दिल्ली/पटना: बिहार विधानसभा के स्पीकर विजय सिन्हा (Vijay Sinha Speaker Bihar Assembly) पर अविश्वास प्रस्ताव ( No Confidence Motion Against Vijay Kumar Sinha) को लेकर बिहार में घमासान मचा हुआ है. इस बीच विजय सिन्हा ने कहा है कि जब तक संवैधानिक पद पर हैं अपने संवैधानिक कर्तव्य का ईमानदारी से निर्वहन करेंगे. बिहार विधानसभा की गरिमा को बढ़ाने के लिए जितना भी अवसर मिला, हमने किया है. उसे लोगों ने देखा है. हमारी कोशिश रहेगी कि वो गरिमा बढ़ते रहे.
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'जब तक संवैधानिक पद पर हूं कर्तव्यों का पालन करूंगा': दरअसल विजय सिन्हा से पूछा गया कि क्या वे 15 अगस्त ( Flag Hoisting In Bihar Assembly) को सदन में झंडोतोलन करेंगे? इस पर विजय सिन्हा ने प्रतिक्रिया (Speaker Vijay Sinha Reaction To Flag Hoisting) दी है. उन्होंने साफ-साफ कहा कि जब तक संवैधानिक पद पर हूं कर्तव्यों का पालन करूंगा.
"लखीसराय में कल तिरंगा यात्रा में सम्मलित होंगे. जब तक संवैधानिक पद पर हूं अपने संवैधानिक कर्तव्यों का ईमानदारी से निर्वहन करूंगा. बिहार विधानसभा की गरिमा को बढ़ाने के लिए जितना भी अवसर मिला हमने किया है. हमारी कोशिश रहेगी कि वो गरिमा बढ़ते रहे."- विजय सिन्हा, स्पीकर, बिहार विधानसभा
विजय सिन्हा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव: नीतीश कुमार के महागठबंधन में शामिल होने के बाद 7 दलों की ओर से 164 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा के खिलाफ बुधवार को अविश्वास प्रस्ताव विधानसभा सचिव को दिया है. लेकिन इस पर विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. महागठबंधन के आरजेडी विधायक भाई बीरेंद्र का कहना था विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा बीजेपी कोटे से आते हैं और बीजेपी अल्पमत में चली गई है, इसलिए उनको खुद इस्तीफा दे देना चाहिए.
आरजेडी कोटे से बनेगा स्पीकर: माना भी जाता है कि विधानसभा अध्यक्ष आरजेडी को मिलना तय है. ऐसे में अगर विधानसभा अध्यक्ष आरजेडी के पास जाता है तो विधान परिषद सभापति का पद जेडीयू के कोटे में जाना तय है. फिलहाल अवधेश नारायण सिंह विधान परिषद के कार्यकारी सभापति हैं. सिंह को नीतीश कुमार का करीबी माना जाता है, लेकिन सरकार परिवर्तन के बाद बीजेपी के हाथ से यह पद जाना तय हो गया है.
गुलाम गौस हो सकते हैं सभापति: बता दें कि संख्याबल के हिसाब से विधान परिषद में जेडीयू सबसे बड़ा दल है. विधानसभा में भी अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा का जाना तय माना जाता है. विधानसभा में संख्याबल के दृष्टिकोण से बीजेपी दूसरा सबसे बडा दल है. बिहार विधानसभा अध्यक्ष के रूप में आरजेडी के अवध बिहारी चौधरी के नाम की चर्चा है बल्कि परिषद के सभापति के तौर पर जेडीयू के गुलाम गौस की चर्चा है.
बिहार में बदला सियासी समीकरण: दरअसल, 2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए की ओर से जेडीयू और बीजेपी ने मिलकर चुनाव लड़ा था और बहुमत मिलने के बाद सरकार बनाई थी. लेकिन तीन दिन पूर्व नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने पलटी मारते हुए महागठबंधन के साथ मिलकर सरकार बना ली, जिससे बिहार में सियासी समीकरण बदल गया है.