर्क नहीं पड़ रहा. शायद यही वजह है कि बिहार सरकार भी शिक्षकों की हड़ताल को तोड़ने में इस वक्त दिलचस्पी नहीं ले रही. हालांकि, शिक्षा मंत्री बार-बार यह अपील कर रहे हैं कि हड़ताली शिक्षकों को तुरंत काम पर वापस लौटना चाहिए. लेकिन हड़ताली शिक्षक बिना कार्रवाई वापस लिए हड़ताल पर लौटने को तैयार नहीं हैं.

ईटीवी भारत माध्यम से शिक्षा मंत्री मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने हड़ताली शिक्षकों से अपील की थी कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए शिक्षकों बिना किसी शर्त के तुरंत काम पर वापस लौटना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमने हमेशा शिक्षकों का साथ दिया है और आगे भी देते रहेंगे. इस वक्त महामारी के कारण बिहार के शिक्षकों को सबसे पहले सरकार के काम में हाथ बढ़ाना चाहिए. उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि कोरोना संक्रमण से निपटने के बाद हम शिक्षकों से वार्ता करेंगे.

पटना से अमित वर्मा की रिपोर्ट

'तो फिर क्यों रोका वेतन?'
शिक्षा मंत्री की इस अपील के बाद भी शिक्षक अपनी स्ट्राइक तोड़ने और काम पर वापस लौटने को तैयार नहीं है. ईटीवी भारत से बातचीत में बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने कहा कि सरकार अगर थोड़ी भी संवेदनशील होती, तो इस महामारी के दौरान कम से कम शिक्षकों का वेतन नहीं रोकती. उन्होंने कहा कि 55 से ज्यादा शिक्षक इस दौरान काल के गाल में समा चुके हैं. सरकार फिर भी हड़ताली शिक्षकों पर कार्रवाई से बाज नहीं आ रही. उन्होंने कहा कि सरकार को सबसे पहले शिक्षकों पर की गई कार्रवाई को वापस लेना चाहिए और सम्मानजनक तरीके से शिक्षकों को काम पर वापस लौटने को कहना चाहिए.

अभिषेक कुमार, प्रवक्ता, शिक्षक संघ
अभिषेक कुमार, प्रवक्ता, शिक्षक संघ
  • प्रवक्ता ने कहा कि तकरीबन 29 हजार शिक्षक सरकार की दंडात्मक कार्रवाई के शिकार हैं.

3 हजार नए स्कूलों में पढ़ाएगा कौन?
सरकार और शिक्षकों के बीच वार्ता को लेकर कोई सहमति नहीं बन पा रही. इन सबके बीच लॉक डाउन हटने के बाद सबसे पहले शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने की जिम्मेवारी होगी. बिहार में इस वित्तीय वर्ष में करीब 3 हजार नए हाई स्कूल खुल रहे हैं. इसके अलावा रिजल्ट और एडमिशन के साथ पढ़ाई को पटरी पर लाने की जिम्मेदारी भी शिक्षकों की है. ऐसे में अगर जल्द यह हड़ताल खत्म नहीं हुई, तो पहले से बेपटरी हुई शिक्षा को दुरुस्त करना और मुश्किल हो जाएगा.

पटना: बिहारभर में 17 फरवरी से नियोजित शिक्षक हड़ताल पर हैं. पटना में करीब साढ़े तीन लाख नियोजित शिक्षक स्ट्राइक पर हैं. कोरोना संक्रमण के कारण हुए लॉक डाउन से शिक्षकों की हड़ताल का बिहार सरकार पर कोई खास फर्क नहीं पड़ रहा. शायद यही वजह है कि बिहार सरकार भी शिक्षकों की हड़ताल को तोड़ने में इस वक्त दिलचस्पी नहीं ले रही. हालांकि, शिक्षा मंत्री बार-बार यह अपील कर रहे हैं कि हड़ताली शिक्षकों को तुरंत काम पर वापस लौटना चाहिए. लेकिन हड़ताली शिक्षक बिना कार्रवाई वापस लिए हड़ताल पर लौटने को तैयार नहीं हैं.

ईटीवी भारत माध्यम से शिक्षा मंत्री मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने हड़ताली शिक्षकों से अपील की थी कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए शिक्षकों बिना किसी शर्त के तुरंत काम पर वापस लौटना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमने हमेशा शिक्षकों का साथ दिया है और आगे भी देते रहेंगे. इस वक्त महामारी के कारण बिहार के शिक्षकों को सबसे पहले सरकार के काम में हाथ बढ़ाना चाहिए. उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि कोरोना संक्रमण से निपटने के बाद हम शिक्षकों से वार्ता करेंगे.

पटना से अमित वर्मा की रिपोर्ट

'तो फिर क्यों रोका वेतन?'
शिक्षा मंत्री की इस अपील के बाद भी शिक्षक अपनी स्ट्राइक तोड़ने और काम पर वापस लौटने को तैयार नहीं है. ईटीवी भारत से बातचीत में बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने कहा कि सरकार अगर थोड़ी भी संवेदनशील होती, तो इस महामारी के दौरान कम से कम शिक्षकों का वेतन नहीं रोकती. उन्होंने कहा कि 55 से ज्यादा शिक्षक इस दौरान काल के गाल में समा चुके हैं. सरकार फिर भी हड़ताली शिक्षकों पर कार्रवाई से बाज नहीं आ रही. उन्होंने कहा कि सरकार को सबसे पहले शिक्षकों पर की गई कार्रवाई को वापस लेना चाहिए और सम्मानजनक तरीके से शिक्षकों को काम पर वापस लौटने को कहना चाहिए.

अभिषेक कुमार, प्रवक्ता, शिक्षक संघ
अभिषेक कुमार, प्रवक्ता, शिक्षक संघ
  • प्रवक्ता ने कहा कि तकरीबन 29 हजार शिक्षक सरकार की दंडात्मक कार्रवाई के शिकार हैं.

3 हजार नए स्कूलों में पढ़ाएगा कौन?
सरकार और शिक्षकों के बीच वार्ता को लेकर कोई सहमति नहीं बन पा रही. इन सबके बीच लॉक डाउन हटने के बाद सबसे पहले शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने की जिम्मेवारी होगी. बिहार में इस वित्तीय वर्ष में करीब 3 हजार नए हाई स्कूल खुल रहे हैं. इसके अलावा रिजल्ट और एडमिशन के साथ पढ़ाई को पटरी पर लाने की जिम्मेदारी भी शिक्षकों की है. ऐसे में अगर जल्द यह हड़ताल खत्म नहीं हुई, तो पहले से बेपटरी हुई शिक्षा को दुरुस्त करना और मुश्किल हो जाएगा.

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