पटना: के पुनाइचाक इलाके में मंगलवार देर शाम तकरीबन 7:15 पर गोलियों की बौछार कर इंडिगो एयरलाइंस के स्टेशन मैनेजर रूपेश कुमार सिंह को अपराधियों द्वारा मौत के घाट उतार दिया गया था. लगभग 65 घंटे बीत जाने के बावजूद भी अब तक पुलिस के हाथ खाली है. पुलिस अब तक एक भी अपराधी की गिरफ्तारी नहीं कर पाई है. हालांकि पुलिस के हाथ कुछ सुराग लगे है. जिसके आधार पर SIT यूपी के गाजीपुर और बेगूसराय जाकर छानबीन कर सकती है. पुलिस के विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार पुलिस को कुछ महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले हैं जिसके आधार पर हत्यारे जल्द ही पुलिस की गिरफ्त में होंगे.
एसआईटी की टीम गाजीपुर और बेगूसराय में करेगी छानबीन!
पुलिस के माध्यम से प्रथम दृष्टया में छानबीन के दौरान मिल रही जानकारी के अनुसार रूपेश हत्याकांड मामले का तार गाजीपुर और बेगूसराय से जुड़ता दिख रहा है. इस मामले की जांच कर रहे हैं एसआईटी जल्द ही गाजीपुर और बेगूसराय जाकर छानबीन कर सकती है. पुलिस के विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार पुलिस को कुछ महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले हैं. जल्द ही अपराधी पुलिस के गिरफ्त में होंगे.
रुपेश हत्याकांड में CCTV अहम सुराग!
बिहार की राजधानी पटना एयरपोर्ट पर तैनात इंडिगो के स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह हत्याकांड में पुलिस को कुछ अहम सुराग हाथ लगे हैं. सूत्रों के अनुसार सीसीटीवी कैमरे में मिले फुटेज के अनुसार अपराधियों ने एयरपोर्ट से ही रूपेश का पीछा करना शुरू कर दिया था. पूरे रास्ते अपराधी मौके की तलाश में थे. लेकिन रास्ता व्यस्त रहने से शूटरों ने हमला नहीं किया. इसके बाद जैसे ही रूपेश ने अपनी गाड़ी गली की ओर घुमायी, अपराधी सक्रिय हो गये. फिर गाड़ी के अपार्टमेंट के सामने रुकते ही शूटरों ने गोलियां दागनी शुरू कर दी. यह फुटेज पुलिस टीम के लिये तुरुप का पत्ता साबित हुआ है.
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पुलिस को रूपेश के कुसुम विलास अपार्टमेंट के आसपास लगे एक कैमरे से सात बजकर एक मिनट का फुटेज हाथ लगा है. उसमें एक बाइक पर सवार दो युवक गाड़ी को ओवरटेक कर आगे बढ़ते दिखे हैं. पुलिस को आशंका है कि यही दोनों अपराधी थे. अपराधियों ने पहले से ही रूपेश के घर के रास्ते की भी रेकी की थी. उन्हें पता था कि घटना को अंजाम देने के बाद किस ओर से फरार होना है और वे फरार होने में कामयाब भी रहे.
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रूपेश हत्याकांड की जांच कर रही एसआईटी की टीम को इस पूरे मामले में ठेकेदारी और रियल एस्टेट से जुड़े होने की आशंका है. बताया जा रहा है कि रूपेश के भाई सरकारी महकमे की ठेकेदारी करते थे. इस पहलू की भी छानबीन की जा रही है. पुलिस सूत्रों की मानें तो छपरा में भी रूपेश के भाई की ठेकेदारी चलती थी. इसी कारण एक टीम को छपरा भेजा गया है.
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रूपेश के मोबाइल नंबर को भी पुलिस खंगाल रही है. वे किससे अधिक बात करते थे. घटना से ठीक पहले रूपेश ने किन लोगों से बातचीत की थी. किनसे वे ज्यादा संपर्क में रहते थे. इन सारी बातों का खुलासा उनके मोबाइल नंबर से होगा. केस का आईओ शास्त्रीनगर के थानेदार रामशंकर सिंह को बनाया गया है.
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सूत्रों का कहना है कि पुलिस को अब तक जो सुराग लगे हैं उसमें माना जा रहा है कि गोली मारने वाले सुपारी किलर हो सकते हैं. पुलिस रूपेश के मोबाइल फोन को भी खंगाल रही है.
भूरी आंख वाली लड़की की तलाश
दरअसल, रूपेश के साथ अक्सर एक लड़की देखी जाती थी. वो लड़की भी पटना एयरपोर्ट से ही जुड़ी हुई बताई जा रही है. एसआईटी को जिस लड़की की तलाश है, उसकी आंखें भूरी बताई जा रही है. वो पटना एयरपोर्ट से आधा किलोमीटर दूर राजा बाजार इलाके की रहने वाली बताई जा रही है. ये लड़की रूपेश की हत्या के बाद से एयरपोर्ट कार्यालय नहीं आ रही है. इसी लड़की की तलाश एसआईटी को है.
जेल में बंद गैगस्टर से भी की जा रही पूछताछ
बताया जा रहा है कि कुछ लोगों को एसआईटी की टीम ने हिरासत में लिया, वो इस लड़की के परिचित बताए जा रहे हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस मामले में बेऊर जेल में बंद एक गैंगस्टर से भी पुलिस ने पूछताछ की है.
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पटना पुलिस ने शक की बुनियाद पर पूछताछ के लिए दो लोगों को उठाया गया है. जिनका चेहरा सीसीटीवी कैमरे में मिलता-जुलता दिख रहा है. सियासी जगत से लेकर ब्यूरोक्रेसी से भी रुपेश के अच्छे संबंध थे. इस घटना को लेकर एक तरफ जहां विपक्ष के साथ-साथ सत्ता दल के सहयोगी दलों ने भी सरकार पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है.