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Liquor Ban in Bihar: ट्रेन से शराब की तस्करी रोकने को लेकर पटना रेल पुलिस का विशेष अभियान, RPF कमाण्डेंट  ने संभाला कमान - बिहार में शराबबंदी

बिहार में शराबबंदी के बावजूद दूसरे प्रदेश से शराब लाने और बेचने का खेल नहीं रुक रहा है. शराब कारोबारियों ने सड़क मार्ग छोड़कर अब रेल मार्ग को अपने कारोबार का जरिया बना लिया है. इसे लेकर रेलवे पुलिस भी अब इन शराब तस्करों पर नकेल कसने में जुटी है.

पटना रेल पुलिस का विशेष अभियान
पटना रेल पुलिस का विशेष अभियान
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Published : Aug 17, 2023, 2:17 PM IST

पटना रेल पुलिस का विशेष अभियान

पटनाः बिहार में में पूर्ण रूप से शराबबंदी है. जिसको लेकर सरकार के द्वारा कड़े से कड़े कानून भी बनाए गए हैं. इसके लिए लगातार समीक्षा बैठक भी की जाती है. शराब माफियाओं पर कार्रवाई भी की जा रही है. शराब की कई बड़ी खेप पकड़ी भी जा रही है. सरकार के द्वारा सभी बॉर्डर पर चेक पोस्ट बनाया गया है ताकि दूसरे प्रदेशों से शराब कारोबारी शराब की तस्करी ना कर सकें. इसके बावजूद बिहार में शराब का कारोबार अब तक जारी है.

ये भी पढ़ेंः Liquor Ban In Bihar : पटना में 2000 लीटर विदेशी शराब बरामद, तस्करों की तलाश में छापेमारी

अवैध शराब को लेकर पुलिस का विशेष अभियानः शराब कारोबारी अब सड़क मार्ग के बजाए रेल मार्ग से शराब लाने को सुरक्षित मान रहे है. आए दिन शराब माफियाओं के द्वारा दिल्ली से पटना आने वाली ट्रेन से यूपी से शराब लाने का सिलसिला बदस्तूर जारी है. शराब कारोबारी उत्तर प्रदेश के वैसे रेलवे स्टेशन को चुनते हैं जहां की चेकिंग की सुविधा ना हो, इसके बाद शराब कारोबारी यह भी पता लगाते हैं कि कौन सी गाड़ी है, जिसमें आरपीएफ की एस्कॉर्ट पार्टी नहीं हो. इसको देखते हुए शराब कारोबारी छोटे-छोटे बैग में महंगी शराब की बोतलें लाते हैं.

कारोबारियों के द्वारा होता है जवानों पर हमलाः शराब के धंधे में लोग ट्रेन से शराब लाकर दानापुर, फुलवारीशरीफ, बिहटा, नेउरा ,सदिसोपुर जैसे रेलवे स्टेशन के आउटर सिग्नल पर शराब से भरे बैग को लेकर उतर जाते हैं और इसकी होम डिलेभरी करते हैं. ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी जीआरपी आरपीएफ को नहीं होती. आरपीएफ और जीआरपी के द्वारा सूचना पर इन लोगों पर कार्रवाई भी की जाती है. कार्रवाई के दौरान कई बार आरपीएफ के जवानों पर शराब कारोबारियों के द्वारा पत्थरबाजी और गोलीबारी की घटना भी हुई है. कई कारोबारी पकड़े भी गए हैं, इसके बाद भी आरपीएफ के द्वारा लगातार चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है.

अभियान में जुटी आरपीएफ के तीन कंपनीः आरपीएफ कमांडेंट प्रकाश कुमार पंडा ने बताया कि शराब तस्कर उन ट्रेनों को टारगेट करते हैं, जिसमें आरपीएफ के एस्कॉर्ट पार्टी नहीं होती. ताकि उनका काम आसानी से हो जाए. हम लोगों ने उसी के हिसाब से अपने ट्रेन एस्कॉर्टिंग को चेंज करते रहते हैं. शराब तस्करी को रोकने के लिए आरपीएफ के तीन कंपनी आई है जिसको लेकर हमने शराब कारोबारियों पर नकेल कसने के लिए प्लान बनाया है और लगातार छापेमारी की जा रही है. पिछले 1 साल में देखा जाए तो चार से पांच घटना हुई है, जिसमें आरपीएफ पर शराब माफियाओं के द्वारा गोलीबारी और पत्थरबाजी भी की गई है.

