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पटना: अर्थशास्त्री का बयान, बजट में महिलाओं और युवाओं पर नहीं दिया गया ध्यान

अर्थशास्त्री नवल किशोर चौधरी कहते हैं कि नरेन्द्र मोदी की सरकार युवाओं, महिलाओं की विकास के लिए सरकार बनी है. लेकिन, इस बजट से किसी को लाभ नहीं मिला है.

नवल किशोर चौधरी
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Published : Jul 6, 2019, 12:01 AM IST

पटना: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बजट पेश किया. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह पहला बजट है. इस बजट के आने के बाद से कई अर्थशास्त्रियों ने अपनी राय रखी है. अर्थशास्त्री नवल किशोर चौधरी ने कहा कि इस बजट से महिलाओं के लिए कुछ खास होने की उम्मीद थी. लेकिन, ऐसा नहीं हुआ. लोगों को फिर से एक बार निराशा ही हाथ लगी है.

'बजट से नहीं मिला लाभ'
अर्थशास्त्री नवल किशोर चौधरी कहते हैं कि नरेन्द्र मोदी की सरकार युवाओं, महिलाओं की विकास के लिए सरकार बनी है. लेकिन, इस बजट से किसी को लाभ नहीं मिला है. युवा आज भी बेरोजगार हैं. सरकार इनके लिए कुछ नहीं कर रही है. वहीं, उन्होंने पीएम मोदी के मेक इन इंडिया को विफल बताया है. युवा आज भी बेरोजगार हैं. पिछले 45 वर्षों सबसे ज्यादा बेरोजगारी भारत में हुई है.

नवल किशोर चौधरी, अर्थशास्त्री

'मेक इन इंडिया विफल'
प्रोफेसर चौधरी का कहना है कि पेट्रोलियम पदार्थों में दिनों दिन कीमत की बढ़ोतरी हो रही है. सरकार को इस पर ध्यान देने की जरुरत थी. लेकिन, इस पर सरकार ने कुछ नहीं किया. पेट्रोलियम पदार्थ से खेती और ट्रांसपोर्टिंग सीधा जुड़ा हुआ है.

पटना: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बजट पेश किया. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह पहला बजट है. इस बजट के आने के बाद से कई अर्थशास्त्रियों ने अपनी राय रखी है. अर्थशास्त्री नवल किशोर चौधरी ने कहा कि इस बजट से महिलाओं के लिए कुछ खास होने की उम्मीद थी. लेकिन, ऐसा नहीं हुआ. लोगों को फिर से एक बार निराशा ही हाथ लगी है.

'बजट से नहीं मिला लाभ'
अर्थशास्त्री नवल किशोर चौधरी कहते हैं कि नरेन्द्र मोदी की सरकार युवाओं, महिलाओं की विकास के लिए सरकार बनी है. लेकिन, इस बजट से किसी को लाभ नहीं मिला है. युवा आज भी बेरोजगार हैं. सरकार इनके लिए कुछ नहीं कर रही है. वहीं, उन्होंने पीएम मोदी के मेक इन इंडिया को विफल बताया है. युवा आज भी बेरोजगार हैं. पिछले 45 वर्षों सबसे ज्यादा बेरोजगारी भारत में हुई है.

नवल किशोर चौधरी, अर्थशास्त्री

'मेक इन इंडिया विफल'
प्रोफेसर चौधरी का कहना है कि पेट्रोलियम पदार्थों में दिनों दिन कीमत की बढ़ोतरी हो रही है. सरकार को इस पर ध्यान देने की जरुरत थी. लेकिन, इस पर सरकार ने कुछ नहीं किया. पेट्रोलियम पदार्थ से खेती और ट्रांसपोर्टिंग सीधा जुड़ा हुआ है.

Intro:52 साल के बाद किसी महिला वित्त मंत्री ने भारत का आम बजट पेश किया। निर्मला सीतारमण से पहले स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने भारत का आम बजट पेश किया था। आज के बजट से देश की महिलाओं में खासा उम्मीद जगी हुई थी। लेकिन इस बार में आम जनता को निराशा हाथ लगी।
जानकारों की मानें तो इस बजट को एक शब्द में निराशाजनक बताते हैं। अर्थशास्त्री प्रोफेसर नवल किशोर चौधरी कहते हैं कि वह गरीबों का महिलाओं का और युवाओं का लेकर नरेंद्र मोदी की सरकार बनी थी । लेकिन आज के आम बजट में चंद अमीर लोगों के लिए फायदे दिखाई दिए है।


Body:पेट्रोलियम पदार्थों में बड़ी कीमत पर चौधरी कहते हैं कि इससे हर चीज महंगी होगी। क्योंकि पेट्रोलियम पदार्थ से खेती और ट्रांसपोर्टिंग सीधा जुड़ा हुआ है। प्रोफेसर चौधरी का कहना है कि आज के बजट में कुछ भी खास नहीं दिखा।
रेलवे के निजीकरण और इंडियन एयरलाइंस के बिक्री पर बड़ा सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि इससे सुविधाएं भले बेहतर हो लेकिन गलत परंपरा की शुरुआत की गई है।
उन्होंने प्रधानमंत्री के पहले कार्यकाल के स्टार्टअप इंडिया और मेक इन इंडिया के असफल योजनाओं की बात दोहराई।


Conclusion:प्रोफ़ेसर चौधरी ने कहा कि नरेंद्र मोदी की पहली सरकार स्टार्टअप इंडिया मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया के नाम पर कुछ भी निवेश करने में सफल नहीं हो पाई। इस बार भी सिर्फ विकास दर का रट लगा रखा है लेकिन पिछले 45 वर्ष में सबसे ज्यादा बेरोजगारी भारत में बड़ी हुआ।
गौरतलब है कि इस बार के बजट से देश के तमाम युवाओं महिलाओं और खासकर पिछडे तबकों को काफी उम्मीद थी। लेकिन इन वर्गों के लिए कुछ भी खास नहीं दिखा। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बजट को आम जनता का बजट बताया।
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