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बिहार में 'सिंदूर खेला' कर महिलाओं ने दी मां को विदाई, जानिए बंगाली परंपरा का महत्व

राजधानी पटना समेत बिहार के कई जिलों में दशमी के दिन बंगाली समाज की महिलाओं ने मां के चरणों में सिंदूर और पान अर्पित किया. इसके बाद उन्होंने एक-दूसरे को सिंदूर लगा सिंदूर खेला की परंपरा पूरी की.

सिंदूर खेला खेलती महिलाएं
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Published : Oct 8, 2019, 6:36 PM IST

पटना: राजधानी पटना समेत बिहार के कई जिले में बंगाली समाज से जुड़ी सुहागिन महिलाओं ने सिंदूर खेला. नवरात्रि के नौ दिन पूजा-पाठ करने के बाद दशमी के दिन सिंदूर खेलने की परंपरा है. इस परंपरा को सिंदूर खेला के नाम से जाना जाता है. इसके पीछे की मान्यता है.

राजधानी पटना में दशमी के दिन बंगाली समाज की महिलाओं ने मां के चरणों में सिंदूर और पान अर्पित किया. इसके बाद उन्होंने एक-दूसरे को सिंदूर लगा सिंदूर खेला की परंपरा पूरी की. खास बात ये रही कि इस में गैर बंगाली समाज की महिलाओं ने हिस्सा लिया. सभी ने मां दुर्गा से लंबे सुहाग की कामना की.

सुहागिन महिलाओं की परंपरा है सिंदूर खेला
सुहागिन महिलाओं की परंपरा है सिंदूर खेला

सिंदूर खेला की मान्यता...
दशमी के दिन मां दुर्गा के समक्ष शादीशुदा महिलाएं एक-दूसरे के साथ सिंदूर की होली खेलती हैं. ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि में मां दुर्गा 10 दिन के लिए अपने मायके आती हैं. इसलिए जगह-जगह उनके पंडाल सजते हैं. इन नौ दिनों में मां दुर्गा की पूजा और आराधना की जाती है और दशमी पर सिंदूर की होली खेलकर मां दुर्गा को विदा किया जाता है.

सिंदूर खेला की परंपरा

दरभंगा में सिंदूर खेला...
दरभंगा के राजकुमारगंज स्थित पीतांबरी बांग्ला स्कूल के दुर्गापूजा पंडाल में बंगाली समुदाय की सुहागिन महिलाओं ने सिंदूर खेला का आयोजन किया. इस अवसर पर सुहागिन महिलाओं ने सिंदूर खेला. वहीं, हंसी-खुशी मां दुर्गा की विदाई की गई. इस मौके पर सभी स्थानीय महिलाएं शामिल हुई.

एक-दूसरे को सिंदूर लगाती महिलाएं
एक-दूसरे को सिंदूर लगाती महिलाएं

गया में सिंदूर खेला...
गया के दुर्गाबाड़ी मंदिर प्रांगण में बंगाली समाज की महिलाओं ने सिंदूर खेलकर मां दुर्गा को विदाई दी. इस दौरान महिलाओं ने मां दुर्गा की प्रतिमा को सिंदूर लगाया. साथ ही एक दूसरे के साथ धार्मिक वातावरण में सिंदूर लगा और मिठाई खिलाकर बधाई दी. वहीं, स्थानीय महिलाओं ने बताया कि मां दुर्गा को विदाई देने के लिए और सुहाग की लंबी उम्र के लिए इस सिंदूर खेला जाता है.

सिंदूर खेला खेलती महिलाएं
सिंदूर खेला खेलती महिलाएं

पटना: राजधानी पटना समेत बिहार के कई जिले में बंगाली समाज से जुड़ी सुहागिन महिलाओं ने सिंदूर खेला. नवरात्रि के नौ दिन पूजा-पाठ करने के बाद दशमी के दिन सिंदूर खेलने की परंपरा है. इस परंपरा को सिंदूर खेला के नाम से जाना जाता है. इसके पीछे की मान्यता है.

राजधानी पटना में दशमी के दिन बंगाली समाज की महिलाओं ने मां के चरणों में सिंदूर और पान अर्पित किया. इसके बाद उन्होंने एक-दूसरे को सिंदूर लगा सिंदूर खेला की परंपरा पूरी की. खास बात ये रही कि इस में गैर बंगाली समाज की महिलाओं ने हिस्सा लिया. सभी ने मां दुर्गा से लंबे सुहाग की कामना की.

