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कोरोना की तीसरी लहर धीमी होते ही पटना में बढ़े चर्म रोग के मामले, बाल झड़ने की भी बढ़ी परेशानी

पटना में कोरोना की तीसरी लहर खत्म होने के बाद अब लोगों में स्किन डिजीज के मामले दिखने लगे हैं. तीसरी लहर में जो लोग संक्रमित हुए थे, उनमें हरपीस जॉस्टर और क्रॉनिक हेयर लॉस के मामले काफी अधिक मिल रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर..

रिचा ठाकुर, चर्म रोग विशेषज्ञ
रिचा ठाकुर, चर्म रोग विशेषज्ञ
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Published : Feb 28, 2022, 4:49 PM IST

पटनाः कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर (Third Wave Of Corona) अभी हाल ही में धीमी हुई है, लेकिन तीसरी लहर का साइड इफेक्ट अब दिखना शुरू हो गया है. जो लोग तीसरी लहर में संक्रमण की चपेट में आए हैं, उनमें कई प्रकार के स्किन डिजीज (Skin Disease Cases Increased In Patna) देखने को मिल रहे हैं. चर्म रोग विशेषज्ञ के पास ऐसे पेशेंट की भीड़ बढ़ गई है.

ये भी पढ़ें- तीसरी लहर में दिख रहा सेकंड वेब का असर, अन्य बीमारी की चपेट में आए डेल्टा वैरिएंट से ठीक हुए लोग

बताया जाता है कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर में जो लोग संक्रमित हुए थे, उनमें हरपीस जॉस्टर और क्रॉनिक हेयर लॉस के मामले काफी अधिक मिल रहे हैं. वहीं संक्रमित हुए काफी लोगों की स्किन में इचिंग की भी समस्या बढ़ गई है. पटना की प्रख्यात चर्म रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रिचा ठाकुर ने बताया कि तीसरी लहर के बाद भी दूसरी लहर की तरह स्किन रिलेटेड प्रॉब्लम लेकर लोग आ रहे हैं.

दूसरी लहर में जिस प्रकार संक्रमण से ठीक होने के बाद लोगों में हरपीस जोस्टर के मामले पाए गए थे उसी प्रकार इस बार भी हरपीस जोस्टर के मामले बहुत मिले हैं. इसको ठीक होने में लगभग 1 महीने का समय लग जाता है. इसमें स्किन के एक हिस्से में स्किन पर अलग-अलग जगह पर घाव निकलते हैं एक जगह घाव ठीक होता है तो दूसरी जगह निकल जाता है. यह बहुत जलन करता है.

'क्रॉनिक हेयर लॉस के मामले भी बहुत बढ़ गए हैं. जो लोग संक्रमण से ठीक होकर उबरे हैं, उनमें तेजी से हेयर फॉल के मामले देखने को मिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि दूसरी लहर में स्किन से जुड़े आर्टिकेरियल रिएक्शन बहुत अधिक बढ़ गए थे. लेकिन तीसरी लहर में यह कम हैं, क्योंकि ओमीक्रोन हल्के लक्षण का संक्रमण था और इसका अधिक दुष्प्रभाव शरीर पर नहीं हुआ है'- डॉ रिचा ठाकुर, चर्म रोग विशेषज्ञ


ये भी पढ़ेंः बीमार लोगों के लिए 'काल' बन रहा ओमीक्रोन! कोरोना केस में गिरावट के बावजूद नहीं थम रहा मौतों का सिलसिला

मौसम में बदलाव भी है रोग का कारणः डॉ. रिचा ठाकुर ने बताया कि अभी के समय धूप के कारण रिएक्शन और एलर्जी की शिकायत लेकर भी काफी पेशेंट आ रहे हैं. मौसम में बदलाव होने की वजह से भी इस प्रकार के मामले बढ़ते हैं और ऐसी शिकायत लेकर आने वालों में कई लोगों में कोविड की हिस्ट्री भी मिल रही है. ऐसे में दोनों वजह हो सकते हैं. डॉक्टर ने कहा कि इस मौसम में खासकर जब ठंड खत्म हो रही होती है और गर्मी की शुरुआत होती है, इसलिए ड्राई स्किन के मामले बढ़ जाते हैं. धूप की वजह से स्किन में रिएक्शन के मामले भी बढ़ते हैं.

