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बिहार में NRC की मांग तेज, 'केंद्र सरकार जल्द उठा सकती है बड़ा कदम'

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Published : Sep 6, 2019, 4:57 PM IST

प्रेम कुमार की माने तो उत्तर बिहार के सीमावर्ती इलाके में भारी संख्या में बांग्लादेशी घुसपैठिए रहते हैं. एनआरसी से इनकी पहचान हो सकेगी. उन्हें हटाने की जरूरत है.

statement of prem kumar on nrc in bihar

नई दिल्ली: बिहार में भारतीय राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की मांग तेज हो गई है. बीजेपी ने एनआरसी के लिए पहल तेज कर दी है. असम की तर्ज पर बिहार में इसको लागू करने के लिए कृषि मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ. प्रेम कुमार का कहना है कि प्रदेश में इसकी जरूरत है.

प्रेम कुमार की माने तो उत्तर बिहार के सीमावर्ती इलाके में भारी संख्या में बांग्लादेशी घुसपैठिए रहते हैं. एनआरसी से इनकी पहचान हो सकेगी. उन्हें हटाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार भी एनआरसी को लेकर गंभीर है. उम्मीद है कि आने वाले समय में बिहार में केंद्र सरकार इसको लागू करेगी.

डॉ. प्रेम कुमार, कृषि मंत्री

'केंद्र सरकार का फैसला होगा मंजूर'
बीजेपी नेता ने कहा कि केंद्र सरकार का जो भी फैसला होगा, वो हम लोगों को मंजूर होगा. आशा है कि बिहार में एनआरसी लागू करने की पहल केन्द्र सरकार करेगी. वहीं, बिहार में जनता दल यूनाइटेड नहीं चाहती है कि एनआरसी लागू हो. जदयू पहले ही कह चुकी है कि बिहार में एनआरसी की जरूरत नहीं है.

जदयू की न पर क्या बोले प्रेम कुमार...
जेडीयू बिहार में एनआरसी लागू हो इसके पक्ष में नहीं है. इस पर प्रेम कुमार ने कहा कि लोकतंत्र में सबको अपने विचार रखने का अधिकार है. इस मुद्दे पर जेडीयू की जो राय है, वो कह रही है लेकिन फाइनल फैसला केंद्र सरकार को करना है. केंद्र सरकार के फैसले को हम मानेंगे.

  • 1 लाख 12 हजार से ज्यादा नियोजित शिक्षकों का फोल्डर गायब, कैसे होगी फर्जी टीचरों की जांच? https://t.co/mrsb6nutE9

    — ETV Bharat Bihar (@etvbharatbihar) September 4, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

एनआरसी क्या है ...

  • नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) असम में रहने वाले भारतीय नागरिकों की पहचान के लिए बनाई गई एक सूची है.
  • इसका मकसद राज्य में अवैध रूप से रह रहे अप्रवासियों खासकर बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान करना है.
  • इसकी पूरी प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में चल रही थी.
  • इस प्रक्रिया के लिए 1986 में सिटिजनशिप एक्ट में संशोधन कर असम के लिए विशेष प्रावधान किया गया.
  • इसके तहत रजिस्टर में उन लोगों के नाम शामिल किए गए हैं, जो 25 मार्च 1971 के पहले असम के नागरिक हैं या उनके पूर्वज राज्य में रहते आए हैं.
  • असम देश का अकेला राज्य है, जहां सिटीजन रजिस्टर लागू है.
  • अब बिहार में भी इसकी मांग तेज हो गई है.

नई दिल्ली: बिहार में भारतीय राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की मांग तेज हो गई है. बीजेपी ने एनआरसी के लिए पहल तेज कर दी है. असम की तर्ज पर बिहार में इसको लागू करने के लिए कृषि मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ. प्रेम कुमार का कहना है कि प्रदेश में इसकी जरूरत है.

प्रेम कुमार की माने तो उत्तर बिहार के सीमावर्ती इलाके में भारी संख्या में बांग्लादेशी घुसपैठिए रहते हैं. एनआरसी से इनकी पहचान हो सकेगी. उन्हें हटाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार भी एनआरसी को लेकर गंभीर है. उम्मीद है कि आने वाले समय में बिहार में केंद्र सरकार इसको लागू करेगी.

