पटनाः बिहार के छपरा में जहरीली शराब से 40 लोगों की अबतक मौत (40 people died due to poisonous liquor in Chapra ) हो चुकी है. इस घटना में सूबे में उथल-पुथल मचाकर रख दी है. विपक्षी दल लगातार सरकार को घेर रही है और नीतीश कुमार के इस्तीफे की मांग कर रही है. इसी कड़ी में राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल ने कहा कि 17 दिसंबर को आरएलजेपी और दलित सेना पटना में राज्य कार्यालय के समक्ष धरना देगी.
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राज्यपाल को दिया जाएगा ज्ञापन: राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल ने कहा कि छपरा जहरीली शराबकाण्ड को लेकर 17 दिसम्बर को राष्ट्रीय लोजपा और दलित सेना के पटना राज्य कार्यालय के आगे हजारों कार्यकर्ता महाधरना देगें. महाधरना की समाप्ति के बाद राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केन्द्रीय खााद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व में सभी सांसद एवं पार्टी के नेताओं का प्रतिनिधिमंडल महामाहिम राज्यपाल फागू चैहान से मिलकर राज्य में जहरीली शराब से हो रही मौत एवं छपरा जहरीली शराब कांड, राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर ज्ञापन सौंपा जायेगा.
सीएम और डिप्टी सीएम के बयान को बताया शर्मनाकः श्रवण कुमार ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के बयान पीओगे तो मरोगे को बेहद ही शर्मनाक बताया. उन्होंने कहा कि छपरा जिले में जहरीली शराब से चालीस से ज्यादा जाने जा चुकी है. चालीस से ज्यादा परिवारों में मौत का मातम पसरा हुआ है. छपरा जिला के इसुआपुर, मशरक, मढ़ौरा और अमनौर में जहरीली शराब से मरने वालों के घरों से चीख और चित्कार की आवाज सारा देश सुन रहा है, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके उत्तराधिकारी उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव इनते असंवेदनशील और निष्ठुर हो गये हैं किमरने वालों के परिवारों का आंसू पोंछने के बजाय शर्मनाक बयान दे रहे हैं.
2005 में नीतीश कुमार ने हर पंचायत में खुलवाई थी शराब दुकानः राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की स्मरणशक्ति कमजोर हो गई है, लेकिन राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी नीतीश कुमार की स्मरण शक्ति को दुरूस्त कराना चाहती है कि, उनको यह याद होना चाहिए कि नवंबर 2005 में वह मुख्मंत्री बने थे तो उन्होंने ही बिहार में शराब नीति में बड़ा बदलाव करते हुए बिहार के हर पंचायत में देसी और विदेशी कम्पोजिट शराब की दुकान और शहरों में बड़े पैमाने पर शराब की दुकानें खुलवायी थी. नीतीश कुमार ने राजस्व की उगाही के लिए राज्य में अपने मुख्यमंत्रित्व काल में लम्बे समय तक गांव-गांव में शराब बेचवायी थी.
2016 से अबतक गई कई जानें: श्रवण कुमार ने कहा कि 2016 से जो विफल शराबबंदी नीतीश कुमार ने राज्य में लागू किया इस शराबबंदी नीति से बिहार को काफी नुकसान हुआ. 2016 के बाद से हजारों लोगों की जान जहरीली शराब से चली गई. इस कारण हजारों महिलायें विधवा हो गई. हजारों बच्चें शराबबंदी नीति से अनाथ हो गए. नीतीश कुमार का यह कथन कि उन्होंने महिलाओं की मांग पर शराबबंदी की, पूरी तरह से बेतुका बकवास और झूठा है. राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि नीतीश कुमार यह बताए कि वैशाली के देसरी के आठ मासूम बच्चों को ट्रक ड्राइवर ने शराब पीकर कुचल कर मार डाला था. उन मासूम बच्चों ने शराब का नाम भी नहीं सुना था, ना ही शराब पी थी.
शराबबंदी कानून पर पुनर्विचार की जरूरतः राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल ने कहा कि छपरा के जिस इलाके में कल से लेकर आज तक जहरीली शराब से लोगों की मौत हुई है. इसी इलाके में जहरीली शराब से 18 लोगों की मौत चार माह पहले हुई थी. आरएलजेपी नीतीश कुमार से यह आग्रह करती है कि वे शराबबंदी के सवाल पर अपनी हठधर्मिता और जिद को त्याग कर शराबबंदी कानून पर पुनर्विचार करें. 17 दिसम्बर को आयोजित महाधरना में रालोजपा के प्रदेश अध्यक्ष सांसद प्रिंस राज पासवान, सांसद वीण देवी, सांसद महबूब अली कैसर, सांसद चंदन सिंह, विधान पार्षद भूषण कुमार और अन्य नेतागण शामिल होंगे.
"17 दिसंबर को आरएलजेपी और दलित सेना पटना में राज्य कार्यालय के समक्ष धरना देगी. महाधरना की समाप्ति के बाद पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व में महामाहिम राज्यपाल फागू चैहान से मिलकर राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर ज्ञापन सौंपा जायेगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के बयान पीओगे तो मरोगे को बेहद ही शर्मनाक है" - श्रवण कुमार अग्रवाल, प्रवक्ता, आरएलजेपी