पटना: बिहार में होली के दौरान पटना समेत कई शहरों में जमकर आपराधिक वारदातें हुई हैं. न सिर्फ राजधानी में ही 2 लोगों की हत्या हुई बल्कि बेगूसराय और नालंदा समेत कई शहरों में खून की होली खेली गई. राजधानी पटना में भी शराबबंदी का जमकर मखौल उड़ाया गया. इसे लेकर विपक्ष ने सरकार पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं और पूछा है कि क्या सरकार शराबबंदी के अपने फैसले पर शर्मिंदा नहीं है.
राजद के वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह ने कहा कि जिस तरह से मुख्यमंत्री के अपने गृह जिले में 5 लोगों की हत्या हुई है. पटना में भी हत्याएं हुई हैं, उससे साफ है कि बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति कितनी खराब है. वरिष्ठ राजद नेता ने कहा कि शराबबंदी के दावे सरकार चाहे कितनी भी कर ले लेकिन बिहार में कहीं भी शराबबंदी का कोई असर नहीं है. जितनी भारी मात्रा में शराब पकड़ी जा रही है उससे साफ है कि सरकार और अधिकारियों की मिलीभगत से ही बिहार में शराब की सप्लाई हो रही है. जगदानंद सिंह ने यह भी कहा कि पहले तो शराब से राजस्व बिहार सरकार को मिलता था, लेकिन अब अवैध शराब की सप्लाई के जरिए नीतीश कुमार के पार्टी के नेता सिर्फ अपनी जेब भर रहे हैं.
कांग्रेस ने भी किये सवाल
इधर कांग्रेस ने भी शराबबंदी और कानून व्यवस्था को लेकर सरकार पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस के नेता प्रेमचंद्र मिश्र ने कहा कि सरकार क्या अब भी शराबबंदी के अपने फैसले को सही मानती है. मुख्यमंत्री अक्सर यह कहते रहे हैं कि शराबबंदी के बाद बिहार में अपराध घटा है लेकिन जिस तरह से होली के दिन शराब उपलब्ध रही और जितनी हत्याएं बिहार में हुई हैं. उससे साफ है कि न तो बिहार में शराबबंदी सफल हो पाई और न ही कानून व्यवस्था की स्थिति में कोई सुधार हुआ है.
बिहार में खून की होली!
पटना समेत बिहार के कई शहरों में शराब पकड़ी गई है. वहीं, कई जगह शराब मिलने की शिकायत भी मिली. होली के दिन एक तरफ जहां शराबबंदी के दावे फेल दिखे, तो दूसरी ओर पटना समेत पूरे बिहार में करीब 10 लोगों की हत्या की सूचना है. अपराध और शराबबंदी को लेकर विपक्ष ने जिस तरह सवाल उठाए हैं. उससे साफ है कि 16 तारीख से विधानमंडल में भी सरकार को विपक्ष के सवालों से रूबरू होना पड़ेगा.