डॉ. प्रेम कुमार, कृषि मंत्री

'केंद्र सरकार का फैसला होगा मंजूर'
बीजेपी नेता ने कहा कि केंद्र सरकार का जो भी फैसला होगा, वो हम लोगों को मंजूर होगा. आशा है कि बिहार में एनआरसी लागू करने की पहल केन्द्र सरकार करेगी. वहीं, बिहार में जनता दल यूनाइटेड नहीं चाहती है कि एनआरसी लागू हो. जदयू पहले ही कह चुकी है कि बिहार में एनआरसी की जरूरत नहीं है.

जदयू की न पर क्या बोले प्रेम कुमार...
जेडीयू बिहार में एनआरसी लागू हो इसके पक्ष में नहीं है. इस पर प्रेम कुमार ने कहा कि लोकतंत्र में सबको अपने विचार रखने का अधिकार है. इस मुद्दे पर जेडीयू की जो राय है, वो कह रही है लेकिन फाइनल फैसला केंद्र सरकार को करना है. केंद्र सरकार के फैसले को हम मानेंगे.

  • 1 लाख 12 हजार से ज्यादा नियोजित शिक्षकों का फोल्डर गायब, कैसे होगी फर्जी टीचरों की जांच? https://t.co/mrsb6nutE9

    — ETV Bharat Bihar (@etvbharatbihar) September 4, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

एनआरसी क्या है ...

  • नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) असम में रहने वाले भारतीय नागरिकों की पहचान के लिए बनाई गई एक सूची है.
  • इसका मकसद राज्य में अवैध रूप से रह रहे अप्रवासियों खासकर बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान करना है.
  • इसकी पूरी प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में चल रही थी.
  • इस प्रक्रिया के लिए 1986 में सिटिजनशिप एक्ट में संशोधन कर असम के लिए विशेष प्रावधान किया गया.
  • इसके तहत रजिस्टर में उन लोगों के नाम शामिल किए गए हैं, जो 25 मार्च 1971 के पहले असम के नागरिक हैं या उनके पूर्वज राज्य में रहते आए हैं.
  • असम देश का अकेला राज्य है, जहां सिटीजन रजिस्टर लागू है.
  • अब बिहार में भी इसकी मांग तेज हो गई है.
Intro:बिहार में NRC लागू होना चाहिए, उम्मीद है कि इस दिशा में केंद्र सरकार जल्द पर बड़ा कदम उठाएगी-प्रेम कुमार

नयी दिल्ली- असम के तर्ज पर बिहार में भी nrc लागू करने की मांग हो रही है. बिहार के कृषि मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉक्टर प्रेम कुमार ने कहा है कि बिहार में nrc की जरूरत है, उत्तर बिहार के सीमावर्ती इलाके में भारी संख्या में बांग्लादेशी घुसपैठिए रहते हैं, उनको हटाने की जरूरत है


Body:उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार भी n.r.c. को लेकर गंभीर है, उम्मीद है कि आने वाले समय में बिहार में केंद्र सरकार इसको लागू करेगी, केंद्र सरकार का जो भी फैसला होगा वह हम लोगों को मंजूर होगा, आशा है कि बिहार में nrc लागू करने की पहल केन्द्र सरकार करेगी

वहीं बिहार में जनता दल यूनाइटेड नहीं चाहती है कि एनआरसी लागू हो, jdu के द्वारा कहा जा चुका है कि बिहार में nrc की जरूरत नहीं


Conclusion:जेडीयू बिहार में एनआरसी लागू हो इसके पक्ष में नहीं है इस पर प्रेम कुमार ने कहा कि लोकतंत्र में सबको अपने विचार रखने का अधिकार है, एनआरसी के मुद्दे पर जेडीयू की जो राय है वह कह रही है लेकिन फाइनल फैसला केंद्र सरकार को करना है और केंद्र सरकार के फैसला को हम लोग मानेंगे
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