पटना: कोरोना की दूसरी लहर (Second Wave of Corona) में बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है. कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के बाद कई लोग मौत के मुंह में समा गए. बिहार सरकार (Bihar Government) ने मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपए देने का ऐलान भी किया है. मौत के आंकड़ों को लेकर अब चौका देने वाले तथ्य सामने आए हैं.
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कोरोना काल बिहार वासियों के लिए त्रासदी बनकर आया हजारों लोग इलाज के अभाव में मौत के मुंह में समा गए. कोरोना की पहली लहर के दौरान जहां 1500 के आसपास मौतें सरकार के आंकड़ों में दर्ज हुई है, वहीं, दूसरी लहर कहर बनकर आई और आंकड़ा 10 हजार के आसपास पहुंच गया. कोरोना काल में संक्रमण के चलते कितने लोगों की मौत हुई इसे लेकर बिहार सरकार किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच पायी है.
पटना उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद बिहार सरकार ने माना कि लगभग 10 हजार लोगों की मौत हुई हैं, लेकिन वास्तविक आंकड़ा इससे बहुत ज्यादा अलग है. सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम के तहत पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष कितने लोगों की मौत हुई, जब ये आंकड़ा आया तो सबकी आंखें फटी की फटी रह गईं.
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मार्च 2020 से मई 2021 तक सीआरएस के आंकड़ों के मुताबिक पिछले वर्षों की तुलना में इस साल 2 लाख 51 हजार से अधिक मौतें दर्ज की गई हैं. जबकि राज्य सरकार सिर्फ 10,000 लोगों की मौत कोरोना संक्रमण की वजह से मान रही है.
सीआरएस के आंकड़ों के मुताबिक कोविड-19 की शुरुआत के बाद 2 लाख 51 हजार से अधिक मौतें हुईं, जिनमें से 1 लाख 26 हजार मौतें ऐसी थीं जो 2021 के शुरुआती 5 महीनों में दर्ज की गईं, जबकि इस अवधि में कोविड-19 से मौत की संख्या लगभग 4000 थी. सीआरएस के आंकड़ों से ये पता चलता है कि आधिकारिक तौर पर कोविड-19 की मौत का आंकड़ा 48.6 गुना कम था.