पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भाजपा की दोस्ती की बात का स्वागत करना चाहिए, यह कहना है बीजेपी संस्थापक सदस्य और पूर्व राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा का. दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मोतिहारी केंद्रीय विश्वविद्यालय के मंच से बीजेपी से आजीवन दोस्ती की बात स्वीकारी है. बाद में भले उन्होंने अपनी बात को पटना एम्स के दीक्षांत समारोह में सुधार लिया हो लेकिन, जब बात निकली है तो दूर तलक जाएगी ही.
'नीतीश कुमार से पुरानी दोस्ती'- आरके सिन्हा: मोतिहारी केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में डॉक्टरेट की मानद उपाधि पाने वाले भाजपा के संस्थापक सदस्य और पूर्व राज्यसभा सांसद आरके सिंह वहां मौजूद थे. नीतीश कुमार से उनकी पुरानी दोस्ती है. वह इस बात को स्वीकारते हैं कि नीतीश कुमार की व्यक्तिगत दोस्ती सभी लोगों से है, भले गठबंधन अलग हो.
"यह बहुत अच्छी बात है. अगर राजनीति में दो अलग-अलग विचारधाराओं के लोग मन में दुर्भावना लेकर काम ना करें, तो बहुत अच्छी चीज है. नीतीश ने जो कहा उसमें कोई गलत बात नहीं है. आप कहां गए उससे क्या फर्क पड़ता है, आप अपना धर्म कहीं भी निभा रहे हैं, यही काफी है. नीतीश बीजेपी में आते हैं तो उनका हमेशा स्वागत करेंगे."- आरके सिन्हा, पूर्व राज्यसभा सांसद
'नीतीश के बयान को राजनीतिक रूप ना दें': डॉक्टरेट की उपाधि पाने के बाद आरके सिन्हा ने बताया कि यह उपाधि उन्हें पत्रकारिता, समाज सेवा और रोजगार सृजन के क्षेत्र में दिया गया है, जो एक बड़ी उपलब्धि है. नीतीश कुमार के भाजपा में आने के संबंध में ईटीवी से खास बातचीत में आरके सिन्हा ने बताया कि हर किसी का हर लोगों से संबंध है. इसे राजनीतिक रूप नहीं दिया जाए.
'नीतीश कुमार के इस बात का स्वागत करना चाहिए': जब ईटीवी ने उनसे पूछा कि वह मंच ना तो राजनीतिक था और ना ही व्यक्तिगत था, भरी सभा में जब नीतीश कुमार ने इस बात को स्वीकार किया कि मरते दम तक वह दोस्ती निभाएंगे तो, भाजपा नेता ने कहा कि नीतीश कुमार के इस बात का स्वागत करना चाहिए. जो जो लोग भाजपा के गठबंधन में आना चाहते हैं, उनका भाजपा को स्वागत करना चाहिए चाहे वह कोई भी हो.
'यह एक सुखद संदेश': आरके सिन्हा से जब यह पूछा गया कि क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा गठबंधन की तरफ आएंगे तो उनका स्वागत किया जाएगा तो, आरके सिन्हा ने कहा कि वह भाजपा के कोई नीति निर्धारक नहीं है. लेकिन यदि कोई सच्चे मन से भाजपा की तरफ आना चाहे तो सभी का स्वागत होना चाहिए. भाजपा नेता ने इस बात का भी जिक्र किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा के केंद्र की सरकार का धन्यवाद दिया है. दोनों सरकार मिलकर यदि केंद्रीय विश्वविद्यालय का कैंपस तैयार करती है तो यह एक सुखद संदेश है.
नीतीश ने क्या कहा था?: मोतिहारी में केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में नीतीश कुमार ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर के साथ ही बीजेपी नेताओं की मौजूदगी में पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ की थी. उन्होंने कहा कि "जब तक हम जीवित रहेंगे, इज्जत करते रहेंगे. हमारी दोस्ती कभी समाप्त नहीं होगी. जब तक जीवित रहेंगे आप लोगों से मेरा संबंध रहेगा."
बयान पर नीतीश ने दी सफाई: वहीं बयान से मची खलबली के बीच मुख्यमंत्री ने बिना देरी किए अपने बयान पर सफाई भी दी है. गुरुवार को पटना एम्स में आयोजित पहले दीक्षांत समारोह में नीतीश ने कहा कि ये लोग यहां बैठे हैं, उसी तरह से वहां (मोतिहारी) पुराने साथी बैठे थे. हमने कहा कि याद रखिएगा कि यहां पर कैसे सब हुआ है. इस पर सब ताली बजाने लगे लेकिन इसका कोई मतलब नहीं है.