पटना: बिहार इन दिनों चुनाव के मुहाने पर खड़ा है. चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि चुनाव अपने तय समय पर ही आयोजित होंगे. ऐसे में सत्ता पक्ष और विपक्ष की ओर से नए समीकरण बनाने की कवायद तेज होने लगी है. इसी बीच चिराग पासवान की एनडीए में कथित नाराजगी से महागठबंधन में नई आस जगी है. ऊपर से रामविलास पासवान ने भी बेटे के फैसले को स्वीकार करने की बात कही है.
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने यह कहा कि यह चिराग पर निर्भर करता है कि वह एनडीए में रहकर चुनाव लड़ना चाहते हैं या फिर महागठबंधन में जाना चाहते हैं. उनके इस बयान के बाद जहां एक ओर महागठबंधन खेमे में खुशी का माहौल है, वहीं दूसरी तरफ बीजेपी चिराग को मनाने की कोशिश में जुट गई है.
'फैसले के लिए चिराग अधिकृत'
रामविलास पासवान के बयान पर महागठबंधन में खुशी की लहर है. राजद प्रवक्ता रामानुज प्रसाद ने कहा है कि रामविलास पासवान ने पहले ही लोजपा की कमान को चिराग के हाथों में सौंप दी है, लिहाजा चिराग को लेना है. अगर वे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को छोड़ने का फैसला लेते हैं तो महागठबंधन उनका खुले मन से स्वागत करेगा.
'एनडीए में सबकुछ ऑल इज वेल'
रामविलास पासवान के बयान के बाद एनडीए की परेशानी बढ़ गई है. हालांकि बीजेपी की ओर से दावा किया गया है कि एनडीए में सब कुछ ठीक है. पार्टी नेता नवल किशोर यादव ने कहा है कि एनडीए में कोई विवाद नहीं है, फैसले लेने के लिए हर कोई स्वतंत्र है. उन्होंने कहा कि भाजपा घटक दलों को पूरा सम्मान देती है. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन पूरी तरह इंटैक्ट है.
लोजपा ने बढ़ाई एनडीए की मुश्किलें
लोक जनशक्ति पार्टी काफी समय से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में सहज नहीं है. राज्यपाल कोटे से होने वाले मनोनयन को लेकर एनडीए के अंदर खींचतान है. इन सबके बीच रामविलास पासवान ने बयान देकर बिहार की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है.