पटना: जेडीयू से अलग होने के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी नई पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल का गठन किया है. वह लगातार संगठन को मजबूत करने पर काम कर रहे हैं. सभी 38 जिलों में उपेंद्र कुशवाहा अपनी पार्टी का संगठन तैयार कर रहे हैं. माना जा रहा है कि उनकी ओर से सभी 40 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी की जा रही है. वहीं जिन सीटों पर बीजेपी के साथ तालमेल होने की उम्मीद है, उस पर विशेष फोकस है. विशेष रूप से लव-कुश वोट बैंक को साधने की कोशिश होगी.
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राजगीर में आरएलजेडी का प्रशिक्षण शिविर: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा के राजगीर में इसी महीने 28, 29 और 30 अप्रैल को होने वाले कार्यक्रम को प्रशिक्षण शिविर का नाम दिया गया है. जिसमें अलग-अलग विषयों के राजनीति के जानकार उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी के कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करेंगे. पार्टी किस सिद्धांतों के साथ चलेगी और किस मुद्दे पर आगे काम करेगी, इस दौरान वह भी तय होगा. हालांकि उपेंद्र कुशवाहा की नजर लोकसभा की उन सीटों पर विशेष रूप से है, जिन पर लोकसभा चुनाव लड़ना है.
तीन सीटों पर बीजेपी से तालमेल की संभावना: पहले जब एनडीए में उपेंद्र कुशवाहा थे तो उन्हें काराकाट, सीतामढ़ी और जहानाबाद सीट मिली थी. इस बार भी उपेंद्र कुशवाहा के नजदीकियों की मानें तो काराकाट से खुद चुनाव लड़ेंगे. ऐसे में बीजेपी के साथ तालमेल होने वाली सीटों पर पार्टी के नेताओं के साथ मंथन होगा और गठबंधन के साथियों को मजबूती देने के लिए सभी 40 सीटों पर कुशवाहा वोट बैंक को साधने के लिए रणनीति तैयार होगी.
30 को बड़ा ऐलान करेंगे उपेंद्र कुशवाहा: पार्टी बनाने के बाद उपेंद्र कुशवाहा का यह बड़ा कार्यक्रम होगा और नीतीश कुमार के गृह जिले में हो रहे कार्यक्रम से उपेंद्र कुशवाहा एक संदेश देने की कोशिश भी करेंगे, क्योंकि लव-कुश वोट बैंक नीतीश कुमार का आधार वोट बैंक रहा है. कुशवाहा इस वोट बैंक पर अपनी दावेदारी कर रहे हैं. 30 अप्रैल को उपेंद्र कुशवाहा राजगीर से बड़ी घोषणा भी कर सकते हैं.
"हम लोग लगातार बैठक कर रहे हैं. 38 जिलों के कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ बैठक में आगे की रणनीति भी तैयार हुई है लेकिन 28 अप्रैल से 30 अप्रैल तक होने वाली बैठक महत्वपूर्ण है. जिसमें हम लोगों को 2024 और 2025 के चुनाव में क्या करना है, वह स्पष्ट किया जाएगा"- राम पुकार सिंह, महासचिव, राष्ट्रीय लोक जनता दल
संगठन को खड़ा करना बड़ी चुनौती होगी: लोकसभा चुनाव 2024 में अब करीब एक साल का समय शेष रह गया है. ऐसे में सभी दल अपने-अपने तरीके से तैयारियों में लगे हैं. उपेंद्र कुशवाहा के लिए अपनी नई पार्टी और उसके संगठन को फिर से खड़ा करना सबसे बड़ी चुनौती है. यही वजह है कि पार्टी की ओर से लगातार कई कार्यक्रम हो रहे हैं. बाबा साहेब अंबेडकर जयंती से लेकर बाबू वीर कुंवर सिंह जयंती मनाने की भी तैयारी है लेकिन उपेंद्र कुशवाहा की नजर लव-कुश वोट बैंक पर है. उसको साधने के लिए के 28, 29 और 30 अप्रैल को संगठन स्तर पर यह बड़ा कार्यक्रम है, जिसमें अपने साथियों को उपेंद्र कुशवाहा बड़ी जिम्मेदारी भी देंगे और नए लोगों को जोड़ने का अभियान भी चलेगा.