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11वीं और 12वीं के स्कूल 50 फीसदी छात्रों की उपस्थिति के साथ खुले, निजी शैक्षणिक संस्थानों पर पाबंदी जारी

वैश्विक महामारी कोरोना (Corona) के कारण लंबे अंतराल के बाद शिक्षा व्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने की कोशिश शुरू कर दी गई. शिक्षण संस्थानों में छात्रों की अधिकतम और न्यूनतम संख्या के आधार पर शिक्षण की व्यवस्था कर समय सारणी के साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कक्षा में बैठने की व्यवस्था करनी होगी. साथ ही फेस मास्क, हैंड सैनिटाइजर की व्यवस्था भी करनी होगी.

विद्यार्थी में उत्सुकता
विद्यार्थी में उत्सुकता
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Published : Jul 7, 2021, 4:05 PM IST

पटना: बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण (Corona) के मामले जैसे-जैसे कम हो रहे हैं, वैसे ही अब धीरे-धीरे शैक्षणिक संस्थानों, होटलों और पार्कों को खोलने की अनुमति दी जाने लगी हैं. हालांकि निजी शिक्षण संस्थान अभी भी खुलने के इंतजार में नजरें बिछाए हुए हैं. ऐसे में बिहार सरकार द्वारा लोगों को राहत भी दी जा रही है और इस कड़ी में अनलॉक-4 (Unlock in Bihar )में प्लस टू विद्यालय, शिक्षण संस्थान पचास फीसदी उपस्थिति के साथ खोलने का आदेश जारी कर दिया गया है. शिक्षण संस्थान खोलने के आदेश के बाद विद्यार्थियों में उत्सुकता बढ़ गई है, लेकिन अभी भी निजी शैक्षणिक संस्थानों को लेकर इंतजार है कि उन्हें कब तक खोलने के लिए आदेश मिलेगा.

ये भी पढ़ें- आज से होटल में बैठकर खाने का ले सकेंगे आनंद, सरकारी दिशा-निर्देशों का करना होगा पालन

सरकार ने कोरोना महामारी के कारण बुरी तरह प्रभावित शिक्षा व्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने की कवायद शुरू कर दी है. इसके तहत शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों की अधिकतम और न्यूनतम संख्या के आधार पर शिक्षण की व्यवस्था कर समय सारणी के साथ-साथ सामाजिकऔर शारीरिक दूरी के अनुसार कक्षा में बैठने की व्यवस्था करनी होगी. इसके साथ ही फेस मास्क और हैंड सैनिटाइजर की व्यवस्था भी सुनिश्चित करनी होगी.

देखें रिपोर्ट

राजधानी के छात्र भी काफी उत्साहित हैं कि अब धीरे-धीरे स्कूल कॉलेज खुल रहे हैं. शिवानी कहती हैं कि ऑनलाइन क्लासेस से पढ़ाई पूरी नहीं हो पाती थी. कभी नेट स्लो चलने के कारण तो कभी टीचर से सवाल पूछने जैसी समस्याओं को लेकर काफी परेशानी होती थी. सरकार ने को भी का ध्यान में रखते हुए 50 फीसदी उपस्थिति की जो सीमा तय की गई है, यह तो अच्छा है. लेकिन सभी बच्चे कोशिश करेंगे कि वह अपने स्कूल और कॉलेज पहुंच सके.

वहीं विद्यार्थी रोहित कुमार ने बताया कि ऑफलाइन में टीचर के सामने से सवाल पूछ सकते हैं. एक बार में कोई सवाल समझ में नहीं आया तो दोबारा पूछने पर शिक्षकों द्वारा समझाया जाता है. जिस कारण ऑफलाइन से बहुत से छात्रों को फायदा होता है. जबकि ऑनलाइन क्लासेस में सभी विद्यार्थी पढ़ नहीं पाते हैं. ऐसे में सरकार द्वारा जो फैसला लिया गया है, उससे हम जैसे विद्यार्थियों में काफी खुशी है.

