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Patna News: अनुसूचित जनजाति बालिका स्कूल हारनटांड की दयनीय हालत पर पटना हाईकोर्ट नाराज

पश्चिम चंपारण के अनुसूचित जनजाति बालिका स्कूल हारनाटांड (Scheduled Tribe Girls School Harnatand) मामले की पटना हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए जानना चाहा कि बड़ी तादाद में छात्राएं क्यों स्कूल आना बंद कर रही हैं. मामले की अगली सुनवाई 23 जनवरी को होगी.

Scheduled Tribe Girls School Harnatand
Scheduled Tribe Girls School Harnatand
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Published : Jan 10, 2023, 4:59 PM IST

Updated : Jan 10, 2023, 5:07 PM IST

पटना: राज्य के पश्चिम चम्पारण जिला स्थित हारनाटांड स्थित अनुसूचित जनजाति के बालिकाओं के लिए एकमात्र स्कूल की दयनीय अवस्था पर पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) में सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने इस जनहित याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने पूर्व में गठित वकीलों की कमेटी को राज्य के शिक्षा विभाग के अधिकारियों से शिक्षा की समस्याओं पर विचार विमर्श करने का निर्देश दिया है.

ये भी पढ़ें: 'नायक नहीं खलनायक हैं नीतीश कुमार' ..नगर निकाय में पिछड़ा आरक्षण पर बोले सम्राट चौधरी

अनुसूचित जनजाति बालिका स्कूल की दयनीय हालत पर सुनवाई: वकीलों की कमेटी इस सम्बन्ध में अगली सुनवाई में कोर्ट के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी. साथ ही हारनाटांड स्थित अनुसूचित जनजाति की लड़कियों के लिए एकमात्र स्कूल के स्थिति के बारे में भी रिपोर्ट अगली सुनवाई में पेश किया जाएगा. इस सम्बन्ध में मंगलवार को राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट पर कोर्ट ने असंतोष जाहिर किया. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के निदेशक और समाज कल्याण विभाग के निदेशक को स्थिति स्पष्ट करने के लिए तलब किया था.

'सरकार के हाथों में प्रबंधन जाने से स्थिति खराब': याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विकास पंकज ने कोर्ट को बताया कि बिहार में अनुसूचित जनजाति की बालिकाओं के लिए पश्चिम चम्पारण के हारनाटांड में ही एकमात्र स्कूल है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि पहले यहां पर कक्षा एक से लेकर कक्षा दस तक की पढ़ाई होती थी. लेकिन जबसे इस स्कूल का प्रबंधन सरकार के हाथों में गया, इस स्कूल की स्थिति बदतर होती गई. उन्होंने कोर्ट को जानकारी दी कि कक्षा सात और आठ में छात्राओं का एडमिशन बन्द कर दिया गया. साथ ही कक्षा नौ और दस में छात्राओं का एडमिशन पचास फीसदी ही रह गया है.

Patna High Court
पटना हाई कोर्ट

23 जनवरी को अगली सुनवाई: कोर्ट ने जानना चाहा कि इतनी बड़ी तादाद में छात्राएं स्कूल जाना क्यों बंद कर दे रही हैं. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि जब इस स्कूल के लिए केंद्र सरकार पूरा फंड देती है, तो सारा पैसा स्कूल को क्यों नहीं दिया जाता है. इस मामलें पर अगली सुनवाई 23 जनवरी, 2023 को की जाएगी.

पटना: राज्य के पश्चिम चम्पारण जिला स्थित हारनाटांड स्थित अनुसूचित जनजाति के बालिकाओं के लिए एकमात्र स्कूल की दयनीय अवस्था पर पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) में सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने इस जनहित याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने पूर्व में गठित वकीलों की कमेटी को राज्य के शिक्षा विभाग के अधिकारियों से शिक्षा की समस्याओं पर विचार विमर्श करने का निर्देश दिया है.

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अनुसूचित जनजाति बालिका स्कूल की दयनीय हालत पर सुनवाई: वकीलों की कमेटी इस सम्बन्ध में अगली सुनवाई में कोर्ट के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी. साथ ही हारनाटांड स्थित अनुसूचित जनजाति की लड़कियों के लिए एकमात्र स्कूल के स्थिति के बारे में भी रिपोर्ट अगली सुनवाई में पेश किया जाएगा. इस सम्बन्ध में मंगलवार को राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट पर कोर्ट ने असंतोष जाहिर किया. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के निदेशक और समाज कल्याण विभाग के निदेशक को स्थिति स्पष्ट करने के लिए तलब किया था.

'सरकार के हाथों में प्रबंधन जाने से स्थिति खराब': याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विकास पंकज ने कोर्ट को बताया कि बिहार में अनुसूचित जनजाति की बालिकाओं के लिए पश्चिम चम्पारण के हारनाटांड में ही एकमात्र स्कूल है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि पहले यहां पर कक्षा एक से लेकर कक्षा दस तक की पढ़ाई होती थी. लेकिन जबसे इस स्कूल का प्रबंधन सरकार के हाथों में गया, इस स्कूल की स्थिति बदतर होती गई. उन्होंने कोर्ट को जानकारी दी कि कक्षा सात और आठ में छात्राओं का एडमिशन बन्द कर दिया गया. साथ ही कक्षा नौ और दस में छात्राओं का एडमिशन पचास फीसदी ही रह गया है.

Patna High Court
पटना हाई कोर्ट

23 जनवरी को अगली सुनवाई: कोर्ट ने जानना चाहा कि इतनी बड़ी तादाद में छात्राएं स्कूल जाना क्यों बंद कर दे रही हैं. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि जब इस स्कूल के लिए केंद्र सरकार पूरा फंड देती है, तो सारा पैसा स्कूल को क्यों नहीं दिया जाता है. इस मामलें पर अगली सुनवाई 23 जनवरी, 2023 को की जाएगी.

Last Updated : Jan 10, 2023, 5:07 PM IST
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