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चुनाव के लिए शुरू हुई गाड़ियों की जब्ती, ड्राइवर बोले- नहीं कर पाते हैं मतदान

दर्जनों बस, ट्रक और लक्जरी गाड़ियों को पकड़ कर गांधी मैदान में लाया गया है. गाड़ी ड्राइवरों की शिकायत है कि गांधी मैदान में उनके रहने और शौचालय की समुचित व्यवस्था नहीं है.

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Published : Apr 27, 2019, 9:32 PM IST

जब्त की गई गाड़ियां

पटना: पाटलिपुत्र और पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र के चुनाव में बस कुछ ही दिन बाकी रह गए हैं. इन क्षेत्रों को लेकर पटना जिला प्रशासन द्वारा बस ट्रक और लक्जरी गाड़ियों की जब्ती काफी पहले से शुरू हो चुकी है. सभी पकड़ी गई गाड़ियों को पटना के गांधी मैदान में खड़ा किया गया है.

इन गाड़ियों के ड्राइवर काफी परेशान हैं. उनका कहना है कि यहां न तो नहाने की सुविधा है और न ही शौचालय का प्रबंध है. वहीं कई बस और ट्रक ड्राइवरों ने कहा कि यहां चुनाव के दौरान उन्हें वोट देने की भी अनुमति नहीं दी जाती है.

क्या है मुख्य समस्या
दरअसल, लोकसभा चुनाव के दौरान मतदानकर्मियों और पुलिस बल को बूथों तक भेजने के लिए पटना जिला प्रशासन बस, ट्रक और कई लक्जरी गाड़ियों की जब्ती में लगा हुआ है. इसी कड़ी में दर्जनों बस, ट्रक और लक्जरी गाड़ियों को पकड़ कर गांधी मैदान में लाया गया है. इसके साथ ही इन गाड़ियों के ड्राइवर भी यहीं मौजूद हैं. गाड़ी ड्राइवरों की शिकायत है कि गांधी मैदान में उनके रहने और शौचालय की समुचित व्यवस्था नहीं है. सुबह-सुबह शौचालय जाने और नहाने के लिए उन्हें 20 रु. अपनी जेब से खर्च करने पड़ते हैं. वहीं कई ड्राइवरों ने बताया कि चुनाव के दौरान वह मतदान कर्मचारियों को ही इधर से उधर पहुंचाने में रह जाते हैं, जिस कारण वह वोट नहीं दे पाते. ड्राइवरों ने सरकार से मांग की है कि उनके मतदान का इंतजाम किया जाए.

परेशान ड्राइवर

इतना मिलता है मानदेय
वहीं इन पकड़ी गई गाड़ियों को जिला प्रशासन ईंधन के साथ-साथ मानदेय भी देता है. जिनमें भारी मालवाहक वाहनों को 1950 से 2470 रु प्रतिदिन, माध्यम मालवाहक वाहनों को 1300 रु प्रतिदिन, 50 सीट से ज्यादा बैठने के क्षमता वाले बसों को 2850 रु प्रतिदिन, 40 से 49 सीट तक के बसों को 2600 रु प्रतिदिन, 23 से 39 सीट वाले मिनी बस को 1950 रु प्रतिदिन, मैक्सी, सिटीराइड, टेम्पो को 1500 रु प्रतिदिन, छोटी कार को 900 रु प्रतिदिन, लक्जरी वाहनों को 1600 से 1700 रु प्रतिदिन मानदर दिया जाता है.

पटना: पाटलिपुत्र और पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र के चुनाव में बस कुछ ही दिन बाकी रह गए हैं. इन क्षेत्रों को लेकर पटना जिला प्रशासन द्वारा बस ट्रक और लक्जरी गाड़ियों की जब्ती काफी पहले से शुरू हो चुकी है. सभी पकड़ी गई गाड़ियों को पटना के गांधी मैदान में खड़ा किया गया है.

इन गाड़ियों के ड्राइवर काफी परेशान हैं. उनका कहना है कि यहां न तो नहाने की सुविधा है और न ही शौचालय का प्रबंध है. वहीं कई बस और ट्रक ड्राइवरों ने कहा कि यहां चुनाव के दौरान उन्हें वोट देने की भी अनुमति नहीं दी जाती है.

