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Patna News: बिहार राज्य मत्स्य जीवी सहकारी संघ ने की बैठक, सदस्यों को दी लाभकारी योजनाओं की जानकारी - ETV Bharat News

पटना में बिहार राज्य मत्स्य जीवी सहकारी संघ ने एक बैठक (State Fisheries Cooperative Union Meeting in Patna ) का आयोजन किया. इस बैठक में सदस्यों को चल रही लाभकारी सरकारी योजनाओं की जानकारी दी गई. इसके अलावा अन्य कई मुद्दों पर चर्चा की गई. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Mar 31, 2023, 8:05 PM IST

पटना: बिहार की राजधानी पटना में बिहार राज्य मत्स्यजीवी सहकारी संघ (State Fisheries Cooperative Union) की 285वीं निदेशक बोर्ड की बैठक संघ मुख्यालय, मीन भवन हुई. इसी अध्यक्षता प्रयाग सहनी ने की. बैठक में बिहार और झारखण्ड से आए संघ के निदेशक बोर्ड के सदस्यों ने भाग लिया. इस बैठक में प्रयाग सहनी ने राहत-सह-बचत योजनांतर्गत प्रति मछुआरा से 1500 रुपये जमा कराए जाने पर रोक लगाने तथा राज्य के 15 लाख मछुआरों का प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजनांतर्गत मछुआरों के लिए सामूहिक जनता व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा एवं विशेष आकस्मिक बीमा योजना, मत्स्य फसल बीमा योजना लागू करने और परंपरागत मछुआरों की सूची जारी करने की मांग सरकार से की.

ये भी पढ़ेंः मत्स्यजीवी संघ की सरकार को चेतावनी, मांगे नहीं हुई पूरी तो 26 फरवरी को करेंगे अर्द्धनग्न प्रदर्शन

संघ की उपलब्धियों की दी जानकारी: राष्ट्रीय व बिहार राज्य मत्स्यजीवी सहकारी संघ के प्रबंध निदेशक ऋषिकेश कश्यप ने संघ की उपलब्धियों के बारे में बैठक में उपस्थित सदस्यों को कहा कि केन्द्र सरकार ने मत्स्य मंत्रालय, सहकारिता मंत्रालय का गठन किया गया है. किसान क्रेडिट कार्ड के तर्ज पर मत्स्य किसान के्रडिट कार्ड को निर्गत करने का निर्णय लिया गया है. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजनांतर्गत 20 हजार 50 करोड़ रुपये की योजना, फिशरीज और एक्वाकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड के अंतर्गत 7 हजार 520 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है.

सरकार की ओर से लाभकारी योजनाएंः फार्मर्स प्रोड्यूसर कम्पनी की तर्ज पर मत्स्यजीवी सहकारी समितियों को लाभ देने का निर्णय केन्द्र सरकार के द्वारा लिया गया है. इससे सदस्यों को लाभ मिल रहा है. राष्ट्रीय मखाना दिवस, डाॅल्फिन दिवस और मछुआरा दिवस के आयोजन के लिए अधिसूचना निर्गत करवाया गया है. जल संसाधन विभाग के अधीन जलाशयों का हस्तांतरण मत्स्य विभाग में करवाया गया है. परंपरागत मछुआरों की सूची जारी करवाने के लिए उच्च न्यायालय, पटना से आदेश प्राप्त किया गया.जल-जीवन-हरियाली योजनांतर्गत तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए लघु जल संसाधन विभाग से संघ के नाम प्रथम श्रेणी की अनुज्ञप्ति प्राप्त किया गया.

मत्स्य पालन को मिला कृषि का दर्जाः इतना ही नहीं मात्स्यिकी मत्स्य पालन को कृषि का दर्जा दिलवाया गया. काॅफ्फेड के नाम काॅरपोरेट एजेंसी अनुज्ञप्ति भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण, मुम्बई से प्राप्त किया गया. संघ ने काॅमन सर्विस सेन्टर, सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार का अनुज्ञप्ति प्राप्त किया है और इसके माध्यम से सभी प्रकार की सेवा का लाभ सदस्यों को दिया जा रहा है. काॅमन सर्विस सेन्टर के माध्यम से काॅफ्फेड का साधारण सदस्यता एवं समिति सदस्यता ऑनलाइन प्रारंम्भ किया गया .अब तक संघ का कुल 15,32,601 सामान्य सदस्य बनाया जा चुका है.

