पटना: बिहार में जातीय जनगणना के काम में शिक्षकों (teacher in cast census) को लगाया गया है. इसी को देखते हुए राजधानी पटना में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने एक आदेश जारी किया है. इसके बाद से शिक्षा विभाग में हलचल मच गई है. दरअसल, इस आदेश पत्र में स्पष्ट किया गया है कि जाति आधारित गणना में शिक्षक संलग्न हैं. ऐसे में जहां वर्ग संचालन में शिक्षकों की कमी होगी, वहां सीनियर छात्र/ छात्राएं जूनियर छात्र/ छात्राओं के वर्ग का संचालन कर सकते हैं. जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय से जारी आदेश पत्र में स्पष्ट किया गया है कि गत 15 मार्च को मीटिंग के बाद इस पर चर्चा की गई.
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15 अप्रैल से शुरू है जातीय गणना का दूसरा चरणः आदेश पत्र में स्पष्ट किया गाय है कि जाति आधारित गणना का दूसरा चरण 15 अप्रैल से शुरू हुआ है. इस कार्य में शिक्षकों की सेवा ली जा रही है. इस क्रम में उनकी उपस्थिति दर्ज करने और विद्यालय के संचालन के बिंदू पर विचार विमर्श किया गया. विद्यालय में उपस्थिति दर्ज करने के बिंदू पर यह निर्णय लिया गया कि जाति आधारित गणना के प्रथम चरण से संबंधित निर्देश के अंतर्गत जाति आधारित गणना के द्वितीय चरण में शिक्षक अपनी सुविधा के अनुसार विद्यालय अवधि सुबह 6:30 बजे से दिन में 11:30 बजे की अवधि में कभी भी विद्यालय में अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकेंगे.
मध्याह्न भोजन का नियमित होगा संचालनः कार्यवाही में स्पष्ट किया गया है कि जहां तक वर्ग संचालन का प्रश्न है तो बैठक में यह निर्णय लिया गया कि शिक्षकों की कमी रहने पर वरीय छात्र-छात्राओं से जूनियर वर्ग का संचालन कराया जा सकता है. गतिविधि आधारित शिक्षा एवं पाठ्यपुस्तक के सहयोग से वर्ग मॉनिटर के माध्यम से भी वर्ग संचालन के विकल्प पर विचार किया जा सकता है. इसमें यह भी स्पष्ट किया गया है कि क्लास एक से क्लास आठ तक के लिए पीएम पोषण योजना अंतर्गत मध्याह्न भोजन योजना का नियमित संचालन करने पर बल दिया गया.
कुछ दिनों के लिए है वैकल्पिक व्यवस्थाः इस बारे में स्पष्ट करते हुए टेलीफोन पर हुई बात में पटना के जिला शिक्षा पदाधिकारी अमित कुमार ने बताया कि अलग-अलग स्कूलों की व्यवस्था अलग-अलग होगी. अगर कहीं 10 शिक्षक हैं तो उनमें से दो शिक्षक की प्रतिनियुक्ति जाति आधारित गणना के लिए हुआ है तो अन्य शिक्षक मैनेज कर सकते हैं. इसमें दिक्कत नहीं होगी, लेकिन दूसरी परिस्थिति यह है कि जहां तीन ही टीचर हों और उन में एक या दो टीचर को जाति आधारित गणना में प्रतिनियुक्त किया गया हो, तो टीचर की कमी हो जाएगी. ऐसी स्थिति में जो हायर क्लास के बच्चे हैं. नीजे के क्लास को कंडक्ट कर सकते हैं, ताकि क्लास खाली ना रहे. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने यह भी कहा कि यह वैकल्पिक व्यवस्था है. कुछ वक्त के लिए जाति आधारित गणना में शिक्षकों की सेवाएं ली गई है. इससे कक्षा का संचालन नहीं हो सकेगा. उसके लिए यह वैकल्पिक व्यवस्था है.
"अलग-अलग स्कूलों की व्यवस्था अलग-अलग होगी. अगर कहीं 10 शिक्षक हैं तो उनमें से दो शिक्षक की प्रतिनियुक्ति जाति आधारित गणना के लिए हुआ है तो अन्य शिक्षक मैनेज कर सकते हैं. इसमें दिक्कत नहीं होगी, लेकिन दूसरी परिस्थिति यह है कि जहां तीन ही टीचर हों और उन में एक या दो टीचर को जाति आधारित गणना में प्रतिनियुक्त किया गया हो, तो टीचर की कमी हो जाएगी. ऐसी स्थिति में जो हायर क्लास के बच्चे हैं. नीचे के क्लास को कंडक्ट कर सकते हैं, ताकि क्लास खाली ना रहे" - अमित कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी, पटना