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9.87 लाख स्वयं सहायता समूहों से जोड़े गए 1.20 करोड़ परिवार - ग्रामीण विकास मंत्री

ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से अब तक गठित स्वयं सहायता समूहों को 12 करोड़ रुपये की राशि वित्तीय पोषण के रूप में दी गई है. साथ ही विभाग की ओर से 19-20 में करीब 22 लाख ग्रामीण परिवारों का जीवन बीमा भी कराया गया है.

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Published : Aug 4, 2020, 9:35 PM IST

ग्रामीण विकास
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पटना: प्रदेश में ग्रामीण विकास विभाग ने अब तक 9.87 लाख स्वयं सहायता समूहों का गठन किया है. जिसमें 1.20 करोड़ से अधिक परिवारों को इन समूहों से जोड़ा गया है. इनमें अकेले अन्य राज्यों से आए करीब दो लाख से ज्यादा श्रमिक हैं. इसके अलावा 60.9 हजार से ज्यादा ग्राम संगठन और 1083 संकुल स्तरीय संघ भी गठित किए गए हैं.

रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में हो रहे हैं काम
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से अब तक गठित स्वयं सहायता समूहों को 12 करोड़ रुपये की राशि वित्तीय पोषण के रूप में दी गई है. साथ ही विभाग की ओर से 19-20 में करीब 22 लाख ग्रामीण परिवारों का जीवन बीमा भी कराया गया है. उन्होंने कहा कि जीविका से जुड़े स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को कृषि, दूध उत्पादन, बकरी, मुर्गी, मत्स्य, मधुमक्खी पालन से जोड़ा गया है. साथ ही कला एवं शिल्प के अतिरिक्त गैर कृषि कार्यों व स्वास्थ्य, सम्पोषण एवं स्वच्छता, कौशल एवं समाजिक विकास के क्षेत्र में प्रशिक्षित एवं रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में काम हो रहे हैं.

नई तकनीक से जोड़ा गया कृषकों को
मंत्री ने बताया कि अबतक 12 लाख छोटे और सीमांत कृषकों को कृषि की विभिन्न नई तकनीक से जोड़ा गया है. महिला कृषक द्वारा उत्पादित मक्का, सब्जी और फल को दस कंपनियों द्वारा बेहतर मूल्य दिलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि समेकित मुर्गी विकास एवं एकीकृत बकरी एवं भेड़ विकास योजना के तहत 2.50 लाख परिवारों को मुर्गी पालन एवं बकरी पालन से जोड़ा गया है. कोशी प्रमंडल में कौशिकी दुग्ध उत्पादन कंपनी की स्थापना कर अबतक 450 दुग्ध संग्रह केंद्र खोले गए हैं. मंत्री ने कहा कि कोरोना काल में भी सरकार अन्य राज्यों से आए श्रमिकों के रोजगार के लिए दिनरात काम कर रही है. जिसके बेहतर परिणाम दिखने लगे हैं.

पटना: प्रदेश में ग्रामीण विकास विभाग ने अब तक 9.87 लाख स्वयं सहायता समूहों का गठन किया है. जिसमें 1.20 करोड़ से अधिक परिवारों को इन समूहों से जोड़ा गया है. इनमें अकेले अन्य राज्यों से आए करीब दो लाख से ज्यादा श्रमिक हैं. इसके अलावा 60.9 हजार से ज्यादा ग्राम संगठन और 1083 संकुल स्तरीय संघ भी गठित किए गए हैं.

रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में हो रहे हैं काम
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से अब तक गठित स्वयं सहायता समूहों को 12 करोड़ रुपये की राशि वित्तीय पोषण के रूप में दी गई है. साथ ही विभाग की ओर से 19-20 में करीब 22 लाख ग्रामीण परिवारों का जीवन बीमा भी कराया गया है. उन्होंने कहा कि जीविका से जुड़े स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को कृषि, दूध उत्पादन, बकरी, मुर्गी, मत्स्य, मधुमक्खी पालन से जोड़ा गया है. साथ ही कला एवं शिल्प के अतिरिक्त गैर कृषि कार्यों व स्वास्थ्य, सम्पोषण एवं स्वच्छता, कौशल एवं समाजिक विकास के क्षेत्र में प्रशिक्षित एवं रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में काम हो रहे हैं.

नई तकनीक से जोड़ा गया कृषकों को
मंत्री ने बताया कि अबतक 12 लाख छोटे और सीमांत कृषकों को कृषि की विभिन्न नई तकनीक से जोड़ा गया है. महिला कृषक द्वारा उत्पादित मक्का, सब्जी और फल को दस कंपनियों द्वारा बेहतर मूल्य दिलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि समेकित मुर्गी विकास एवं एकीकृत बकरी एवं भेड़ विकास योजना के तहत 2.50 लाख परिवारों को मुर्गी पालन एवं बकरी पालन से जोड़ा गया है. कोशी प्रमंडल में कौशिकी दुग्ध उत्पादन कंपनी की स्थापना कर अबतक 450 दुग्ध संग्रह केंद्र खोले गए हैं. मंत्री ने कहा कि कोरोना काल में भी सरकार अन्य राज्यों से आए श्रमिकों के रोजगार के लिए दिनरात काम कर रही है. जिसके बेहतर परिणाम दिखने लगे हैं.

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