पटना: कृषि कानून के विरोध में किसान लगातार 7 दिनों से दिल्ली की सड़कों पर उतरे हुए हैं. लेफ्ट, कांग्रेस और आरजेडी के बाद अब राष्ट्रीय लोक समता पार्टी भी इस आंदोलन के समर्थन में उतर गई है. अपने पार्टी के दो दिवसीय समीक्षा बैठक में रालोसपा ने किसान आंदोलन के समर्थन में प्रस्ताव पास किया है.
'मजदूर और गरीब विरोधी सरकार'
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि केंद्र सरकार किसान मजदूर और गरीब विरोधी है. किसान के साथ जिस तरह का रवैया सरकार ने अपनाया है. उसकी रालोसपा विरोध करती है. कुशवाहा ने घोषणा किया है कि अगर केंद्र सरकार किसानों की मांगों को नहीं मानती है, तो रालोसपा इसके खिलाफ सड़क पर उतरेगी. पार्टी की समीक्षा बैठक में चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन पर भी विस्तृत चर्चा की गई.
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रालोसपा की ओर से बिहार के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में 15 से 25 दिसंबर तक समीक्षा कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. रालोसपा के कई नेताओं ने समीक्षा बैठक में कहा कि गठबंधन का स्वरूप तैयार करने में काफी विलंब होने के कारण चुनाव में नतीजे हमारे हक में नहीं आ सका. पार्टी लगातार शिक्षा के सवाल पर संघर्ष करते रहेगी. राज्य सरकार पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए रालोसपा दबाव बनाएगी.