पटना: बिहार विधानसभा में सत्ता पक्ष के सदस्य ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट कुशल युवा कार्यक्रम में घोटाले का आरोप लगाया. श्रम संसाधन मंत्री जीवेश कुमार ने गड़बड़ी की बात स्वीकार की और कहा कि बिना काम किए महाराष्ट्र की कंपनी को भुगतान विभाग ने किया है. पूरे मामले में हम जांच कर रहे हैं. बीजेपी के सदस्य इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुए. इस बीच विपक्षी सदस्यों ने इसे गंभीर बताया.
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पक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने विधानसभा की कमेटी से जांच कराने की मांग की. विधानसभा अध्यक्ष ने इसपर अपनी सहमति दे दी और कमेटी बनाने की भी घोषणा कर दी. मंत्री जीवेश कुमार ने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले का स्वागत किया.
कुमार शैलेंद्र ने किया खुलासा
विधानसभा में बीजेपी के विधायक कुमार शैलेंद्र ने इस मामले का खुलासा करते हुए कहा कि करोड़ों की इसमें गड़बड़ी की गई है. महाराष्ट्र की कंपनी और अधिकारियों की मिलीभगत से यह सब कुछ हुआ है. मंत्री जीवेश कुमार ने भी गड़बड़ी की बात स्वीकार की और कहा कि पूरे मामले में हम जांच कर रहे हैं. बिना पोर्टल बनाए भुगतान किया गया है, उसका भी सामंजस्य जब पूरा भुगतान होगा तब किया जाएगा, लेकिन सदस्य मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए. विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने सदस्यों की मांग पर विधानसभा कमेटी से जांच कराने का फैसला किया.
मंत्री जीवेश कुमार ने कहा "हम विधानसभा अध्यक्ष के फैसले का स्वागत करते हैं, लेकिन हम जांच कर रहे थे. एक करोड़ लोगों को कुशल युवा कार्यक्रम के माध्यम से ट्रेनिंग देना था. मामला पोर्टल बनाने को लेकर है. यह 2016-17 में बनाना था, लेकिन 2017 में नहीं बनाकर 2020 में बनाया गया, लेकिन भुगतान उस दौरान का भी लिया गया है.
"एग्रीमेंट के अनुसार काम नहीं करने पर हम पहले से इसकी जांच कर रहे थे. अब तो विधानसभा अध्यक्ष ने कमेटी बनाने का फैसला किया है तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा."- जीवेश कुमार, श्रम संसाधन मंत्री
एडीआर रिपोर्ट पर तेजस्वी पर निशाना
मंत्री जीवेश कुमार ने तेजस्वी यादव के एडीआर रिपोर्ट को लेकर कहा "तेजस्वी यादव रिपोर्ट को ठीक से पढ़ने की कोशिश नहीं करते हैं. आरोपी होना या दागी होना और बात है. किसी पर भी मामला हो सकता है. जब तक मामला साबित ना हो जाए तब तक उसे अपराधी नहीं कह सकते.