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करोड़ों खर्च के बावजूद बिहार में नहीं हुआ स्किल डेवलपमेंट, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के जरिए भविष्य की रूपरेखा हुई तय

कोरोना संकट के बाद से बिहार में बेरोजगारी के मामले दिन-प्रतिदि बढ़ते जा रहे हैं. सरकार कौशल विकास के नाम पर करोड़ों रुपये तो खर्च करती है लेकिन यह फेल साबित हो रहा है.

जीवेश कुमार
जीवेश कुमार
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Published : Jul 21, 2021, 7:53 AM IST

पटना: बिहार में कौशल विकास (Skill Development In Bihar) को लेकर सरकार ने अनेक वादे किए हैं. लेकिन वर्तमान समय में कौशल विकास को लेकर बिहार सरकार के पास कोई रोड मैप ही नहीं है. जिसका नतीजा है कि बिहार बेरोजगारी के मामले में अव्वल है. स्किल डेवलपमेंट के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च तो हो रहे हैं लेकिन परिणाम निकल कर सामने नहीं आ रहे हैं.

इसे भी पढ़ें: अप्रैल से कुशल युवा प्रोग्राम में शुरू होगा नामांकन, कोरोना के चलते 1 साल से था बंद

स्किल डेवलपमेंट के जरिए बिहार जैसे राज्यों में बेरोजगारी (Unemployment In Bihar) काफी हद तक कम की जा सकती है. कोरोना संकटकाल में बेरोजगारी के मामले में बिहार सबसे ऊपर पहुंच गया था. लाखों की संख्या में मजदूर बिहार लौटे थे. सरकार ने उनकी स्किल मैपिंग कराई थी. स्किल डेवलपमेंट के जरिए लोगों को रोजगार देने का वायदा भी किया गया था लेकिन अब तक योजना धरातल पर नहीं उतर सकी.

देखें रिपोर्ट.

ये भी पढ़ें: कौशल विकास योजना के तहत बिहार में ट्रेंड किए जाएंगे 10वीं और 12वीं युवा- जीवेश मिश्रा

सरकार ने हर जिले में स्किल डेवलपमेंट के लिए सेंटर खोलने का निर्णय लिया था. वहीं अब सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (Center Of Excellence) के जरिए स्किल डेवलपमेंट के दावे किए जा रहे हैं. अब तक बिहार सरकार के पास यह आंकड़ा भी नहीं है कि सरकार ने कितने लोगों का कौशल विकास किया है. बिहार में स्किल डेवलपमेंट को लेकर राजद के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय महासचिव आलोक मेहता ने सरकार पर हमला बोला है.

'बिहार में स्किल डेवलपमेंट का मामला हो चाहे पलायन का मामला, दोनों ही मोर्चे पर सरकार पूरी तरह विफल रही. करोड़ों रुपये खर्च करके स्किल डेवलपमेंट सेंटर बनाया गया लेकिन फिर ऐसा लगा कि सरकार कोई चीज शुरू करके फिर अपने हाथों को खींच ली है. सरकार सिर्फ प्रचार के जरिए अपना पीठ थपथपा रही है.' -आलोक मेहता, वरिष्ठ नेता, राजद

'स्किल डेवलपमेंट को लेकर सरकार योजनाबद्ध तरीके से काम कर रही है. हर एक जिले में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खोलने की तैयारी चल रही है. आईटीआई के वैसे ब्रांच जो आउटडेटेड हो चुके हैं, उन्हें बंद भी किया जा रहा है. साथ ही छात्रों को आधुनिक शिक्षा देने की तैयारी की जा रही है.' -जीवेश कुमार, श्रम संसाधन मंत्री

'स्किल डेवलपमेंट को लेकर बिहार सरकार गंभीर नहीं है. केंद्र सरकार की सूची में बिहार सरकार का स्थान नहीं है. शिक्षा में गुणात्मक सुधार के बिना स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम को मूर्त रूप नहीं दिया जा सकता है. विशेषज्ञों की टीम से एक सर्वे कराने की भी जरूरत है कि किस जिले में किस तरीके की स्किल की जरूरत है. राज्य स्तर पर भी इसका सर्वे होना चाहिए तभी कार्यक्रम सफल होंगे'. -डॉ विद्यार्थी विकास, अर्थशास्त्री

पटना: बिहार में कौशल विकास (Skill Development In Bihar) को लेकर सरकार ने अनेक वादे किए हैं. लेकिन वर्तमान समय में कौशल विकास को लेकर बिहार सरकार के पास कोई रोड मैप ही नहीं है. जिसका नतीजा है कि बिहार बेरोजगारी के मामले में अव्वल है. स्किल डेवलपमेंट के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च तो हो रहे हैं लेकिन परिणाम निकल कर सामने नहीं आ रहे हैं.

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स्किल डेवलपमेंट के जरिए बिहार जैसे राज्यों में बेरोजगारी (Unemployment In Bihar) काफी हद तक कम की जा सकती है. कोरोना संकटकाल में बेरोजगारी के मामले में बिहार सबसे ऊपर पहुंच गया था. लाखों की संख्या में मजदूर बिहार लौटे थे. सरकार ने उनकी स्किल मैपिंग कराई थी. स्किल डेवलपमेंट के जरिए लोगों को रोजगार देने का वायदा भी किया गया था लेकिन अब तक योजना धरातल पर नहीं उतर सकी.

देखें रिपोर्ट.

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सरकार ने हर जिले में स्किल डेवलपमेंट के लिए सेंटर खोलने का निर्णय लिया था. वहीं अब सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (Center Of Excellence) के जरिए स्किल डेवलपमेंट के दावे किए जा रहे हैं. अब तक बिहार सरकार के पास यह आंकड़ा भी नहीं है कि सरकार ने कितने लोगों का कौशल विकास किया है. बिहार में स्किल डेवलपमेंट को लेकर राजद के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय महासचिव आलोक मेहता ने सरकार पर हमला बोला है.

'बिहार में स्किल डेवलपमेंट का मामला हो चाहे पलायन का मामला, दोनों ही मोर्चे पर सरकार पूरी तरह विफल रही. करोड़ों रुपये खर्च करके स्किल डेवलपमेंट सेंटर बनाया गया लेकिन फिर ऐसा लगा कि सरकार कोई चीज शुरू करके फिर अपने हाथों को खींच ली है. सरकार सिर्फ प्रचार के जरिए अपना पीठ थपथपा रही है.' -आलोक मेहता, वरिष्ठ नेता, राजद

'स्किल डेवलपमेंट को लेकर सरकार योजनाबद्ध तरीके से काम कर रही है. हर एक जिले में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खोलने की तैयारी चल रही है. आईटीआई के वैसे ब्रांच जो आउटडेटेड हो चुके हैं, उन्हें बंद भी किया जा रहा है. साथ ही छात्रों को आधुनिक शिक्षा देने की तैयारी की जा रही है.' -जीवेश कुमार, श्रम संसाधन मंत्री

'स्किल डेवलपमेंट को लेकर बिहार सरकार गंभीर नहीं है. केंद्र सरकार की सूची में बिहार सरकार का स्थान नहीं है. शिक्षा में गुणात्मक सुधार के बिना स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम को मूर्त रूप नहीं दिया जा सकता है. विशेषज्ञों की टीम से एक सर्वे कराने की भी जरूरत है कि किस जिले में किस तरीके की स्किल की जरूरत है. राज्य स्तर पर भी इसका सर्वे होना चाहिए तभी कार्यक्रम सफल होंगे'. -डॉ विद्यार्थी विकास, अर्थशास्त्री

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