पटना: राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी ( RLJP Attack On Nitish Government) के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल ने कहा है कि बिहार में विधानसभा के मध्यावधि चुनाव होना तय हैं. राष्ट्रीय प्रवक्ता अग्रवाल ने कहा कि नीतीश कुमार ( CM Nitish Kumar) किसी भी कीमत पर मुख्यमंत्री की कुर्सी नहीं छोड़ेंगे. नीतीश कुमार 2023 के अंत में विधानसभा को भंग कर 2024 के लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव कराने की रणनीति बना चुके हैं.
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2023 में तेजस्वी बनेंगे बिहार के सीएम!: राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने कहा कि राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह का यह बयान कि हमें लगता है की 2022 बीतने के बाद नीतीश कुमार केंद्र की लड़ाई लड़ेंगे और मुख्यमंत्री की कुर्सी तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav will become CM of Bihar in 2023) को सौंप देंगे. शुक्रवार को राजद के मुख्य प्रवक्ता और पार्टी के विधायक के द्वारा मीडिया के सामने यह कहना कि नीतीश कुमार से 2023 में तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाए जाने का फार्मूला तय किया गया है. साफ है नीतीश कुमार ने रणनीति तैयार कर ली है.
"राजद नेताओं कल से ही बयानबाजी कर रहे हैं. उपेंद्र कुशवाहा के द्वारा किसी अनहोनी के डर से अपने बेटा या बेटी की शादी जैसे तैसे जल्दबाजी में निपटा लेने की बातें कही जा रही हैं. आज जिस तरह से जदयू के प्रदेश अध्यक्ष सहित जदयू के कई नेता राजद द्वारा दिए गए बयान पर हमलावर हैं, अभी लालू और नीतीश के सरकार के गठन के 2 माह भी पूरे नहीं हुए हैं और मुख्यमंत्री की कुर्सी पर दोनों दलों के दावेदारी को लेकर आपस में उठापटक शुरू हो गयी है."- श्रवण कुमार अग्रवाल, राष्ट्रीय प्रवक्ता, राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी
'सीएम नीतीश तेजस्वी को नहीं देंगे कुर्सी': उन्होंने कहा कि राजद नेता शिवानंद तिवारी नीतीश कुमार को सन्यास लेकर आश्रम जाने की सलाह दे चुके हैं और राजद के वरीय नेता नीतीश कुमार को जबरदस्ती दिल्ली वाली ट्रेन में बैठाकर भेजना चाह रहे हैं. जबकि नीतीश कुमार खुद और उनकी पार्टी लगातार कह रही है कि 2025 तक नीतीश कुमार ही बिहार के मुख्यमंत्री रहेंगे. पार्टी प्रवक्ता अग्रवाल ने तेजस्वी यादव सहित राजद नेताओं को यह स्मरण दिलाया कि नीतीश कुमार को पलटू राम और कुर्सी कुमार और ना जाने क्या-क्या कह कर संबोधित किया था. बिहार और देश की राजनीति में पलटी मारने का कीर्तिमान स्थापित करने वाले और अपने गठबंधन के सहयोगी और अपने साथियों के साथ धोखा देने में नीतीश कुमार को महारत हासिल है. इसलिए नीतीश कुमार को उनकी पार्टी के लोग राजनीति का चाणक्य बताते हैं. 2023 में फिर से नीतीश कुमार पलटी मारेंगे और तेजस्वी यादव को किसी भी कीमत पर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने नहीं देंगे.
'टाइम आने दीजिए तेजस्वी बनेंगे सीएम': आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव (RJD President Lalu Yadav) ने 28 सितंबर काे राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन किया (Lalu Yadav Files Nomination for RJD President Post) था. इस मौके पर तेजस्वी को सीएम बनाने को लेकर जब मीडिया से सवाल पूछा तो उन्होंने कहा था कि सब होगा, टाइम पर होगा. थोड़ा इंतजार करिए. हम चाहते हैं कि तेजस्वी बिहार का मुख्यमंत्री बनें.
केंद्र की राजनीति में सक्रिय हाेंगे नीतीशः बता दें कि तेजस्वी यादव काे मुख्यमंत्री बनाये जाने काे लेकर पिछले कुछ दिनों से बयानबाजी हाे रही है. राजनीतिक फिजा में यह बात नीतीश के एक बयान के बाद ही तेज पकड़ी. दरअसल नीतीश ने एक मौके पर तेजस्वी की ओर इशारा करते हुए कहा था कि वे चाहते हैं कि युवा पीढ़ी आगे आएं. इस बयान के बाद यह हवा चलने लगी कि तेजस्वी मुख्यमंत्री बनेंगे और नीतीश केंद्र की राजनीति में सक्रिय हाेंगे. राजद नेता शिवानंद तिवारी ने भी नीतीश काे तेजस्वी को सत्ता सौंपकर आश्रम खोलने की सलाह दी थी.