पटना: विधानसभा का शीतकालीन सत्र के दौरान जनसंख्या नियंत्रण को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन में महिलाओं को लेकर अमर्यादित शब्दों का प्रयोग किया जिसका विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. नीतीश कुमार ने खुद ही ऐसे शब्दों का चयन कर विपक्षी दलों हमलावर होने का मौका दे दिया है, जिसका वे लोग खूब फायदा भी उठा रहे हैं. भाजपा विधायक श्रेयसी सिंह ने भी सीएम की कड़े शब्दों में आलोचना की है.
नीतीश के बयान से देश की महिलाएं शर्मिंदा: शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन श्रेयसी सिंह ने सीएम को जमकर खरी-खोटी सुनाई. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान से बिहार की छवि धूमिल हुई है. उन्होंने महिलाओं के लिए आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया. पता नहीं उनके दिमाग में ये आता है या नहीं कि कौन से शब्द का इस्तेमाल करना चाहिए और कौन से शब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. देशभर की महिलाएं मुख्यमंत्री के बयान से शर्मसार हैं.
"मुख्यमंत्री ने मानसिक संतुलन खो दिया है और कह रहे हैं कि मैंने जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया था. उन्हें सीएम बनाने वाले वो अकेले नहीं थे. कई लोगों ने मिलकर उन्हें चुना. बीते दिनों उन्होंने श्रद्धांजली सभा में दिवंगत आत्मा की जगह अपने ही कैबिनेट के मंत्री को फूल चढ़ा दिया था, ये सब कैसी हरकतें हैं ?"- श्रेयसी सिंह, विधायक, भाजपा
दलितों के अपमान का लगाया आरोप: मुख्यमंत्री ने सदन के अंदर बीते दिन जिस तरह से जीतन राम मांझी को तु-तड़ाक किया था, इसको लेकर भी सियासत तेज है. भाजपा की महिला विधायक ने कहा कि नीतीश कुमार ने सिर्फ महिलाओं का ही अपमान नहीं किया बल्कि दलितों का भी अपमान किया. जिस तरह से उन्होंने जीतन राम मांझी से बात की वो कहीं से सही नहीं है. मांझी जी को मुख्यमंत्री बनाने वाले वो इकलौते आदमी नहीं थे.
सीएम का मानसिक संतुलन खराब: भाजपा के लोग नीतीश कुमार के मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने की लगातार बात कह रहे हैं. सिर्फ भाजपा ही नहीं बल्कि मांझी और चिराग ने भी कहा है कि वो अपना दिमागी संतुलन खो बैठे हैं. श्रेयसी सिंह ने भी कहा कि नीतीश कुमार बीते कुछ दिनों से जिस तरह की हरकत कर रहे हैं, उससे स्पष्ट हो रहा है कि उनका मानसिक संतुलन खराब हो चुका है. उन्हें अब सीएम पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.
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