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सत्तर घाट पुल पर घिरी सरकार: 'बाढ़ के पानी में बह गया सुशासन बाबू का विकास'

गोपालगंज में बुधवार को तीन लाख से ज्यादा क्यूसेक पानी का बहाव था. गंडक के इतने बड़े जलस्तर के दबाव से इस महासेतु का एप्रोच पथ टूट गया. यह पुल गोपालगंज को चंपारण से और इसके साथ तिरहुत के कई जिलों को जोड़ता था.

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Published : Jul 16, 2020, 4:00 PM IST

Updated : Jul 16, 2020, 6:53 PM IST

गोपालगंज
गोपालगंज

पटना: बिहार के गोपालगंज जिले में गंडक नदी के तेज बहाव का दबाव एक महीने पूर्व बना रामजानकी पथ नहीं झेल सका और टूट गया, जिससे इस सड़क पर आवगमन बाधित हो गया. बैकुंठपुर प्रखंड के खोम्हारीपुर में पुलिया के पास सड़क टूटने से उत्तर बिहार के कई जिलों का संपर्क टूट गया. बुधवार की सुबह से ही आवागमन ठप हो गया.

पटना
पानी के दबाव के कारण टूट गई सत्तरघाट एप्रोच पथ

सत्तरघाट महासेतु का एप्रोच रोड धंसा

बता दें कि गोपालगंज में बुधवार को तीन लाख से ज्यादा क्यूसेक पानी का बहाव था. गंडक के इतने बड़े जलस्तर के दबाव से इस महासेतु का एप्रोच पथ टूट गया. यह पुल गोपालगंज को चंपारण से और इसके साथ तिरहुत के कई जिलों को जोड़ता था.

बाढ़ के पानी के दबाव के कारण एक हिस्सा धंसकर टूट : DM

इस बीच, बुधवार की शाम अधिकारियों की एक टीम हालात का जायजा लेने घटनास्थल पर पहुंची. राज्य पुल निगम के टीम लीडर अभियंता अभय कुमार प्रभात की टीम पहुंचकर क्षति का आकलन किया और स्थानीय अधिकारियों को कई निर्देश दिए. डीएम अरशद अजीज ने बताया कि एप्रोच सड़क हाल ही में बनाई गई थी. बाढ़ के पानी के दबाव के कारण एक हिस्सा धंसकर टूट गया है. पानी कम होने के बाद सड़क को दुरुस्त कराया जाएगा.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव का बयान

पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने भी 70 घाट पुल मामले में सफाई दी है. उन्होंने कहा है कि सत्तर घाट पुल के क्षतिग्रस्त होने की झूठी खबर चल रही है. सत्तर घाट मुख्य पुल से लगभग दो किलोमीटर दूर गोपालगंज की ओर एक 18 मी लम्बाई के छोटे पुल का पहुंच पथ कट गया है. यह छोटा पुल गंडक नदी के बांध के अंदर है. गंडक नदी में पानी का दबाव गोपालगंज की और ज्यादा है. इस कारण पुल के पहुंच का सड़क का हिस्सा कट गया है. मुख्य सत्तर घाट पुल जो 1.4 किलोमीटर लंबा है, सुरक्षित है.

पटना
पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा

वशिष्ठा कंपनी को मिला था पुल निर्माण का जिम्मा

बता दें कि वशिष्ठा कंस्ट्रक्शन कंपनी के द्वारा पुल एवं 9.1 किलोमीटर फैजुल्लाहपुर से चंपारण के लाला छापर के बीच संपर्क पथ का निर्माण साल 2012 में शुरू किया गया था. पुल को बनाने में 8 साल का वक्त लगा था. 16 जून 2020 को इस रामजानकी सेतु का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उद्घाटन किया था. अधिकारियों ने बताया कि यह सड़क मुख्य रूप से पूर्वी चंपारण के केसरिया और बैकुंठपुर को जोड़ता है. पुल, पुलिया और संपर्क पथ के निर्माण में 263.48 करोड़ की राशि खर्च की गई थी.

