पटना: स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 की तैयारी में पटना नगर निगम लगा हुआ है. कई योजनाओं के माध्यम से शहर की सफाई हो रही है, लेकिन शहर में आज भी कई वीआईपी और भीड़भाड़ वाले इलाकों में यूरिनल पॉइंट का अभाव है. लोग सड़क किनारे ही गंदगी कर देते हैं. ऐसी स्थिति रही तो पटना की स्वच्छता रैंकिंग सुधारने में कठिनाई आ सकती है.
स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए केंद्र सरकार की सर्वे टीम अगले माह पटना आने वाली है. यह टीम पटना के विभिन्न इलाके में घूमकर लोगों से उनकी राय जानेगी. स्वच्छता रैंकिंग में सुधार के लिए शहरवासियों को नगर निगम की तरफ से क्या सुविधा दी जाती है? शहर कितना साफ है? पब्लिक शौचालय का क्या हाल है? शहर में यूरिनल पॉइंट की क्या व्यवस्था है? जैसे प्रश्नों पर टीम लोगों से राय लेगी. इसके बाद सर्वे टीम पटना को अंक देगी. स्वच्छता सर्वेक्षण में अच्छे अंक मिले इसके लिए पटना नगर निगम पूरी तैयारी कर रही है. शहर की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने में निगम प्रशासन लगा हुआ है. पब्लिक शौचालय की व्यवस्था सुदृढ़ की जा रही है.
यूरिनल पॉइंट की है कमी
शहर में निगम प्रशासन की तरफ से अभी तक यूरिनल पॉइंट नहीं बनाए गए हैं. इसकी वजह से लोग सड़क किनारे दीवारों पर ही गंदगी कर देते हैं. ईटीवी भारत ने नगर निगम द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए की जा रही तैयारी का जायजा लिया. निगम प्रशासन की तरफ से शहर में कितने यूरिनल पॉइंट बनाए गए हैं. इन इलाकों की स्थिति क्या है? हमने इस बारे में लोगों से जानकारी ली.
पटना जंक्शन इलाके का हाल
पटना जंक्शन, टेंपो स्टैंड और महावीर मंदिर इलाके में निगम प्रशासन की तरफ से शौचालय की व्यवस्था की गई है. कई सारे मॉड्यूलर टॉयलेट बनाए गए हैं, लेकिन निगम प्रशासन की तरफ से इस एरिया में यूरिनल पॉइंट नहीं बनाए गए हैं. इस वजह से लोग सड़क किनारे ही गंदगी कर देते हैं.
पटना जंक्शन काफी वीआईपी इलाका है. जंक्शन से कई वीआईपी पटना से बाहर जाते हैं और पटना आते हैं. पटना जंक्शन से बाहर निकलते ही उन्हें बदबू का सामना करना पड़ता है. ऐसे में स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम ने पटना जंक्शन इलाके का दौरा किया और वहां के लोगों से जानकारी ली तो इसका असर रैंकिंग पर पड़ सकता है. हमने लोगों से यूरिनल पॉइंट के बारे में जानकारी ली तो लोगों ने कहा कि निगम प्रशासन की तरफ से इस इलाके में यूरिनल पॉइंट नहीं बनाया गया है.
गांधी मैदान इलाके में यूरिनल पॉइंट का अभाव
गांधी मैदान इलाके में निगम प्रशासन की तरफ से कई सारे पब्लिक शौचालय बनाए गए हैं. इसके साथ ही मॉड्यूलर शौचालय का भी निर्माण करवाया गया है. इस इलाके में कई कारोबारियों का आवास है. पटना के जिला अधिकारी भी इसी इलाके में रहते हैं. इसके अलावा कई बड़े होटल भी इस इलाके में हैं. इस इलाके में भी यूरिनल पॉइंट का घोर अभाव है. लोग सड़क किनारे ही गंदगी करने को मजबूर हैं.
वीरचंद पटेल पथ पर शौचालय की कमी
वीरचंद पटेल पथ पर शौचालय के साथ यूरिनल पॉइंट का अभाव है. इस रोड पर कई राजनीतिक पार्टियों का कार्यालय है. इन दफ्तरों में हर दिन नेताओं और कार्यकर्ताओं की भीड़ लगती है. यूरिनल पॉइंट नहीं होने की वजह से लोग सड़क किनारे गंदगी कर देते हैं. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत इस इलाके की सड़क को सुंदर बनाया जा रहा है, लेकिन शौचालय के अभाव से पूरी कोशिश पर पानी फिरती दिख रहा है. इनकम टैक्स चौराहा से आर ब्लॉक चौराहा तक निगम प्रशासन की तरफ से शौचालय की व्यवस्था मात्र दो जगह की गई है. इस इलाके में भी यूरिनल पॉइंट का अभाव है.
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पटना जू से बोरिंग कैनाल रोड में यूरिनल पॉइंट का अभाव
हड़ताली मोड़ से बोरिंग कैनाल रोड की दूरी लगभग 2 किलोमीटर है. इस इलाके में कई वीआईपी रहते हैं. कई प्राइवेट संस्थानों के ऑफिस भी हैं. इस इलाके में हमेशा भीड़ रहती है, लेकिन यहां यूरिनल पॉइंट का अभाव है. निगम प्रशासन की तरफ से हड़ताली मोड़ से बोरिंग कैनाल रोड तक 4 पब्लिक शौचालय का निर्माण करवाया गया है. स्थानीय लोगों ने बताया कि पहले इस इलाके में दो जगह यूरिनल पॉइंट था, लेकिन निगम प्रशासन ने उसे ध्वस्त कर दिया.
शहर में यूरिनल पॉइंट की कमी से लोगों को हो रही परेशानी के संबंध में पूछे जाने पर पटना नगर निगम के स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य इंद्रदीप चंद्रवंशी ने कहा कि निगम प्रशासन ने 2 साल पहले ही मॉड्यूलर शौचालय के साथ यूरिनल पॉइंट बनाने का फैसला किया था, लेकिन पैसे की कमी की वजह से यूरिनल पॉइंट नहीं बन सके. अब काम चल रहा है. 500 जगहों पर यूरिनल पॉइंट बनाना है. जहां पर ज्यादा भीड़ है उस एरिया को हम लोग चिह्नित करने में लगे हुए हैं.
"जब तक हम लोगों को सभी सुविधा नहीं दे देते तब तक हम लोगों पर कार्रवाई नहीं कर सकते. पटना की स्वच्छता रैंकिंग में सुधार हो उसके लिए शहरवासी निगम का सहयोग करें. शहर को साफ रखें तभी हम रैंक में सुधार कर सकते हैं और पटना सुंदर बन सकता है."- इंद्रदीप चंद्रवंशी, स्टैंडिंग कमेटी सदस्य, पीएमसी
बहरहाल स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग में सुधार को लेकर पटना नगर निगम तो दावा कर रहा है कि इस बार पटना बेहतर कर सकता है, लेकिन जब सर्वे टीम पटना आएगी और लोगों से फीडबैक लेगी तो उसके आधार पर ही तय होगा कि पटना कितना साफ है. निगम की तरफ से जो दावे किए जा रहे हैं उनकी हकीकत सर्वे टीम अंक देगी तभी पता चलेगा.