पटना: राजधानी पटना स्थित कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय सदाकत आश्रम में आज गुरुवार 26 अक्टूबर को श्रीकृष्ण सिंह जयंती समारोह का आयोजन किया गया. जहां कांग्रेस के तमाम बड़े नेताओं की मौजूद हैं. वहीं राजद सुप्रीमो लालू यादव बतौर मुख्य अतिथि मौजूद हैं और उन्होंने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया. साल 2017 के बाद ये पहला मौका है, जब कांग्रेस प्रदेश दफ्तर में लालू यादव नजर आ रहे हैं.
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लालू जी के कहने पर शुरू हुवा जयंती समारोहः इस मौके पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि पिछले 23 साल से लगातार श्री बाबू की जयंती समारोह हमलोग उत्सव के रूप में मानते आए हैं, यह 23 वां साल है. 2000 में जब पहली बार विधायक बने थे तो लालू यादव ने उन्हें मंत्री बनाया था, लालू यादव के कहने पर उन्होंने श्री बाबू की जयंती मनाना शुरू किया था, इस बार स्वास्थ्य ठीक था तो मैंने आग्रह किया कि आप ही के कहने पर मैंने शुरू किया था तो इस बार के कार्यक्रम में आप मुख्य अतिथि बनकर आईये.
"आज हम सभी सामाजिक न्याय की गुहार लगाते हैं लेकिन श्री बाबू के शासन काल में सामाजिक न्याय के कई बड़े निर्णय लिए गए. श्री बाबू में सभी लोगों को एक साथ लेकर चलने की शक्ति थी. आज राजस्थान में चुनाव का समय है और अशोक गहलोत के बेटे के यहां ईडी की छापेमारी हो रही है. नरेंद्र मोदी के संप्रदायिकता के एजेंडे को रोकने की लालू यादव ने कोशिश की तो उनके ऊपर भी आए दिन सरकारी एजेंसियों की कार्रवाई का दुरुपयोग देखने को मिलता है. लालू यादव का स्वास्थ्य ठीक रहा तो बिहार में 2024 में मोदी का खाता नहीं खुलेगा"- अखिलेश सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस
कांग्रेस के दिग्गज नेताओं का जुटानः जाति गणना के बाद भूमिहार वोट बैंक को साधने के लिए कांग्रेस की ओर से बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्री कृष्णा सिंह जयंती कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तर के कई दिग्गज नेता के साथ प्रदेश के तमाम वरीय नेता मौजूद हैं. पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार, प्रमोद तिवारी, तारिक अनवर, बिहार प्रभारी भक्त चरण दास, प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह समेत कई नेता जयंती समारोह में मौजूद हैं.
कांग्रेस की नजदीकी से जदयू असहजः राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो लालू यादव की कांग्रेस से बढ़ती नजदीकी जनता दल यूनाइटेड को परेशान करने वाली है. इंडिया गठबंधन बनने से पहले विपक्षी एकजुट की शुरुआती दौर में नीतीश कुमार को जहां पीएम कैंडिडेट बताया जा रहा था, वहीं दूसरी ओर पटना की बैठक में लालू यादव ने राहुल गांधी को दूल्हा बनाने का बयान देकर जदयू को असहज कर दिया था. कई मौकों पर लालू यादव, नीतीश कुमार को प्रमोट करने के बजाय राहुल गांधी को प्रमोट करते दिखे हैं. इस कार्यक्रम में लालू यादव के बयान से राजनीतिक गलियारों में क्या समीकरण बनते हैं, इस पर विश्लेषकों की नजर है.
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