ये भी पढ़ें- बिहार: पढ़ाई में डिजिटल डिवाइस बना रोड़ा, डेढ़ करोड़ बच्चों की पहुंच से दूर ऑनलाइन एजुकेशन

हालांकि कोचिंग में पढ़ाने वाले शिक्षक आज भी मायूस हैं. मो. इमरान कहते हैं कि घर-परिवार चलाने में काफी समस्या हो रही है. उन्होंने कोचिंग संस्थान खोलने को लेकर के लिए सरकार से आग्रह किया है कि सरकार जल्द से जल्द कोचिंग संस्थान भी 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ ही अगर खोल देती है तो निजी शिक्षकों को भी थोड़ी सी राहत होगी.

पटना: बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण (Corona) के मामले जैसे-जैसे कम हो रहे हैं, वैसे ही अब धीरे-धीरे शैक्षणिक संस्थानों, होटलों और पार्कों को खोलने की अनुमति दी जाने लगी हैं. हालांकि निजी शिक्षण संस्थान अभी भी खुलने के इंतजार में नजरें बिछाए हुए हैं. ऐसे में बिहार सरकार द्वारा लोगों को राहत भी दी जा रही है और इस कड़ी में अनलॉक-4 (Unlock in Bihar )में प्लस टू विद्यालय, शिक्षण संस्थान पचास फीसदी उपस्थिति के साथ खोलने का आदेश जारी कर दिया गया है. शिक्षण संस्थान खोलने के आदेश के बाद विद्यार्थियों में उत्सुकता बढ़ गई है, लेकिन अभी भी निजी शैक्षणिक संस्थानों को लेकर इंतजार है कि उन्हें कब तक खोलने के लिए आदेश मिलेगा.

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सरकार ने कोरोना महामारी के कारण बुरी तरह प्रभावित शिक्षा व्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने की कवायद शुरू कर दी है. इसके तहत शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों की अधिकतम और न्यूनतम संख्या के आधार पर शिक्षण की व्यवस्था कर समय सारणी के साथ-साथ सामाजिकऔर शारीरिक दूरी के अनुसार कक्षा में बैठने की व्यवस्था करनी होगी. इसके साथ ही फेस मास्क और हैंड सैनिटाइजर की व्यवस्था भी सुनिश्चित करनी होगी.

देखें रिपोर्ट

राजधानी के छात्र भी काफी उत्साहित हैं कि अब धीरे-धीरे स्कूल कॉलेज खुल रहे हैं. शिवानी कहती हैं कि ऑनलाइन क्लासेस से पढ़ाई पूरी नहीं हो पाती थी. कभी नेट स्लो चलने के कारण तो कभी टीचर से सवाल पूछने जैसी समस्याओं को लेकर काफी परेशानी होती थी. सरकार ने को भी का ध्यान में रखते हुए 50 फीसदी उपस्थिति की जो सीमा तय की गई है, यह तो अच्छा है. लेकिन सभी बच्चे कोशिश करेंगे कि वह अपने स्कूल और कॉलेज पहुंच सके.

वहीं विद्यार्थी रोहित कुमार ने बताया कि ऑफलाइन में टीचर के सामने से सवाल पूछ सकते हैं. एक बार में कोई सवाल समझ में नहीं आया तो दोबारा पूछने पर शिक्षकों द्वारा समझाया जाता है. जिस कारण ऑफलाइन से बहुत से छात्रों को फायदा होता है. जबकि ऑनलाइन क्लासेस में सभी विद्यार्थी पढ़ नहीं पाते हैं. ऐसे में सरकार द्वारा जो फैसला लिया गया है, उससे हम जैसे विद्यार्थियों में काफी खुशी है.

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हालांकि कोचिंग में पढ़ाने वाले शिक्षक आज भी मायूस हैं. मो. इमरान कहते हैं कि घर-परिवार चलाने में काफी समस्या हो रही है. उन्होंने कोचिंग संस्थान खोलने को लेकर के लिए सरकार से आग्रह किया है कि सरकार जल्द से जल्द कोचिंग संस्थान भी 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ ही अगर खोल देती है तो निजी शिक्षकों को भी थोड़ी सी राहत होगी.

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