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फोन टैपिंग का मुद्दा लोकसभा में उठायेगा राजद

एक खास पेगासस नाम के सॉफ्टवेयर (Pegasus Software) से मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, पत्रकारों, बड़े वकीलों समेत कई बड़ी हस्तियों की जासूसी करवाने के आरोपों को लेकर विपक्ष अब केंद्र सरकार को घेरने में जुट गया है. राजद के सांसद आज इस मुद्दे को संसद में उठायेंगे.

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Published : Jul 19, 2021, 10:51 AM IST

पटना: जासूसी और फोन टैपिंग का भूत एक बार फिर भारत में बोतल के बाहर आ गया है. एक विदेशी अखबार ने आरोप लगाया है कि दुनिया की कई सरकारों ने एक खास पेगासस (Pegasus) नाम के सॉफ्टवेयर के जरिए मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, पत्रकारों, बड़े वकीलों समेत कई बड़ी हस्तियों की जासूसी करवा रही हैं. जिसमें भारत भी शामिल है. हालांकि भारत सरकार ने इस दावे को खारिज किया है. अब राजद ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की योजना बनायी है. राजद सांसद मानसून सत्र में सरकार को इस मुद्दे पर घेरेंगे. इसके लिए बड़े पैमाने पर तैयारी की गयी है.

ये भी पढ़ें: बेतिया: बढ़ती महंगाई के खिलाफ RJD कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का फूंका पुतला

बता दें कि एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठन (International Media Organization) ने खुलासा किया है कि केवल सरकारी एजेंसियों को ही बेचे जाने वाले इजराइल के खुफिया साफ्टवेयर के जरिए भारत के दो केंद्रीय मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, विपक्ष के तीन नेताओं और एक न्यायाधीश सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और अधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर को हैक करने की आशंका है. यह रिपोर्ट रविवार को सामने आई थी. हालांकि सरकार ने अपने स्तर से खास लोगों की निगरानी संबंधी आरोपों को खारिज किया है. सरकार ने कहा कि इससे जुड़ा कोई ठोस आधार या सच्चाई नहीं है.

पटना: जासूसी और फोन टैपिंग का भूत एक बार फिर भारत में बोतल के बाहर आ गया है. एक विदेशी अखबार ने आरोप लगाया है कि दुनिया की कई सरकारों ने एक खास पेगासस (Pegasus) नाम के सॉफ्टवेयर के जरिए मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, पत्रकारों, बड़े वकीलों समेत कई बड़ी हस्तियों की जासूसी करवा रही हैं. जिसमें भारत भी शामिल है. हालांकि भारत सरकार ने इस दावे को खारिज किया है. अब राजद ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की योजना बनायी है. राजद सांसद मानसून सत्र में सरकार को इस मुद्दे पर घेरेंगे. इसके लिए बड़े पैमाने पर तैयारी की गयी है.

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बता दें कि एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठन (International Media Organization) ने खुलासा किया है कि केवल सरकारी एजेंसियों को ही बेचे जाने वाले इजराइल के खुफिया साफ्टवेयर के जरिए भारत के दो केंद्रीय मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, विपक्ष के तीन नेताओं और एक न्यायाधीश सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और अधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर को हैक करने की आशंका है. यह रिपोर्ट रविवार को सामने आई थी. हालांकि सरकार ने अपने स्तर से खास लोगों की निगरानी संबंधी आरोपों को खारिज किया है. सरकार ने कहा कि इससे जुड़ा कोई ठोस आधार या सच्चाई नहीं है.

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