पटना: बिहार की राजधानी पटना में बिहार राज्य मत्स्यजीवी सहकारी संघ (State Fisheries Cooperative Union) की 285वीं निदेशक बोर्ड की बैठक संघ मुख्यालय, मीन भवन हुई. इसी अध्यक्षता प्रयाग सहनी ने की. बैठक में बिहार और झारखण्ड से आए संघ के निदेशक बोर्ड के सदस्यों ने भाग लिया. इस बैठक में प्रयाग सहनी ने राहत-सह-बचत योजनांतर्गत प्रति मछुआरा से 1500 रुपये जमा कराए जाने पर रोक लगाने तथा राज्य के 15 लाख मछुआरों का प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजनांतर्गत मछुआरों के लिए सामूहिक जनता व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा एवं विशेष आकस्मिक बीमा योजना, मत्स्य फसल बीमा योजना लागू करने और परंपरागत मछुआरों की सूची जारी करने की मांग सरकार से की.

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संघ की उपलब्धियों की दी जानकारी: राष्ट्रीय व बिहार राज्य मत्स्यजीवी सहकारी संघ के प्रबंध निदेशक ऋषिकेश कश्यप ने संघ की उपलब्धियों के बारे में बैठक में उपस्थित सदस्यों को कहा कि केन्द्र सरकार ने मत्स्य मंत्रालय, सहकारिता मंत्रालय का गठन किया गया है. किसान क्रेडिट कार्ड के तर्ज पर मत्स्य किसान के्रडिट कार्ड को निर्गत करने का निर्णय लिया गया है. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजनांतर्गत 20 हजार 50 करोड़ रुपये की योजना, फिशरीज और एक्वाकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड के अंतर्गत 7 हजार 520 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है.

सरकार की ओर से लाभकारी योजनाएंः फार्मर्स प्रोड्यूसर कम्पनी की तर्ज पर मत्स्यजीवी सहकारी समितियों को लाभ देने का निर्णय केन्द्र सरकार के द्वारा लिया गया है. इससे सदस्यों को लाभ मिल रहा है. राष्ट्रीय मखाना दिवस, डाॅल्फिन दिवस और मछुआरा दिवस के आयोजन के लिए अधिसूचना निर्गत करवाया गया है. जल संसाधन विभाग के अधीन जलाशयों का हस्तांतरण मत्स्य विभाग में करवाया गया है. परंपरागत मछुआरों की सूची जारी करवाने के लिए उच्च न्यायालय, पटना से आदेश प्राप्त किया गया.जल-जीवन-हरियाली योजनांतर्गत तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए लघु जल संसाधन विभाग से संघ के नाम प्रथम श्रेणी की अनुज्ञप्ति प्राप्त किया गया.

मत्स्य पालन को मिला कृषि का दर्जाः इतना ही नहीं मात्स्यिकी मत्स्य पालन को कृषि का दर्जा दिलवाया गया. काॅफ्फेड के नाम काॅरपोरेट एजेंसी अनुज्ञप्ति भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण, मुम्बई से प्राप्त किया गया. संघ ने काॅमन सर्विस सेन्टर, सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार का अनुज्ञप्ति प्राप्त किया है और इसके माध्यम से सभी प्रकार की सेवा का लाभ सदस्यों को दिया जा रहा है. काॅमन सर्विस सेन्टर के माध्यम से काॅफ्फेड का साधारण सदस्यता एवं समिति सदस्यता ऑनलाइन प्रारंम्भ किया गया .अब तक संघ का कुल 15,32,601 सामान्य सदस्य बनाया जा चुका है.

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