सुहागिन महिलाओं की परंपरा है सिंदूर खेला
सुहागिन महिलाओं की परंपरा है सिंदूर खेला

सिंदूर खेला की मान्यता...
दशमी के दिन मां दुर्गा के समक्ष शादीशुदा महिलाएं एक-दूसरे के साथ सिंदूर की होली खेलती हैं. ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि में मां दुर्गा 10 दिन के लिए अपने मायके आती हैं. इसलिए जगह-जगह उनके पंडाल सजते हैं. इन नौ दिनों में मां दुर्गा की पूजा और आराधना की जाती है और दशमी पर सिंदूर की होली खेलकर मां दुर्गा को विदा किया जाता है.

सिंदूर खेला की परंपरा

दरभंगा में सिंदूर खेला...
दरभंगा के राजकुमारगंज स्थित पीतांबरी बांग्ला स्कूल के दुर्गापूजा पंडाल में बंगाली समुदाय की सुहागिन महिलाओं ने सिंदूर खेला का आयोजन किया. इस अवसर पर सुहागिन महिलाओं ने सिंदूर खेला. वहीं, हंसी-खुशी मां दुर्गा की विदाई की गई. इस मौके पर सभी स्थानीय महिलाएं शामिल हुई.

एक-दूसरे को सिंदूर लगाती महिलाएं
एक-दूसरे को सिंदूर लगाती महिलाएं

गया में सिंदूर खेला...
गया के दुर्गाबाड़ी मंदिर प्रांगण में बंगाली समाज की महिलाओं ने सिंदूर खेलकर मां दुर्गा को विदाई दी. इस दौरान महिलाओं ने मां दुर्गा की प्रतिमा को सिंदूर लगाया. साथ ही एक दूसरे के साथ धार्मिक वातावरण में सिंदूर लगा और मिठाई खिलाकर बधाई दी. वहीं, स्थानीय महिलाओं ने बताया कि मां दुर्गा को विदाई देने के लिए और सुहाग की लंबी उम्र के लिए इस सिंदूर खेला जाता है.

सिंदूर खेला खेलती महिलाएं
सिंदूर खेला खेलती महिलाएं
Intro:नवरात्र के अंतिम दिन यानी विजय दसवीं के मौके पर माँ दुर्गा की बिदाई के पूर्व सभी सुहागिन महिलाओ ने माँ दुर्गा के चरणों मे सिंदूर चढ़ाकर सभी सुहागिन महिला एक दूसरे को सिंदूर लगाकर सिंदूर मिलन कार्यक्रम में भाग लेते है।


Body:माँ दुर्गा की चरणों मे सिंदूर चढ़ाकर सभी सुहागिन महिला अपने आप को गौरवशाली मसहूस करते है साथ ही माँ दुर्गा से मंगल कामना अपने आप को अखण्ड सौभाग्यवती होने की कामना माँ भगवती से करते है।


Conclusion:स्टोरी:-माँ दुर्गा सिंदूर मिलन।
रिपोर्ट:-पटना सिटी से अरुण कुमार।
दिनांक:-08-10-019.
एंकर:-अखण्ड सौभाग्य रहू मैं,माँ मेरी ऐसी कामना है आपसे दुनिया मे अमन-चैन,सुख समृद्धि रहे हमलोगों के जीवन मे ऐसी मंगल कामना करती जिससे समाज,परिवार,देश,प्रदेश सब सुरक्षित रहे,विकाश करे,और सभी के जीवन मे सुख समृद्धि आये ये मंगलकामना सभी सुहागिन महिला विजय दसवीं यानी नवरात्र के अंतिम दिन माँ दुर्गा की विदाई के पूर्व सिंदूर मिलन कार्यक्रम में कहा।सभी सुहागिन महिला माँ दुर्गा के चरणों मे सिंदूर रख कर एक दूसरे को सिंदूर लगाते है ऐसी धारणा है कि मैं दुर्गे के साथ सिंदूर लगाने का खेल सभी सुहागिन महिला एक साथ खेल कर माँ से आशीर्वाद की कामना करती है।
बाईट(निशा,रागनी,मीरा-स्थानीय)
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