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पटना: सुरक्षित 40 सीटों में 18 पर जदयू उम्मीदवार, बीजेपी के खाते में 17 सीट - पटना

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में सुरक्षित 40 सीटों पर जदयू ने इस बार 18 सीट अपने पास रखा है. 5 सीटें मांझी के खाते में गई है. वहीं 17 सीट बीजेपी के पास है.

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Published : Oct 7, 2020, 10:06 PM IST

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में सुरक्षित 40 सीटों पर जदयू ने इस बार 18 सीट अपने पास रखा है. 5 सीटें मांझी के खाते में गई है. वहीं 17 सीट बीजेपी के पास है. 2015 में जदयू 13 सुरक्षित सीटों पर चुनाव लड़ी थी. जिसमें 11 सीटों पर जीत मिली थी. जीतने वाले सभी सीटों पर इस बार फिर से जदयू ने उम्मीदवार उतारने का फैसला लिया है. सुरक्षित सीटों पर महागठबंधन के साथ लोजपा की भी नजर है. वहीं जदयू के लिए लोजपा परेशानी पैदा कर सकती है.

बिहार विधानसभा चुनाव में एससी-एसटी के लिए सुरक्षित 40 सीटों पर सभी दलों की नजर रहती है. नीतीश कुमार और जीतन राम मांझी को इस बार 23 सीट मिली है. 18 सीटों पर जदयू के उम्मीदवार उतरेंगे जिसमें सोनवर्षा, त्रिवेणीगंज, रानीगंज, मनिहारी, सिंहेश्वर, कुशेश्वरस्थान, सकरा, भोरे, राजापाकर, कल्याणपुर, अलौली, धोरैया, राजगीर, अगिआंव, चेनारी, मसौढ़ी और फुलवारी शामिल है. जीतन राम मांझी की पार्टी को पांच सुरक्षित सीट दिया गया है. जिसमें मखदुमपुर, कुटुंबा, इमामगंज, बाराचट्टी और सिकंदरा शामिल है. जीतन राम मांझी इमामगंज से खुद चुनाव लड़ेंगे.

बीजेपी के खाते में 17 सुरक्षित सीट
बीजेपी के खाते में भी 17 सुरक्षित सीट गया है. इनमें से कुछ सीट मुकेश सहनी की पार्टी को भी मिल सकता है. सुरक्षित सीटों पर जदयू के लिए लोजपा मुश्किलें खड़ा कर सकती है. 38 जिलों में जेडीयू और बीजेपी ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं. केवल कैमूर में जदयू का कोई कैंडिडेट नहीं होगा. सबसे अधिक 7 सीट जदयू ने समस्तीपुर में लिया है. वहीं नालंदा में भी 7 में से 6 सीट जदयू ने अपने पास रखा है. जदयू ने 13 जिलों में चार-चार उम्मीदवार उतारे हैं. जदयू की दो सीटिंग सीट दरभंगा जिले के गौरा बौराम और हायाघाट बीजेपी के खाते में चला गया है. वहीं भाजपा की जीती हुई झाझा सीट जदयू के पास आ गई है. इसके साथ जदयू ने बरहमपुर पर अपनी जिद छोड़ दी है. लेकिन सासाराम सीट पर अपने उम्मीदवार को सिंबल देने में कामयाबी रही है. इसके साथ ही पालीगंज सीट भी आरजेडी से आए जयवर्धन यादव को जदयू ने सिंबल दे दिया है. इस पर भी बीजेपी की दावेदारी थी. बीजेपी ने बैकुंठपुर सीट एक बार फिर से अपने पास रखा है. जिस पर जदयू की दावेदारी थी. लेकिन बीजेपी की सीटिंग सीट है. इसलिए बीजेपी छोड़ने के लिए तैयार नहीं हुई.

जदयू जल्द करेगी चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत
एनडीए में सीटों के पेंच के कारण सीटों के ऐलान में समय लगा है. जदयू और बीजेपी ने अपनी कुछ सीटिंग सीटें भी छोड़ दी है. इसके बाद ही दोनों दलों के बीच सहमति बन पाई है. हालांकि कुछ सीटों पर अभी भी नाराजगी है. लेकिन अब दोनों दलों ने एकजुटता के साथ नीतीश कुमार के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. जल्द ही जदयू प्रचार अभियान भी शुरू कर देगा. नीतीश कुमार पहले फेज के सभी विधानसभा क्षेत्र में वर्चुअल रैली करेंगे. पार्टी की ओर से नीतीश कुमार ही मुख्य स्टार प्रचारक होंगे. उसके बाद वरिष्ठ नेता वशिष्ठ नारायण सिंह, आरसीपी सिंह, ललन सिंह, विजेंद्र यादव, अशोक चौधरी के साथ कई मंत्री भी पार्टी के स्टार प्रचारक होंगे.