"बिहटा, फुलवारी शरीफ, सदीसोपुर , बिहटा ,कुल्हड़िया बिहिया जैसे कई स्टेशन पर घटना हुई है. वहां एक टीम लगाई गई है. जो शराब माफियाओं को पकड़ने में जुटी है. इस पर नजर रखने के लिए डॉग स्क्वायड की टीम को भी लगाया गया है. आरपीएफ के द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है"- प्रकाश कुमार पंडा, वरीय मंडल सुरक्षा आयुक्त, दानापुर

पटना रेल पुलिस का विशेष अभियान

पटनाः बिहार में में पूर्ण रूप से शराबबंदी है. जिसको लेकर सरकार के द्वारा कड़े से कड़े कानून भी बनाए गए हैं. इसके लिए लगातार समीक्षा बैठक भी की जाती है. शराब माफियाओं पर कार्रवाई भी की जा रही है. शराब की कई बड़ी खेप पकड़ी भी जा रही है. सरकार के द्वारा सभी बॉर्डर पर चेक पोस्ट बनाया गया है ताकि दूसरे प्रदेशों से शराब कारोबारी शराब की तस्करी ना कर सकें. इसके बावजूद बिहार में शराब का कारोबार अब तक जारी है.

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अवैध शराब को लेकर पुलिस का विशेष अभियानः शराब कारोबारी अब सड़क मार्ग के बजाए रेल मार्ग से शराब लाने को सुरक्षित मान रहे है. आए दिन शराब माफियाओं के द्वारा दिल्ली से पटना आने वाली ट्रेन से यूपी से शराब लाने का सिलसिला बदस्तूर जारी है. शराब कारोबारी उत्तर प्रदेश के वैसे रेलवे स्टेशन को चुनते हैं जहां की चेकिंग की सुविधा ना हो, इसके बाद शराब कारोबारी यह भी पता लगाते हैं कि कौन सी गाड़ी है, जिसमें आरपीएफ की एस्कॉर्ट पार्टी नहीं हो. इसको देखते हुए शराब कारोबारी छोटे-छोटे बैग में महंगी शराब की बोतलें लाते हैं.

कारोबारियों के द्वारा होता है जवानों पर हमलाः शराब के धंधे में लोग ट्रेन से शराब लाकर दानापुर, फुलवारीशरीफ, बिहटा, नेउरा ,सदिसोपुर जैसे रेलवे स्टेशन के आउटर सिग्नल पर शराब से भरे बैग को लेकर उतर जाते हैं और इसकी होम डिलेभरी करते हैं. ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी जीआरपी आरपीएफ को नहीं होती. आरपीएफ और जीआरपी के द्वारा सूचना पर इन लोगों पर कार्रवाई भी की जाती है. कार्रवाई के दौरान कई बार आरपीएफ के जवानों पर शराब कारोबारियों के द्वारा पत्थरबाजी और गोलीबारी की घटना भी हुई है. कई कारोबारी पकड़े भी गए हैं, इसके बाद भी आरपीएफ के द्वारा लगातार चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है.

अभियान में जुटी आरपीएफ के तीन कंपनीः आरपीएफ कमांडेंट प्रकाश कुमार पंडा ने बताया कि शराब तस्कर उन ट्रेनों को टारगेट करते हैं, जिसमें आरपीएफ के एस्कॉर्ट पार्टी नहीं होती. ताकि उनका काम आसानी से हो जाए. हम लोगों ने उसी के हिसाब से अपने ट्रेन एस्कॉर्टिंग को चेंज करते रहते हैं. शराब तस्करी को रोकने के लिए आरपीएफ के तीन कंपनी आई है जिसको लेकर हमने शराब कारोबारियों पर नकेल कसने के लिए प्लान बनाया है और लगातार छापेमारी की जा रही है. पिछले 1 साल में देखा जाए तो चार से पांच घटना हुई है, जिसमें आरपीएफ पर शराब माफियाओं के द्वारा गोलीबारी और पत्थरबाजी भी की गई है.

"बिहटा, फुलवारी शरीफ, सदीसोपुर , बिहटा ,कुल्हड़िया बिहिया जैसे कई स्टेशन पर घटना हुई है. वहां एक टीम लगाई गई है. जो शराब माफियाओं को पकड़ने में जुटी है. इस पर नजर रखने के लिए डॉग स्क्वायड की टीम को भी लगाया गया है. आरपीएफ के द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है"- प्रकाश कुमार पंडा, वरीय मंडल सुरक्षा आयुक्त, दानापुर

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