नई दिल्ली/पटना : बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार शरजील को बुधवार शाम सीएमएम के घर पर पेश किया गया, जहां से उसे 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है. चाणक्यपुरी स्थित क्राइम ब्रांच के दफ्तर में अगले 5 दिन तक उससे पूछताछ की जाएगी. पुलिस का कहना है कि वह उसकी फंडिंग और आतंकी संगठन से लिंक को लेकर भी पूछताछ करेंगे.
शरजील का कराया गया मेडिकल
जानकारी के अनुसार दोपहर लगभग 12:30 बजे क्राइम ब्रांच उसे लेकर दिल्ली एयरपोर्ट पहुंची थी. यहां से पहले अस्पताल ले जाकर उसका मेडिकल कराया गया और उसके बाद क्राइम ब्रांच उसे चाणक्यपुरी स्थित दफ्तर ले गई. यहां पर उससे एक राउंड की पूछताछ की गई. इस पूछताछ में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद सिंह कुशवाहा भी शामिल हुए. यहां पर लगभग 2 घंटे तक उससे पूछताछ की गई.
सीएमएम के घर पर किया गया पेश
कानून व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए क्राइम ब्रांच ने पटियाला हाउस स्थित चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में आरोपी को पेश नहीं किया. उसे शाम लगभग 4:30 बजे साकेत थाने में ले जाया गया, जहां पर लगभग डेढ़ घंटे तक उसे बिठा कर रखा गया. यहां कागजी कार्रवाई पूरी की गई और उसके बाद शाम लगभग 6:00 बजे चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के साकेत स्थित घर पर शाम को उसे पेश किया गया. पुलिस की तरफ से बताया गया कि उन्हें पूरे मामले को लेकर छानबीन करनी है और उससे पूछताछ करनी है. इसके लिए उन्हें रिमांड चाहिए. सीएमएम ने मामले की सुनवाई के बाद शरजील को 5 दिन की रिमांड पर भेज दिया है.
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फंडिंग को लेकर भी जांच की जाएगी
सूत्रों का कहना है कि क्राइम ब्रांच इस मामले में शरजील इमाम से यह जानने की कोशिश करेगी कि उसके खर्चे के लिए रकम कहां से आती है. वह कहीं किसी आतंकी संगठन से तो नहीं जुड़ा हुआ है. सूत्रों का कहना है कि अगर किसी प्रकार के आतंक से संबंध उसके सामने आते हैं, तो उसे पूरे मामले को स्पेशल सेल को ट्रांसफर किया जा सकता है.
28 जनवरी को जहानाबाद से हुआ था गिरफ्तार
बता दें कि जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के स्कॉलर शरजील इमाम को जहानाबाद से दिल्ली पुलिस ने बीते मंगलवार को गिरफ्तार किया था. उस पर भड़काऊ भाषण देने और देशद्रोह का मामला दर्ज है. शरजील इमाम जहानाबाद जिले का ही मूल निवासी है. शरजील के माता-पिता और भाई जहानाबाद के काको में रहते हैं. उनके परिवार का राजनीतिक बैकग्राउंड है. शरजील के पिता ने जेडीयू के टिकट पर जहानाबाद से 2005 में विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन वह हार गए थे. अब उसका छोटा भाई और चाचा राजनीति में सक्रिय हैं.