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में सुरक्षित 40 सीटों पर जदयू ने इस बार 18 सीट अपने पास रखा है. 5 सीटें मांझी के खाते में गई है. वहीं 17 सीट बीजेपी के पास है. 2015 में जदयू 13 सुरक्षित सीटों पर चुनाव लड़ी थी. जिसमें 11 सीटों पर जीत मिली थी. जीतने वाले सभी सीटों पर इस बार फिर से जदयू ने उम्मीदवार उतारने का फैसला लिया है. सुरक्षित सीटों पर महागठबंधन के साथ लोजपा की भी नजर है. वहीं जदयू के लिए लोजपा परेशानी पैदा कर सकती है.

बिहार विधानसभा चुनाव में एससी-एसटी के लिए सुरक्षित 40 सीटों पर सभी दलों की नजर रहती है. नीतीश कुमार और जीतन राम मांझी को इस बार 23 सीट मिली है. 18 सीटों पर जदयू के उम्मीदवार उतरेंगे जिसमें सोनवर्षा, त्रिवेणीगंज, रानीगंज, मनिहारी, सिंहेश्वर, कुशेश्वरस्थान, सकरा, भोरे, राजापाकर, कल्याणपुर, अलौली, धोरैया, राजगीर, अगिआंव, चेनारी, मसौढ़ी और फुलवारी शामिल है. जीतन राम मांझी की पार्टी को पांच सुरक्षित सीट दिया गया है. जिसमें मखदुमपुर, कुटुंबा, इमामगंज, बाराचट्टी और सिकंदरा शामिल है. जीतन राम मांझी इमामगंज से खुद चुनाव लड़ेंगे.

बीजेपी के खाते में 17 सुरक्षित सीट
बीजेपी के खाते में भी 17 सुरक्षित सीट गया है. इनमें से कुछ सीट मुकेश सहनी की पार्टी को भी मिल सकता है. सुरक्षित सीटों पर जदयू के लिए लोजपा मुश्किलें खड़ा कर सकती है. 38 जिलों में जेडीयू और बीजेपी ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं. केवल कैमूर में जदयू का कोई कैंडिडेट नहीं होगा. सबसे अधिक 7 सीट जदयू ने समस्तीपुर में लिया है. वहीं नालंदा में भी 7 में से 6 सीट जदयू ने अपने पास रखा है. जदयू ने 13 जिलों में चार-चार उम्मीदवार उतारे हैं. जदयू की दो सीटिंग सीट दरभंगा जिले के गौरा बौराम और हायाघाट बीजेपी के खाते में चला गया है. वहीं भाजपा की जीती हुई झाझा सीट जदयू के पास आ गई है. इसके साथ जदयू ने बरहमपुर पर अपनी जिद छोड़ दी है. लेकिन सासाराम सीट पर अपने उम्मीदवार को सिंबल देने में कामयाबी रही है. इसके साथ ही पालीगंज सीट भी आरजेडी से आए जयवर्धन यादव को जदयू ने सिंबल दे दिया है. इस पर भी बीजेपी की दावेदारी थी. बीजेपी ने बैकुंठपुर सीट एक बार फिर से अपने पास रखा है. जिस पर जदयू की दावेदारी थी. लेकिन बीजेपी की सीटिंग सीट है. इसलिए बीजेपी छोड़ने के लिए तैयार नहीं हुई.

जदयू जल्द करेगी चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत
एनडीए में सीटों के पेंच के कारण सीटों के ऐलान में समय लगा है. जदयू और बीजेपी ने अपनी कुछ सीटिंग सीटें भी छोड़ दी है. इसके बाद ही दोनों दलों के बीच सहमति बन पाई है. हालांकि कुछ सीटों पर अभी भी नाराजगी है. लेकिन अब दोनों दलों ने एकजुटता के साथ नीतीश कुमार के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. जल्द ही जदयू प्रचार अभियान भी शुरू कर देगा. नीतीश कुमार पहले फेज के सभी विधानसभा क्षेत्र में वर्चुअल रैली करेंगे. पार्टी की ओर से नीतीश कुमार ही मुख्य स्टार प्रचारक होंगे. उसके बाद वरिष्ठ नेता वशिष्ठ नारायण सिंह, आरसीपी सिंह, ललन सिंह, विजेंद्र यादव, अशोक चौधरी के साथ कई मंत्री भी पार्टी के स्टार प्रचारक होंगे.

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