पथ निर्माण मंत्री को तुरंत बर्खास्त करें CM नीतीश: तेजस्वी

इस बीच, गोपालगंज में सत्तरघाट पुल का एप्रोच रोड धवस्त होने के मामले पर सियासत गर्म हो गई है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर बाढ़ की वजह से पुल ढहने की दलील दी जा रही है, तो इतनी जल्दबाजी में इस पुल का उद्घाटन ही क्यों किया गया. सिंचाई विभाग क्या कर रहा था. इसकी बनावट में ही गड़बड़ी है, निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया है. सीधे-सीधे भ्रष्टाचार हुआ है. तेजस्वी ने कहा कि मुख्यमंत्री को तुरंत ऐसे भ्रष्ट पथ निर्माण मंत्री का इस्तीफा लेना चाहिए.

पटना
सत्तरघाट एप्रोच पथ टूटने पर प्रतिक्रिया देते नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव

तेजस्वी को एप्रोच और पुल का अंतर नहीं पता: पथ निर्माण मंत्री

तेजस्वी के आरोपों पर पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने सत्तरघाट पुल को लेकर सफाई दी है. नंदकिशोर यादव ने कहा कि सत्तरघाट पुल से कटाव का कोई लेना देना नहीं है. पुल पूरी तरह सुरक्षित है और जो कटा हुआ है. वह पुल से काफी दूर एप्रोच है. उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को एप्रोच और पुल का अंतर भी नहीं पता है. विभाग के इंजीनियर इसे ठीक करने में जुटे हुए हैं. इसे दो-तीन दिनों में ठीक कर आवागमन बहाल कर दिया जायेगा.

पटना
पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव

HC के पूर्व जज से हो जांच: विपक्ष

वहीं, विपक्ष के नेताओं ने पुल निर्माण में लापरवाही को लेकर जांच की मांग की है. विपक्ष की मांग है कि सरकार इसकी जांच हाईकोर्ट के पूर्व जज या फिर विधानसभा की ओर से गठित सर्वदलीय कमेटी से करवाए और जांच रिपोर्ट चुनाव से पहले सार्वजनिक करें.

पटना: बिहार के गोपालगंज जिले में गंडक नदी के तेज बहाव का दबाव एक महीने पूर्व बना रामजानकी पथ नहीं झेल सका और टूट गया, जिससे इस सड़क पर आवगमन बाधित हो गया. बैकुंठपुर प्रखंड के खोम्हारीपुर में पुलिया के पास सड़क टूटने से उत्तर बिहार के कई जिलों का संपर्क टूट गया. बुधवार की सुबह से ही आवागमन ठप हो गया.

पटना
पानी के दबाव के कारण टूट गई सत्तरघाट एप्रोच पथ

सत्तरघाट महासेतु का एप्रोच रोड धंसा

बता दें कि गोपालगंज में बुधवार को तीन लाख से ज्यादा क्यूसेक पानी का बहाव था. गंडक के इतने बड़े जलस्तर के दबाव से इस महासेतु का एप्रोच पथ टूट गया. यह पुल गोपालगंज को चंपारण से और इसके साथ तिरहुत के कई जिलों को जोड़ता था.

बाढ़ के पानी के दबाव के कारण एक हिस्सा धंसकर टूट : DM

इस बीच, बुधवार की शाम अधिकारियों की एक टीम हालात का जायजा लेने घटनास्थल पर पहुंची. राज्य पुल निगम के टीम लीडर अभियंता अभय कुमार प्रभात की टीम पहुंचकर क्षति का आकलन किया और स्थानीय अधिकारियों को कई निर्देश दिए. डीएम अरशद अजीज ने बताया कि एप्रोच सड़क हाल ही में बनाई गई थी. बाढ़ के पानी के दबाव के कारण एक हिस्सा धंसकर टूट गया है. पानी कम होने के बाद सड़क को दुरुस्त कराया जाएगा.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव का बयान

पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने भी 70 घाट पुल मामले में सफाई दी है. उन्होंने कहा है कि सत्तर घाट पुल के क्षतिग्रस्त होने की झूठी खबर चल रही है. सत्तर घाट मुख्य पुल से लगभग दो किलोमीटर दूर गोपालगंज की ओर एक 18 मी लम्बाई के छोटे पुल का पहुंच पथ कट गया है. यह छोटा पुल गंडक नदी के बांध के अंदर है. गंडक नदी में पानी का दबाव गोपालगंज की और ज्यादा है. इस कारण पुल के पहुंच का सड़क का हिस्सा कट गया है. मुख्य सत्तर घाट पुल जो 1.4 किलोमीटर लंबा है, सुरक्षित है.

पटना
पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा

वशिष्ठा कंपनी को मिला था पुल निर्माण का जिम्मा

बता दें कि वशिष्ठा कंस्ट्रक्शन कंपनी के द्वारा पुल एवं 9.1 किलोमीटर फैजुल्लाहपुर से चंपारण के लाला छापर के बीच संपर्क पथ का निर्माण साल 2012 में शुरू किया गया था. पुल को बनाने में 8 साल का वक्त लगा था. 16 जून 2020 को इस रामजानकी सेतु का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उद्घाटन किया था. अधिकारियों ने बताया कि यह सड़क मुख्य रूप से पूर्वी चंपारण के केसरिया और बैकुंठपुर को जोड़ता है. पुल, पुलिया और संपर्क पथ के निर्माण में 263.48 करोड़ की राशि खर्च की गई थी.

पथ निर्माण मंत्री को तुरंत बर्खास्त करें CM नीतीश: तेजस्वी

इस बीच, गोपालगंज में सत्तरघाट पुल का एप्रोच रोड धवस्त होने के मामले पर सियासत गर्म हो गई है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर बाढ़ की वजह से पुल ढहने की दलील दी जा रही है, तो इतनी जल्दबाजी में इस पुल का उद्घाटन ही क्यों किया गया. सिंचाई विभाग क्या कर रहा था. इसकी बनावट में ही गड़बड़ी है, निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया है. सीधे-सीधे भ्रष्टाचार हुआ है. तेजस्वी ने कहा कि मुख्यमंत्री को तुरंत ऐसे भ्रष्ट पथ निर्माण मंत्री का इस्तीफा लेना चाहिए.

पटना
सत्तरघाट एप्रोच पथ टूटने पर प्रतिक्रिया देते नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव

तेजस्वी को एप्रोच और पुल का अंतर नहीं पता: पथ निर्माण मंत्री

तेजस्वी के आरोपों पर पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने सत्तरघाट पुल को लेकर सफाई दी है. नंदकिशोर यादव ने कहा कि सत्तरघाट पुल से कटाव का कोई लेना देना नहीं है. पुल पूरी तरह सुरक्षित है और जो कटा हुआ है. वह पुल से काफी दूर एप्रोच है. उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को एप्रोच और पुल का अंतर भी नहीं पता है. विभाग के इंजीनियर इसे ठीक करने में जुटे हुए हैं. इसे दो-तीन दिनों में ठीक कर आवागमन बहाल कर दिया जायेगा.

पटना
पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव

HC के पूर्व जज से हो जांच: विपक्ष

वहीं, विपक्ष के नेताओं ने पुल निर्माण में लापरवाही को लेकर जांच की मांग की है. विपक्ष की मांग है कि सरकार इसकी जांच हाईकोर्ट के पूर्व जज या फिर विधानसभा की ओर से गठित सर्वदलीय कमेटी से करवाए और जांच रिपोर्ट चुनाव से पहले सार्वजनिक करें.

Last Updated : Jul 16, 2020, 6:53 PM IST
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