क्या है मुख्य समस्या
दरअसल, लोकसभा चुनाव के दौरान मतदानकर्मियों और पुलिस बल को बूथों तक भेजने के लिए पटना जिला प्रशासन बस, ट्रक और कई लक्जरी गाड़ियों की जब्ती में लगा हुआ है. इसी कड़ी में दर्जनों बस, ट्रक और लक्जरी गाड़ियों को पकड़ कर गांधी मैदान में लाया गया है. इसके साथ ही इन गाड़ियों के ड्राइवर भी यहीं मौजूद हैं. गाड़ी ड्राइवरों की शिकायत है कि गांधी मैदान में उनके रहने और शौचालय की समुचित व्यवस्था नहीं है. सुबह-सुबह शौचालय जाने और नहाने के लिए उन्हें 20 रु. अपनी जेब से खर्च करने पड़ते हैं. वहीं कई ड्राइवरों ने बताया कि चुनाव के दौरान वह मतदान कर्मचारियों को ही इधर से उधर पहुंचाने में रह जाते हैं, जिस कारण वह वोट नहीं दे पाते. ड्राइवरों ने सरकार से मांग की है कि उनके मतदान का इंतजाम किया जाए.

परेशान ड्राइवर

इतना मिलता है मानदेय
वहीं इन पकड़ी गई गाड़ियों को जिला प्रशासन ईंधन के साथ-साथ मानदेय भी देता है. जिनमें भारी मालवाहक वाहनों को 1950 से 2470 रु प्रतिदिन, माध्यम मालवाहक वाहनों को 1300 रु प्रतिदिन, 50 सीट से ज्यादा बैठने के क्षमता वाले बसों को 2850 रु प्रतिदिन, 40 से 49 सीट तक के बसों को 2600 रु प्रतिदिन, 23 से 39 सीट वाले मिनी बस को 1950 रु प्रतिदिन, मैक्सी, सिटीराइड, टेम्पो को 1500 रु प्रतिदिन, छोटी कार को 900 रु प्रतिदिन, लक्जरी वाहनों को 1600 से 1700 रु प्रतिदिन मानदर दिया जाता है.

Intro:पाटलिपुत्रा और पटना साहिब लोक सभा के चुनाव में बस कुछ ही दिन बाकी रह गए है और इसको लेकर पटना जिला प्रशाशन द्वारा बस ट्रक और लक्सरी गाड़ियों की धड़ पकड़ काफी पहले से शुरू हो चुकी है और सभी पकड़े गई गाड़ियों को पटना के गाँधीमैदान में पार्क किया गया है और इन गाड़ियों के ड्राइवर काफी परेशान है उनका कहना है कि यहां न तो नहाने की सुविधा है और न ही बाथरूम की ,वही कई बस और ट्रक ड्राइवरों ने त यहां तक कहा की चुनाव के दौरान उन्हें वोट भी नही देने की अनुमति नही होती ...


Body:दरसल लोक सभा चुनाव के दौरान मतदानकर्मियों और पुलिस बल को बूथों तक भजेने के लिए पटना जिला प्रशाशन बस ट्रक और कई लक्सरी गाड़ियों की धड़ पकड़ में लगा हुआ है इसी कड़ी में दर्जनों बस ट्रक और लक्सरी गाड़ियो को पकड़ कर गाँधीमैदान में लाया गया है इसके साथ इन इन गाड़ियों के ड्राइवर भी यही मौजूद है , गाड़ियों के ड्राइवरों की शिकायत है कि गाँधीमैदान में उनके रहने और शौचालय की व्यवस्था नही है सुबह सुबह शौचालय जाने और नहाने के लिए उन्हें 20 रु अपने जेब से खर्च करने पड़ते है वही कई ड्राइवरों ने बताया कि चुनाव के दौरान वो मतदान कर्मचारियों को ही इधर से उधर पहुचाने में रह जाते है जिस कारण वो वोट नही दे पाते ,ड्राइवरों ने सरकार से मांग की है कि उनके भी वोट देने का इंतजाम सरकार करे...


Conclusion:वही इन पकड़ी गई गाड़ियों को जिला प्रशासन ईंधन के साथ साथ मानदर भी देता है जिनमे भारी मालवाहक वाहनों को 1950 ससे 2470 रु प्रतिदिन ,माध्यम मालवाहक वाहनों को 1300 रु प्रतिदिन, 50 सीट से ज्यादा बैठने के छमता वाले बसों को 2850 रु प्रतिदिन , 40 से 49 सीट तक के बसों को 2600 रु प्रतिदिन ,23 से 39 सीट वाले मिनी बस को 1950 रु प्रतिदिन ,मैक्सी,सिटीराइड,टेम्पो को 1500 रु प्रतिदिन ,छोटी कार को 900 रु प्रतिदिन,लक्सरी वाहनों को 1600 से 1700 रु प्रतिदिन मानदर की तरह दिया जाता है...
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