ड्राई स्किन से बचने के उपायः डॉक्टर ने बताया कि ऐसे में जरूरी है कि इस मौसम में स्किन को ड्राई नहीं होने दे. नहाने के बाद बॉडी को नारियल तेल या मॉस्चराईजर से मॉइस्चराइज करें. धूप में निकले तो सन प्रोटेक्शन क्रीम लगाकर निकले. इसके अलावा शरीर में पानी की कमी नहीं होने दें और इसके लिए जरूरी है कि पीने के लिए पानी भरपूर मात्रा में सेवन करें. अभी के समय तैलीय पदार्थों को खाने से बचें और सुपाच्य भोजन करें.

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पटनाः कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर (Third Wave Of Corona) अभी हाल ही में धीमी हुई है, लेकिन तीसरी लहर का साइड इफेक्ट अब दिखना शुरू हो गया है. जो लोग तीसरी लहर में संक्रमण की चपेट में आए हैं, उनमें कई प्रकार के स्किन डिजीज (Skin Disease Cases Increased In Patna) देखने को मिल रहे हैं. चर्म रोग विशेषज्ञ के पास ऐसे पेशेंट की भीड़ बढ़ गई है.

ये भी पढ़ें- तीसरी लहर में दिख रहा सेकंड वेब का असर, अन्य बीमारी की चपेट में आए डेल्टा वैरिएंट से ठीक हुए लोग

बताया जाता है कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर में जो लोग संक्रमित हुए थे, उनमें हरपीस जॉस्टर और क्रॉनिक हेयर लॉस के मामले काफी अधिक मिल रहे हैं. वहीं संक्रमित हुए काफी लोगों की स्किन में इचिंग की भी समस्या बढ़ गई है. पटना की प्रख्यात चर्म रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रिचा ठाकुर ने बताया कि तीसरी लहर के बाद भी दूसरी लहर की तरह स्किन रिलेटेड प्रॉब्लम लेकर लोग आ रहे हैं.

दूसरी लहर में जिस प्रकार संक्रमण से ठीक होने के बाद लोगों में हरपीस जोस्टर के मामले पाए गए थे उसी प्रकार इस बार भी हरपीस जोस्टर के मामले बहुत मिले हैं. इसको ठीक होने में लगभग 1 महीने का समय लग जाता है. इसमें स्किन के एक हिस्से में स्किन पर अलग-अलग जगह पर घाव निकलते हैं एक जगह घाव ठीक होता है तो दूसरी जगह निकल जाता है. यह बहुत जलन करता है.

'क्रॉनिक हेयर लॉस के मामले भी बहुत बढ़ गए हैं. जो लोग संक्रमण से ठीक होकर उबरे हैं, उनमें तेजी से हेयर फॉल के मामले देखने को मिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि दूसरी लहर में स्किन से जुड़े आर्टिकेरियल रिएक्शन बहुत अधिक बढ़ गए थे. लेकिन तीसरी लहर में यह कम हैं, क्योंकि ओमीक्रोन हल्के लक्षण का संक्रमण था और इसका अधिक दुष्प्रभाव शरीर पर नहीं हुआ है'- डॉ रिचा ठाकुर, चर्म रोग विशेषज्ञ


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मौसम में बदलाव भी है रोग का कारणः डॉ. रिचा ठाकुर ने बताया कि अभी के समय धूप के कारण रिएक्शन और एलर्जी की शिकायत लेकर भी काफी पेशेंट आ रहे हैं. मौसम में बदलाव होने की वजह से भी इस प्रकार के मामले बढ़ते हैं और ऐसी शिकायत लेकर आने वालों में कई लोगों में कोविड की हिस्ट्री भी मिल रही है. ऐसे में दोनों वजह हो सकते हैं. डॉक्टर ने कहा कि इस मौसम में खासकर जब ठंड खत्म हो रही होती है और गर्मी की शुरुआत होती है, इसलिए ड्राई स्किन के मामले बढ़ जाते हैं. धूप की वजह से स्किन में रिएक्शन के मामले भी बढ़ते हैं.

ड्राई स्किन से बचने के उपायः डॉक्टर ने बताया कि ऐसे में जरूरी है कि इस मौसम में स्किन को ड्राई नहीं होने दे. नहाने के बाद बॉडी को नारियल तेल या मॉस्चराईजर से मॉइस्चराइज करें. धूप में निकले तो सन प्रोटेक्शन क्रीम लगाकर निकले. इसके अलावा शरीर में पानी की कमी नहीं होने दें और इसके लिए जरूरी है कि पीने के लिए पानी भरपूर मात्रा में सेवन करें. अभी के समय तैलीय पदार्थों को खाने से बचें और सुपाच्य भोजन करें.

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