पटना: इंडिगो के स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह की हत्या के मामले में पुलिस जांच कर रही है. अभी तक जो जानकारी सामने आ रही है उसके अनुसार हत्याकांड को पेशेवर अपराधियों ने अंजाम दिया. इसके लिए अपराधियों ने मुंगेर में बने पिस्टल का इस्तेमाल किया.
घटनास्थल से बरामद किए गए कारतूस की जांच फॉरेंसिक लैब में की गई. प्राप्त जानकारी के अनुसार, कारतूस 7.6 एमएम की हैं. इन तरह के कारतूस का इस्तेमाल अपराधी मुंगेर मेड पिस्टल में करते हैं. मामले की जांच कर रही एसआईटी पटना एयरपोर्ट से लेकर छपरा और गोपालगंज तक हत्यारों का सुराग ढूंढ रही है. पुलिस टेंडर से लेकर गांव की रंजिश तक हर एंगल से जांच कर रही है.
रुपेश हत्याकांड में CCTV अहम सुराग!
बिहार की राजधानी पटना एयरपोर्ट पर तैनात इंडिगो के स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह हत्याकांड में पुलिस को कुछ अहम सुराग हाथ लगे हैं. सूत्रों के अनुसार सीसीटीवी कैमरे में मिले फुटेज के अनुसार अपराधियों ने एयरपोर्ट से ही रूपेश का पीछा करना शुरू कर दिया था. पूरे रास्ते अपराधी मौके की तलाश में थे. लेकिन रास्ता व्यस्त रहने से शूटरों ने हमला नहीं किया. इसके बाद जैसे ही रूपेश ने अपनी गाड़ी गली की ओर घुमायी, अपराधी सक्रिय हो गये. फिर गाड़ी के अपार्टमेंट के सामने रुकते ही शूटरों ने गोलियां दागनी शुरू कर दी. यह फुटेज पुलिस टीम के लिये तुरुप का पत्ता साबित हुआ है.
बाइक सवार ने किया था ओवरटेक
पुलिस को रूपेश के कुसुम विलास अपार्टमेंट के आसपास लगे एक कैमरे से सात बजकर एक मिनट का फुटेज हाथ लगा है. उसमें एक बाइक पर सवार दो युवक गाड़ी को ओवरटेक कर आगे बढ़ते दिखे हैं. पुलिस को आशंका है कि यही दोनों अपराधी थे. अपराधियों ने पहले से ही रूपेश के घर के रास्ते की भी रेकी की थी. उन्हें पता था कि घटना को अंजाम देने के बाद किस ओर से फरार होना है और वे फरार होने में कामयाब भी रहे.
रियल स्टेट और ठेकेदारी एंगल को लेकर हो रही है जांच
रूपेश हत्याकांड की जांच कर रही एसआईटी की टीम को इस पूरे मामले में ठेकेदारी और रियल एस्टेट से जुड़े होने की आशंका है. बताया जा रहा है कि रूपेश के भाई सरकारी महकमे की ठेकेदारी करते थे. इस पहलू की भी छानबीन की जा रही है. पुलिस सूत्रों की मानें तो छपरा में भी रूपेश के भाई की ठेकेदारी चलती थी. इसी कारण एक टीम को छपरा भेजा गया है.
रूपेश का मोबाइल नंबर भी खंगाल रही पुलिस
रूपेश के मोबाइल नंबर को भी पुलिस खंगाल रही है. वे किससे अधिक बात करते थे. घटना से ठीक पहले रूपेश ने किन लोगों से बातचीत की थी. किनसे वे ज्यादा संपर्क में रहते थे. इन सारी बातों का खुलासा उनके मोबाइल नंबर से होगा. केस का आईओ शास्त्रीनगर के थानेदार रामशंकर सिंह को बनाया गया है.
