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संजय जायसवाल का तेजस्वी पर कटाक्ष, BPSC का रिजल्ट देखकर 9वीं पास नेता के पेट में हो रहा है दर्द - संजय जायसवाल ने तेजस्वी पर साधा निशाना

BPSC का परिणाम घोषित होने के बाद बिहार में सियासत शुरू हो गई है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अगड़ी जाति के उम्मीदवार और पिछड़ी जाति के उम्मीदवार के बीच नंबर के अंतर को लेकर सवाल खड़े किए हैं. इस पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष तेजस्वी कटाक्ष किया है.

पटना
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Published : Jun 9, 2021, 5:44 PM IST

पटना: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC Exam) का परिणाम घोषित हो गया है. अब इसे लेकर भी बिहार में राजनीति शुरू हो गई है.

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने अगड़ी जाति और पिछड़ी जाति के उम्मीदवारों के बीच कट ऑफ मार्क्स को लेकर सवाल खड़े किए हैं. दूसरी ओर भाजपा (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल ने तेजस्वी यादव पर कटाक्ष करते हुए पलटवार किया है.

ये भी पढ़ें- BPSC Toppers: महिला वर्ग में खगड़िया की आर्या राज ने किया टॉप

"बीपीएससी का रिजल्ट देखकर हमारे नवीं पास नेता के पेट में जबरदस्त दर्द हो रहा है. उनकी पीड़ा यह है कि पिछड़ों का कट ऑफ मार्क सामान्य वर्ग के बराबर कैसे हो गया. कह रहे हैं कि फिर रिजर्वेशन से क्या फायदा. 9वीं पास नेता जी बहुत खुश होते कि अगर सामान्य वर्ग के 535 के बदले पिछड़े वर्ग का 250 पर सेलेक्शन होता. इनके पिता जी ने बहुत मेहनत से चरवाहा विद्यालय बनाया था और जीवन भर पिछड़ों को लाठी में तेल पिलाने की ही राजनीति समझाए हैं."- संजय जायसवाल, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा

patna
बिहार लोक सेवा आयोग रिजल्ट

सामान्य वर्ग के बराबर पहुंच गए गरीब-पिछड़ों के बेटे
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आज जब गरीब पिछड़ों के बेटे सामान्य वर्ग के बराबर पहुंच गए हैं तो इनको अपना राजनैतिक भविष्य समाप्त होता दिख रहा है. आज अनुसूचित जनजाति के बच्चे 514 और अनुसूचित जाति के बच्चे भी 490 अंक पर चयनित होकर सभी वर्गों के पास पहुंच चुके हैं.

यही बाबा साहब भीमराव आंबेदकर जी का सपना था जिसको आज के युवा जमीन पर उतार रहे हैं. मेडिकल परीक्षा में 80 के दशक में 20% आरक्षण लड़कियों के लिए होता था और सामान्य वर्ग और अनुसूचित जाति वर्ग में लगभग 40% नंबर का अंतर था.

90 के दशक में मेडिकल कॉलेज में स्थितियां ऐसी हो गई कि महिलाओं का आरक्षण 20% से घटाकर 3% करना पड़ा क्योंकि बेटियां 65% सीटों पर हो जाती थी. आज यह देखना बहुत ही सुखद है कि सामान्य वर्ग और पिछड़ा वर्ग का एक बराबर कट ऑफ लिस्ट है.

पटना: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC Exam) का परिणाम घोषित हो गया है. अब इसे लेकर भी बिहार में राजनीति शुरू हो गई है.

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने अगड़ी जाति और पिछड़ी जाति के उम्मीदवारों के बीच कट ऑफ मार्क्स को लेकर सवाल खड़े किए हैं. दूसरी ओर भाजपा (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल ने तेजस्वी यादव पर कटाक्ष करते हुए पलटवार किया है.

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"बीपीएससी का रिजल्ट देखकर हमारे नवीं पास नेता के पेट में जबरदस्त दर्द हो रहा है. उनकी पीड़ा यह है कि पिछड़ों का कट ऑफ मार्क सामान्य वर्ग के बराबर कैसे हो गया. कह रहे हैं कि फिर रिजर्वेशन से क्या फायदा. 9वीं पास नेता जी बहुत खुश होते कि अगर सामान्य वर्ग के 535 के बदले पिछड़े वर्ग का 250 पर सेलेक्शन होता. इनके पिता जी ने बहुत मेहनत से चरवाहा विद्यालय बनाया था और जीवन भर पिछड़ों को लाठी में तेल पिलाने की ही राजनीति समझाए हैं."- संजय जायसवाल, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा

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बिहार लोक सेवा आयोग रिजल्ट

सामान्य वर्ग के बराबर पहुंच गए गरीब-पिछड़ों के बेटे
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आज जब गरीब पिछड़ों के बेटे सामान्य वर्ग के बराबर पहुंच गए हैं तो इनको अपना राजनैतिक भविष्य समाप्त होता दिख रहा है. आज अनुसूचित जनजाति के बच्चे 514 और अनुसूचित जाति के बच्चे भी 490 अंक पर चयनित होकर सभी वर्गों के पास पहुंच चुके हैं.

यही बाबा साहब भीमराव आंबेदकर जी का सपना था जिसको आज के युवा जमीन पर उतार रहे हैं. मेडिकल परीक्षा में 80 के दशक में 20% आरक्षण लड़कियों के लिए होता था और सामान्य वर्ग और अनुसूचित जाति वर्ग में लगभग 40% नंबर का अंतर था.

90 के दशक में मेडिकल कॉलेज में स्थितियां ऐसी हो गई कि महिलाओं का आरक्षण 20% से घटाकर 3% करना पड़ा क्योंकि बेटियां 65% सीटों पर हो जाती थी. आज यह देखना बहुत ही सुखद है कि सामान्य वर्ग और पिछड़ा वर्ग का एक बराबर कट ऑफ लिस्ट है.

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