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पटना: पेसू कार्यालय के बाहर जुगाड़ तकनीक से लगी सेनेटाइजिंग मशीन, यहां पैसे और उपभोक्ता दोनों हो रहे सेनेटाइज - patna news

इस जुगाड़ तकनीक से आम लोग भी खुश हैं और उनका रिस्पांस मिल रहा है. जो भी लोग आ रहे हैं यहां पर अपने पैसों के साथ खुद को सेनेटाइज कर विभाग की मदद कर रहे हैं.

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Published : Jun 5, 2020, 7:21 PM IST

Updated : Jun 6, 2020, 11:05 PM IST

पटना: कोरोना वायरस ने दुनिया की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया है. इसका असर भारत पर भी पड़ा है. देशभर में लॉकडाउन लगाया गया, लेकिन अब सरकारी दफ्तर खुलने लगे हैं तो कोरोना से बचाव की गारंटी भी अब खुद के हाथों में है. ऐसे संकट में पटना के पेसू कार्यालय के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर अवनीश सिंह ने एक अनोखी पहल की है. कार्यालय के बाहर जुगाड़ तकनीकी से सेल्फ सेनेटाइजेशन मशीन लगाई लगी है. जहां लोग पैसे देकर खुद को सेनेटाइज कर सकते हैं.

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पटना विद्युत आपूर्ति कार्यालय

दरअसल, पेसू कार्यालय में बिल के भुगतान के लिए लोगों की लंबी लाइन लगती है. ऐसे में कोरोना के संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है. ऐसे में ये मशीन कोरोना के संक्रमण से तो बचाती ही है, बल्कि विभाग को संक्रमण मुक्त रखती है.

एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने क्या कहा
ईटीवी भारत से खास बातचीत एग्जीक्यूटिव इंजीनियर अवनीश सिंह ने कहा कि कोविड 19 के बीच लोगों को बिजली बिल भुगतान करने के लिए कार्यालय खुल गया था. कार्यालय खुल जाने से हम लोगों के लिए चैलेंज बना हुआ था कि संक्रमण हम तक न पहुंचे. हम भी सुरक्षित रहें और जो लोग यहां आ रहे हैं वो भी सुरक्षित रहें. जो लोग बिजली भुगतान करने के लिए आ रहे थे, उससे हम लोगों को डर था. जिसके बाद ये मशीन बनाने की सोची.

देखें ए रिपोर्ट

अब ग्राहक और कर्मचारी दोनों सेफ हैं
अवनिश ने कहा कि अपने कर्मचारियों को सुरक्षित रखने के लिए हम लोगों ने जुगाड़ तकनीकी के माध्यम से एक ऐसा यंत्र का प्रयोग कर रहे हैं. जिससे आदमी यहां संपर्क में ना आए और उनका हाथ भी सेनेटाइज हो जाए, इसलिए हम लोगों ने फूटअप ऑफ सेनेटाइजर मशीन बनाया है. लेकिन लोगों को सेनेटाइज करने के बाद दूसरा चैलेंज ये था कि हाथ तो सेनेटाइज होंगे लेकिन पैसे कैसे सेनेटाइज होंगे. इसके लिए हमने टेंपरेचर बढ़ाने वाली मशीन बनाई है. इस मशीन में पैसा डालने से करेंसी का टेंपरेचर 70 डिग्री तक हो जाता है. जिस पर किसी तरह के कोई संक्रमण के बैक्टीरिया का खतरा नहीं रहता. ऐसे में हमारे कर्मचारी और उपभोक्ता दोनों सुरक्षित रहते हैं.

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करेंसी सेनेटाइजिंग मशीन

पहले की अपेक्षा हुए ज्यादा बदलाव
गौरतलब है कि शुरुआती दौर में जिस तरह से संक्रमण से बचने के लिए सरकार के पास ना ही पीपीई किट की व्यवस्था थी और ना ही सेनेटाइजर की, लेकिन अब धीरे-धीरे पीपीई किट के साथ सेनेटाइजर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो चुके हैं. लोग संक्रमण से बचने के लिए तरह-तरह के उपाय भी कर रहे हैं.

पटना: कोरोना वायरस ने दुनिया की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया है. इसका असर भारत पर भी पड़ा है. देशभर में लॉकडाउन लगाया गया, लेकिन अब सरकारी दफ्तर खुलने लगे हैं तो कोरोना से बचाव की गारंटी भी अब खुद के हाथों में है. ऐसे संकट में पटना के पेसू कार्यालय के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर अवनीश सिंह ने एक अनोखी पहल की है. कार्यालय के बाहर जुगाड़ तकनीकी से सेल्फ सेनेटाइजेशन मशीन लगाई लगी है. जहां लोग पैसे देकर खुद को सेनेटाइज कर सकते हैं.

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पटना विद्युत आपूर्ति कार्यालय

दरअसल, पेसू कार्यालय में बिल के भुगतान के लिए लोगों की लंबी लाइन लगती है. ऐसे में कोरोना के संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है. ऐसे में ये मशीन कोरोना के संक्रमण से तो बचाती ही है, बल्कि विभाग को संक्रमण मुक्त रखती है.

एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने क्या कहा
ईटीवी भारत से खास बातचीत एग्जीक्यूटिव इंजीनियर अवनीश सिंह ने कहा कि कोविड 19 के बीच लोगों को बिजली बिल भुगतान करने के लिए कार्यालय खुल गया था. कार्यालय खुल जाने से हम लोगों के लिए चैलेंज बना हुआ था कि संक्रमण हम तक न पहुंचे. हम भी सुरक्षित रहें और जो लोग यहां आ रहे हैं वो भी सुरक्षित रहें. जो लोग बिजली भुगतान करने के लिए आ रहे थे, उससे हम लोगों को डर था. जिसके बाद ये मशीन बनाने की सोची.

देखें ए रिपोर्ट

अब ग्राहक और कर्मचारी दोनों सेफ हैं
अवनिश ने कहा कि अपने कर्मचारियों को सुरक्षित रखने के लिए हम लोगों ने जुगाड़ तकनीकी के माध्यम से एक ऐसा यंत्र का प्रयोग कर रहे हैं. जिससे आदमी यहां संपर्क में ना आए और उनका हाथ भी सेनेटाइज हो जाए, इसलिए हम लोगों ने फूटअप ऑफ सेनेटाइजर मशीन बनाया है. लेकिन लोगों को सेनेटाइज करने के बाद दूसरा चैलेंज ये था कि हाथ तो सेनेटाइज होंगे लेकिन पैसे कैसे सेनेटाइज होंगे. इसके लिए हमने टेंपरेचर बढ़ाने वाली मशीन बनाई है. इस मशीन में पैसा डालने से करेंसी का टेंपरेचर 70 डिग्री तक हो जाता है. जिस पर किसी तरह के कोई संक्रमण के बैक्टीरिया का खतरा नहीं रहता. ऐसे में हमारे कर्मचारी और उपभोक्ता दोनों सुरक्षित रहते हैं.

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करेंसी सेनेटाइजिंग मशीन

पहले की अपेक्षा हुए ज्यादा बदलाव
गौरतलब है कि शुरुआती दौर में जिस तरह से संक्रमण से बचने के लिए सरकार के पास ना ही पीपीई किट की व्यवस्था थी और ना ही सेनेटाइजर की, लेकिन अब धीरे-धीरे पीपीई किट के साथ सेनेटाइजर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो चुके हैं. लोग संक्रमण से बचने के लिए तरह-तरह के उपाय भी कर रहे हैं.

Last Updated : Jun 6, 2020, 11:05 PM IST
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