गोली मारने वाले सुपारी किलर
सूत्रों का कहना है कि पुलिस को अब तक जो सुराग लगे हैं उसमें माना जा रहा है कि गोली मारने वाले सुपारी किलर हो सकते हैं. पुलिस रूपेश के मोबाइल फोन को भी खंगाल रही है.
भूरी आंख वाली लड़की की तलाश
दरअसल, रूपेश के साथ अक्सर एक लड़की देखी जाती थी. वो लड़की भी पटना एयरपोर्ट से ही जुड़ी हुई बताई जा रही है. एसआईटी को जिस लड़की की तलाश है, उसकी आंखें भूरी बताई जा रही है. वो पटना एयरपोर्ट से आधा किलोमीटर दूर राजा बाजार इलाके की रहने वाली बताई जा रही है. ये लड़की रूपेश की हत्या के बाद से एयरपोर्ट कार्यालय नहीं आ रही है. इसी लड़की की तलाश एसआईटी को है.
जेल में बंद गैगस्टर से भी की जा रही पूछताछ
बताया जा रहा है कि कुछ लोगों को एसआईटी की टीम ने हिरासत में लिया, वो इस लड़की के परिचित बताए जा रहे हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस मामले में बेऊर जेल में बंद एक गैंगस्टर से भी पुलिस ने पूछताछ की है.
बीजेपी सांसद ने भी उठाए हैं सवाल
बीजेपी राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर ने कहा कि बिना किसी आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति की गोली मारकर हत्या होना दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने इस घटना को बिहार में एनडीए की नवनिर्वाचित सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण बताया है. उन्होंने कहा कि यह घटना बिहार पुलिस पर प्रश्नवाचक चिन्ह है. विवेक ठाकुर ने कहा कि पुलिस को 3-5 दिन के अंदर एक निष्कर्ष पर आना ही पड़ेगा. बीजेपी सांसद ने कहा कि बिहार पुलिस अपनी सक्षमता से स्थिति का जायजा ले और अगर सफलता दूर लगे तो केस को अविलंब CBI को सौंप दें.
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इंडिगो के मैनेजर रूपेश जी के मोबाइल के तथ्यों को जनता के सामने रखा जाय।
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लगता है वह किसी हाइप्रोफाइल राजनेता या, अधिकारी के गहरे राजदार थे। इसलिए उनको सदा के लिए खामोश कर दिया गया। उनके हत्या का तरीका दर्शाता है कोई उन्हें बिल्कुल चुप करा देने को आमादा था। पारदर्शी जांच जरूरी है।
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— Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) January 14, 2021
लगता है वह किसी हाइप्रोफाइल राजनेता या, अधिकारी के गहरे राजदार थे। इसलिए उनको सदा के लिए खामोश कर दिया गया। उनके हत्या का तरीका दर्शाता है कोई उन्हें बिल्कुल चुप करा देने को आमादा था। पारदर्शी जांच जरूरी है।इंडिगो के मैनेजर रूपेश जी के मोबाइल के तथ्यों को जनता के सामने रखा जाय।
— Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) January 14, 2021
लगता है वह किसी हाइप्रोफाइल राजनेता या, अधिकारी के गहरे राजदार थे। इसलिए उनको सदा के लिए खामोश कर दिया गया। उनके हत्या का तरीका दर्शाता है कोई उन्हें बिल्कुल चुप करा देने को आमादा था। पारदर्शी जांच जरूरी है।
पप्पू यादव ने किया ट्वीट
इंडिगो के मैनेजर रूपेश जी के मोबाइल के तथ्यों को जनता के सामने रखा जाय. लगता है वह किसी हाइप्रोफाइल राजनेता या, अधिकारी के गहरे राजदार थे. इसलिए उनको सदा के लिए खामोश कर दिया गया. उनके हत्या का तरीका दर्शाता है कोई उन्हें बिल्कुल चुप करा देने को आमादा था. जिसे लेकर पारदर्शी जांच जरूरी है.