पटनाः बिहार-झारखंड बंटवारे (Bihar-Jharkhand Division) के बाद औद्योगीकरण (Industrialisation) के मामले में बिहार काफी पीछे रह गया. राज्य में रोजगार (Employment) के अवसर कम पड़ने लगे. इसके बाद कहें तो पहली बार विधानसभा चुनाव-2020 (Bihar Election) राज्य में रोजगार के मुद्दे पर लड़ा गया. इसमें एनडीए ने 19 लाख रोजगार देने का वादा किया था. अब राज्य सरकार इस दिशा में कार्य कर रही है.
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बिहार में 14,000 करोड़ का निवेश
बिहार औद्योगीकरण के मामले में पिछड़ गया था. इंफ्रास्ट्रक्चर के अभाव में उद्योगपति बिहार की ओर मुखातिब नहीं हो रहे थे. लेकिन इसके बाद काफी हद तक इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में विकास के बाद सरकार को राज्य में निवेश की उम्मीदें हैं. बिहार सरकार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन (Shahnawaz Hussain) निवेश को लेकर लगातार उद्योगपतियों से संपर्क में हैं. उद्योग मंत्री ने दावा किया कि अब तक 13,717 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव आया है.
बिहार का एक्शन प्लान
- 13,717 करोड़ निवेश का प्रस्ताव
- राज्य में जल्द आएगी इथेनॉल पॉलिसी
- ऑक्सीजन पॉलिसी बनकर तैयार
- राज्य के 6 कमिश्नरी में बनेंगे फूड पार्क
- टेक्सटाइल पॉलिसी को शीघ्र दी जाएगी मंजूरी
- सेरेमिक टाइल्स और शीशा पॉलिसी जल्द
- एक्सपोर्ट पॉलिसी पर काम जारी
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"पहली बार ईटीवी भारत से बिहार में निवेश की बातें साझा कर रहा हूं. राज्य में अब तक 13,717 करोड़ से अधिक के निवेश के प्रस्ताव आए हैं. भविष्य में ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार दिया जा सके, इस नीति पर काम जारी है."- शाहनवाज हुसैन, उद्योग मंत्री, बिहार सरकार
"बिहार सरकार को प्रस्ताव जरूर मिले होंगे. उद्योगपति बिहार में उद्योग लगाएं और यहां लंबे समय तक व्यापार करें, इसके लिए उन्हें उचित माहौल और इंफ्रास्ट्रक्चर देने की जरुरत है. बेहतर परिणाम के लिए लालफीताशाही से मुक्ति और उद्योगपतियों को सुरक्षा देना जरूरी है."- अरुण शाश्वत, अर्थशास्त्री
राजद ने दावे को किया खारिज
उद्योग मंत्री के दावे को खारिज करते हुए राजद के प्रवक्ता रामानुज प्रसाद ने कहा कि सरकार पहले भी कई बार ऐसे दावे कर चुकी है. अगर वास्तव में ऐसे प्रस्ताव आए हैं, कितने एमओयू साइन हुए हैं, इसकी जानकारी सरकार को देनी चाहिए.